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      May 14, 2025
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      पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन पर सैकड़ों क़ैदियों की सज़ाएं माफ़

      14/10/2022
      पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन पर सुप्रीम लीडर नो सैकड़ों क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ या कम कीं।

      इस्लामी व्यवस्था के ओहदेदारों और इस्लामी युनिटी कांफ़्रेंस के मेहमानों से आयतुल्लाह ख़ामेनेई का ख़ेताब, 14 अकतूबर 2022

      14/10/2022

      दुनिया का सियासी नक़्शा बदल रहा है, इस्लामी दुनिया आपसी एकता से ताक़त के नए आर्डर में अहम जगह हासिल कर सकती है

      14/10/2022
      पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर ईरान के सिविल व फ़ौजी अधिकारियों और छत्तीसवीं अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में शिरकत करने वाले मेहमानों ने शुक्रवार को सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।

      हंगामे भीतर से नहीं उठे बाहर से प्रचारिक बमबारी की गई

      14/10/2022
      हालिया हंगामे ख़ुद बख़ुद अंदर से उठने वाली चीज़ नहीं है। प्रचारिक बमबारी, सोच पर असर डालने की कोशिशें, ‎पेट्रोल बम बनाने की ट्रेनिंग देने जैसी हैजान पैदा करने की कोशिशें, यह सारे काम दुश्मन खुलकर अंजाम दे रहा है। ‎ इमाम ख़ामेनेई 12 अकतूबर 2022

      ईरान में हंगामों के पीछे किसका हाथ है ?

      14/10/2022
      जवान लड़की की मौत पर हमें भी सदमा हुआ, लेकिन इस घटना पर आने वाला रिएक्शन, नॉर्मल बात नहीं थी, ये दंगे मंसूबे के तहत कराए गए।

      पैग़म्बरे इस्लाम के मुबारक जन्म दिन के मौक़े पर मुल्क के आला ओहदेदारों और इस्लामी युनिटी कॉन्फ़्रेंस के मेहमानों के बीच स्पीच

      14/10/2022
      युनिटी सप्ताह और पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन  के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 14 अक्तूबर को मुल्क के आला ओहदेदारों और इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस के मेहमानों को संबोधित किया। अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत, मुल्क और दुनिया के हालात और मुसलमानों के बीच युनिटी जैसे विषयों पर रौशनी डाली। (1) तक़रीर पेश हैः

      ईरान में शिया-सुन्नी कांधे से कांधा मिलाकर...

      13/10/2022
      हम दुनिया को यह सिखाना चाहते हैं और यह कहना चाहते हैं कि मुसलमान भाई आपस में सहयोग करें, एक साथ ज़िन्दगी गुज़ारें। इसका नमूना सीस्तान-व-बलोचिस्तान है।

      इस्लामी हुकूमत का निचोड़

      12/10/2022
      मदीने में इस्लाम की हुक्मरानी का दौर इस्लामी सिस्टम का निचोड़ पेश करने और इंसानी तारीख़ के हर दौर और हर जगह के लिए इस्लाम की हुक्मरानी का नमूना और नज़ीर तैयार करने का ज़माना है। पैग़म्बरे इस्लाम का मक़सद सिर्फ़ मक्के के काफ़िरों से जेहाद करना नहीं था। यह एक आलमी मिशन का मामला था। मक़सद यह था कि इंसान की आज़ादी, बेदारी और ख़ुशक़िस्मती का पैग़ाम हर दिल में उतर जाए। यह मक़सद एक आइडियल सिस्टम की रचना के बग़ैर पूरा नहीं हो सकता था। इमाम ख़ामेनेई 18 मई 2001

      एक्सपीडिएंसी डिसर्नमेंट काउंसिल के सदस्यों की इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात

      12/10/2022

      जीत मिलने पर अल्लाह का सजदा

      12/10/2022
      यह बड़ी अहम बात है कि मोमिन ईरानी खिलाड़ी जीत मिलने के बाद नाज़ व नख़रे दिखाने ‎के ‎बजाए ज़मीन ‎पर सर रखता है और अल्लाह का सजदा बजा लाता है। इमाम ख़ामेनेई ‎11 सितम्बर 2022‎

