सवालः किसी शख़्स ने यह नज़्र मानी है कि अगर उसने कोई गुनाह किया तो अगले दिन रोज़ा रखेगा। इस हालत में अगर वह जानबूझ कर कोई गुनाह करे लेकिन अगले दिन किसी ज़रूरी या ग़ैर ज़रूरी काम से सफ़र पर चला जाए तो उसे क्या करना चाहिए?

जवाबः अगर सफ़र ग़ैर ज़रूरी भी हो तब भी उसमें कोई हरज नहीं है, लेकिन उसे उस रोज़े के बदले में क़ज़ा रोज़ा रखना होगा।