अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के सियासी अंदाज़ की एक ख़ुसूसियत यह थी कि वो लोगों से तकल्लुफ़ में नहीं बल्कि संजीदगी से कहते थे कि कोई उनसे ख़ुशामदाना अंदाज़ में बात न करे, चापलूसी न करे, दिखावा न करे ...उनका यह जुमला बहुत मशहूर है ʺजिस तरह तुम शासकों से बात करते हो, इस तरह मुझसे बात न करो।ʺ यह जो तुम ख़याल रखते हो कि फ़ुलां बादशाह को कहीं कोई बात बुरी न लग जाए, नागवार न गुज़रे और इसी ख़याल से कुछ बातें नहीं कहते हो और कुछ बातों का ख़याल रखते हो, मेरे सामने इस तरह का बर्ताव न करो। ʺतुम यह न सोचो कि अगर तुमने सच बात कह दी तो अली को वह बात बुरी लग सकती है, ऐसा नहीं है। यह भी अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के सियासी चरित्र की एक ख़ुसूसियत है।ʺ
इमाम ख़ामेनेई
10/9/2009