      हालिया हंगामों में दुश्मन का हाथ होने की बात सब मानते हैं, यह दुश्मन का कारनामा नहीं मायूसी में डूबी कोशिश है

      12/10/2022
      एक्सपीडिएंसी डीसर्नमेंट काउंसिल के हेड और काउंसिल के नए दौर के सदस्यों ने बुधवार को तेहरान में सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की। आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने इस काउंसिल को इसमें ग़ैर मामूली सलाहियत व तजुर्बेकार लोगों की मौजूदगी और मुल्क के अहम विषयों व काउंसिल को सौंपी गई बड़ी ज़िम्मेदारियों के लेहाज़ से इस्लामी जुम्हूरिया का बहुत अहम इंस्टीट्यूशन क़रार दिया।

      अहम ख़ुतबे: जो लोग इमाम ख़ुमैनी के मुक़ाबले में खड़े हुए, वो रुसवा हुए

      11/10/2022

      छिपाना ना मुमकिन

      11/10/2022
      स्पोर्ट्स के मैदान में मिलने वाली जीत और दूसरी कामयाबियों में एक बुनियादी फ़र्क़ है। फ़त्ह एक लम्हे में मिलती ‎है और फ़ौरन सब को मालूम हो जाता है। जिस लम्हा आप जीत हासिल करते हैं दसियों लाख और कभी तो करोड़ों ‎लोग उस जीत को अपनी आंख से देखते हैं। ज़ाहिर है कि यह बहुत अहम कामयाबी है। बहुत अहम है और दूसरी ‎कामयाबियों के विपरीत इसे छिपाना नामुमकिन है। इमाम ख़ामेनेई ‎11 सितम्बर 2022‎

      स्पोर्ट्स विभाग के शहीदों के दूसरे नेश्नल सेमीनार के आयोजकों की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात

      10/10/2022

      खेल की दुनिया के शहीदों पर दूसरे नेश्नल सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात, खेल में अख़लाक़ और नैतिकता के महत्व का जायज़ा

      10/10/2022
      इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने 11 सितंबर सन 2022 को शहीद खिलाड़ियों पर क़ौमी सेमीनार आयोजित करने वाले ज़िम्मेदारों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने स्पीच दी जो 11 अक्तूबर 2022 को इस सेमीनार में पेश की गई।

      स्पोर्ट्स की दुनिया के शहीदों पर दूसरे नेशनल सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर की तक़रीर

      10/10/2022
      इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने 11 सितम्बर सन 2022 को शहीद खिलाड़ियों पर क़ौमी सेमीनार आयोजित करने वाले ज़िम्मेदारों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने स्पीच दी जो 11 अक्तूबर 2022 को इस सेमीनार में पेश की गई। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने इस मुलाक़ात में इस बिन्दु पर बल दिया कि स्पोर्ट्स को केन्द्रीय बिन्दु की हैसियत से अहमियत दी जाए, इसे हाशिये के तौर पर न देखा जाए। उन्होंने स्पोर्ट्स और शहीद खिलाड़ियों के बारे में अहम बिन्दुओं का ज़िक्र किया। (1) आयतुल्लाह ख़ामेनेई की स्पीचः

      अहकाम: ख़रीदारी एजेंट (Purchasing Agent) की तरफ़ से ख़रीदारी के फ़ायदे में से कमीशन लेने का हुक्म

      10/10/2022

      बेग़रज़ व मज़हबी शायर सैय्यद रज़ा मोअय्यद साहब के इंतेक़ाल पर सुप्रीम लीडर का ताज़ियत का ‎पैग़ाम

      08/10/2022
      आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने एक पैग़ाम में बेग़रज़ व मज़हबी शायर सैय्यद रज़ा ‎मोअय्यद के इंतेक़ाल पर ताज़ियत पेश की।

      महदवीयत: अगर महदवीयत का अक़ीदा न होता तो पैग़म्बरों की कुर्बानियाँ बेकार हो जातीं

      07/10/2022

      साफ़ लफ़्ज़ों में कहता हूं हालिया फ़सादात अमरीका और ज़ायोनियों की साज़िश

      07/10/2022
      मैं साफ़ लफ़्ज़ों में कहता हूं कि यह हालिया फ़सादात और हिंसा अमरीका और जाली ज़ायोनी सरकार की साज़िश थी और उनके ख़रीदे हुए लोगों और विदेशों में रहने वाले कुछ ग़द्दार ईरानियों ने उनकी मदद की। इमाम ख़ामेनेई 3 अक्तूबर 2022

      इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम से इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम तक ज़ालिम हुकूमत से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ जद्दोजेहद का एक अंदाज़

      05/10/2022
      हमने रवायतों में देखा और पढ़ा है कि मासूम इमामों की ज़िंदगी अल्लाह की राह में जेहाद की तस्वीर है। इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम से लेकर ग्यारहवें इमाम, इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम तक जेहाद का अंदाज़ एक है। यह एक सिलसिला है जो शुरू से आख़िर तक लगातार कोशिश और जिद्दोजेहद का सिलसिला है। यह वक़्त की हुकूमत के ख़िलाफ़ और हुकूमत से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ लड़ाई और संघर्ष है। इमाम ख़ामेनेई किताब, हमरज़्माने हुसैन अलैहिस्सलाम، पेज 349

      इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम का दौर शिया नेटवर्क की ताक़त के उरूज का दौर

      05/10/2022
      यह तीन इमाम यानी इमाम मुहम्मद तक़ी अलजवाद, इमाम अली नक़ी अलहादी और इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम मदीना से इराक़ लाए गए, तीनों इराक़े में ही रहे और इराक़ में ही उन्हें शहीद और दफ़्न कर दिया गया। तीनों को जवानी में क़त्ल किया गया। इसकी वजह यह थी कि इन तीनों इमामों के ज़माने में शियों का नेटवर्क अपनी ताक़त के उरूज पर पहुंच गया था। इमाम ख़ामेनेई किताब, हमरज़्माने हुसैन अलैहिस्सलाम पेज, 349

      अहम ख़ुतबे: ईरान की स्वाधीनता इस्लामी क्रांति की बरकत है

      04/10/2022

      अहकाम: समुद्री जानवरों को खाने का हुक्म

      03/10/2022

      आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की आफ़ीसर्ज़ अकादमियों के कैडिट्स का पासिंग आउट प्रोग्राम, आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई की शिरकत

      03/10/2022

      नौजवान लड़की की दुखद मौत के बाद दंगे और आगज़नी स्वाभाविक रिएक्शन नहीं: आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई

      03/10/2022
      सशस्त्र बल के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई की मौजूदगी में मुल्क की डिफ़ेन्स यूनिवर्सिटियों की कम्बाइंड पासिंग आउट परेड का समारोह, सोमवार को तेहरान की इमाम हसन मुज्तबा ऑफ़िसर्ज़ अकादमी में आयोजित हुआ। इस मौक़े पर सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच में मुल्क के मौजूदा हालात के बारे में कुछ अहम बिन्दुओं का ज़िक्र किया जिनमें से कुछ इस तरह हैं:

      हालिया दंगे और हिंसा अमरीका और जाली ज़ायोनी शासन की साज़िशों का नतीजा

      03/10/2022
      इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई सोमवार को तेहरान में डिफ़ेंस युनिवर्सिटियों के पासिंग आउट स्टूडेंट्स के संयुक्त समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस समारोह में अपनी में मुल्क में घटी हालिया घटनाओं की ओर इशारा करते हुए बल दियाः इन घटनाओं में सबसे ज़्यादा मुल्क की पुलिस, स्वयं सेवी बल बसीज और ईरानी अवाम पर ज़ुल्म हुआ। अलबत्ता ईरानी क़ौम दूसरी घटनाओं की तरह इस घटना में भी मज़बूती के साथ सामने आई और आगे भी यही होगा।

      कैडिट्स के पासिंग आउट प्रोग्राम में तक़रीर, देश के हालात और बाहरी साज़िशों का अहम जायज़ा

      03/10/2022
      इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 3 अकतूबर 2022 को इस्लामी जुमहूरिया ईरान की आर्फ़्ड फ़ोर्सेज़ की आफ़ीसर्ज़ एकेडमियों के कैडिट्स के ज्वाइंट पासिंग आउट प्रोग्राम में शिरकत की। इस मौक़े पर अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने सुरक्षा की अहमियत और इसमें आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की मुख्य भूमिका पर रौशनी डाली। उन्होंने युवा लड़की की मौत के बाद ईरान में होने वाले दंगों के सभी पहलुओं का जायज़ा लिया। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने अमरीका व इस्राईल साज़िश का पर्दाफ़ाश करते हुए न्यायपालिका और इदारों को अहम निर्देश दिए। (1) तक़रीर इस तरह हैः

      दुश्मन से होशियार!

      27/09/2022
      हम सब को इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से यह सबक़ मिला है कि ऐ मुसलमानो! जेहाद से हरगिज़ न थको, कभी ग़ाफ़िल न हो क्योंकि दुश्मन जाग रहा है और अलग अलग शक्लों, अलग अलग भेस में, अलग अलग मेक-अप में सामने आता है। गहरी नज़र रखो, दुश्मन को पहचानो और दुश्मन से लड़ने का तरीक़ा सीखो! इमाम ख़ामेनेई 24 नवम्बर 1984

      अहम ख़ुतबे: हुक्मरां और अधिकारी अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए अख़लाक़ी तरीक़े अपनाएं

      27/09/2022

      इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम और इमामत का एलान

      27/09/2022
      इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने वली-अहद का ओहदा क़ुबूल करके वह क़दम उठाया जो सन 40 हिजरी में अहलेबैत की ख़ेलाफ़त का दौर ख़त्म होने के बाद से लेकर पूरी ख़ेलाफ़त की तारीख़ में बेनज़ीर है। वह क़दम था पूरी इस्लामी दुनिया की सतह पर शिया अक़ीद-ए-इमामत का एलान, तक़ैया के पर्दे को चाक करके शिया अक़ीदे को सारे मुसलमानों तक पहुंचाना। इमाम ख़ामेनेई 9 अगस्त 1984

      पैग़म्बरे इस्लाम का मक़सद वह समाज बनाना था जिसमें लोग मुत्तहिद रहें

      26/09/2022
      पैग़म्बर की नज़र में इंसान की नजात का तरीक़ा यह नहीं था कि आप एक एक व्यक्ति की इस्लाह करें। नहीं, पहले दिन से पैग़म्बरे इस्लाम का तरीक़ा यह रहा कि इस तरह का समाज बनाया जाए जिसमें लोग मुत्तहिद रहें और उसमें इस्लामी मूल्यों के मुताबिक़ परवान चढ़ें और इस्लाम के मद्देनज़र बुलंदी तक पहुंचें। इमाम ख़ामेनेई 1 नवम्बर 1986

      अहकाम: सौदा हो जाने के बाद एक्सट्रा पैसे लेने का हुक्म

      26/09/2022

      पैग़म्बर की सियासी व तब्लीग़ी जंग बद्र व ओहोद की जंग से कम नहीं

      26/09/2022
      पैग़म्बर की जंग और जेहाद सिर्फ़ तलवार की लड़ाई तक सीमित नहीं है बल्कि यह आम लड़ाई है। इसमें वैचारिक लड़ाई भी है, सियासी लड़ाई भी है, प्रचारिक लड़ाई भी है और फ़ौजी लड़ाई भी है। बेशक हिजरत से पहले पैग़म्बर ने मक्के में जो जेहाद अंजाम दिया वह बद्र व ओहोद, ख़ैबर व ख़ंदक़ और दूसरी जंगों के ख़तरों से कम ख़तरनाक नहीं था। इमाम ख़ामेनेई 1 नवम्बर 1986

      बक़ौल इमाम ख़ुमैनीः दुश्मन की साज़िशों के ख़िलाफ़ प्रतिरोध कीजिए

      25/09/2022

      वह दुख जो इमाम हसन को अपनों ने दिया

      25/09/2022
      पैग़म्बर ने बड़ी सख़्तियां बर्दाश्त कीं। हज़रत अली ने बड़े दुख उठाए, दूसरे इमामों ने भी ज़ुल्म का सामना किया लेकिन इमाम हसन जैसी हालत किसी की न थी। यहीं से इमाम हसन अलैहिस्सलाम की अज़मत का पता चलता है। क्योंकि दूसरे इमामों को दुश्मनों ने तकलीफ़ें पहुंचाईं और दोस्तों ने ज़ख़्मों पर मरहम रखा मगर इमाम हसन अलैहिस्सलाम के साथ यह स्थिति नहीं थी। आपके बिल्कुल क़रीबी व्यक्ति ने आपको मुख़ातिब करके कहा ऐ मोमिनों के लिए रुस्वाई! इमाम ख़ामेनेई 28 जुलाई 1980

      इस्लामी घराना: मुल्क की तरक़्क़ी परिवारों के वुजूद पर निर्भर है

      24/09/2022

      ईरान के ख़िलाफ़ दुश्मन की हर चाल नाकाम हुई

      24/09/2022
      यह उन्हें बर्दाश्त न था कि एक क़ौम अमरीका से और उस ज़माने में दुनिया पर छायी फ़ौजी, सियासी और आर्थिक ताक़त से न डरे। लेहाज़ा वे ईरान से बदला लेने की कोशिश में थे। बग़ावत, तबस हवाई हमला, जातियों को भड़काने जैसी हरकतें कीं, कुछ हाथ न आया तो एक पड़ोसी के ज़रिए जंग थोप दी। इमाम ख़ामेनेई 21/09/2022

      इख़तेलाफ़ की क़ैंची

      24/09/2022
      ब्रितानी शिया और अमरीकी सुन्नी में कोई फ़र्क़ नहीं। दोनों ही क़ैंची के दो फल हैं। साम्राज्यवाद चाहता है कि इस्लामी दुनिया में इख़तेलाफ़ की लकीरों को गहरा करे शिया-सुन्नी जंग के ज़रिए, अरब व ग़ैर अरब जंग के ज़रिए, कभी शिया-शिया जंग और कभी सुन्नी-सुन्नी जंग के ज़रिए। जबकि अस्ली और बुनियादी फ़ासला एक ही है और वह इस्लामी दुनिया और कुफ़्र व साम्राज्यवाद की दुनिया के बीच का फ़ासला है। बाक़ी सारे मतभेदों को कम करने की ज़रूरत है। इमाम ख़ामेनेई 3 सितम्बर 2022 और 17 दिसम्बर 2016

      महदवीयत: इमाम महदी का ज़माना, अल्लाह के पैग़म्बरों के ख़्वाब की ताबीर

      23/09/2022
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      ताज़ातरीन

      मुस्लिम राष्ट्र इस बात की अनुमति न दें कि फ़िलीस्तीन को भुला दिया जाए।

        मोमिन क़ौमें क़ाबिज़ों पर फ़िलिस्तीन की जीत अपनी आँखों से देखेंगी
        दुनिया, फ़िलिस्तीन मुद्दे को फ़रामोश न होने दे
        ज़हन फ़िलिस्तीन के मुद्दे से नहीं हटने चाहिए।
        हज़ारों मज़दूरों और श्रमिकों की इस्लामी क्रांति के नेता से मुलाक़ात
        धार्मिक शिक्षा केन्द्र को प्रगतिशील और नुमायां होना चाहिए 
        आयतुल्लाह नूरी हमदानी को देखने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता अस्पताल पहुंचे
        अगर इस्लामी उम्मत एकजुट हो जाए, तो ग़ज़ा की त्रासदी न घटे
        हज मुसलमानों तक महदूद नहीं, इससे पूरी इंसानियत को फ़ायदा
        सरकारी आतंकवाद की बलिः ख़लील अलवज़ीर (अबू जेहाद)

      अंतिम जीत, जो ज़्यादा दूर नहीं, फ़िलिस्तीनी जनता और फ़िलिस्तीन की होगी।

      03/11/2023

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