पश्चिमी ताक़तें एक माफ़िया हैं। इन ताक़तों की हक़ीक़त एक माफ़िया की हक़ीक़त है। इस की बागडोर ज़ायोनी व्यापारियों और उनके फ़रमां बरदार नेताओं के हाथ में है। उन का ‘शोकेस’ अमरीका है और वे हर जगह फैले हुए हैं।
इमाम ख़ामेनेई
27 जुलाई 2022
ईदे ग़दीर के दिन ईरान की राजधानी तेहरान के अवाम ने, वली-ए-अस्र स्ट्रीट पर आयोजित अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम की विलायत की बड़ी ईद का जश्न मनाया। अवाम की सेवा के लिए 600 मौकिब लगाए गए थे। जश्न के लिए तय किए गए 10 किलोमीटर लंबे रास्ते पर लाखों की तादाद में तेहरान के अवाम ने शिरकत की।
इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी के बाद 5 मुर्दाद सन 1358 हिजरी शम्सी बराबर 27 जुलाई सन 1979 को पूरे मुल्क में पहली बार जुमे की नमाज़ क़ायम होने की सालगिरह पर पूरे मुल्क के जुमे के इमामों ने बुधवार की सुबह सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी के बाद 27 जुलाई 1979 को क़ायम होने वाली पहली नमाज़े जुमा की सालगिरह के मौक़े पर पूरे मुल्क के इमाम जुमा बुधवार 27 जुलाई 2022 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में एकत्रित हुए और इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से उनकी मुलाक़ात हुई।
इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने तक़रीर करते हुए नमाज़े जुमा को इस्लामी व्यवस्था की साफ़्ट पावर की एक अहम कड़ी और ग़ैर मामूली फ़रीज़ा क़रार दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की तक़रीर पेश हैः
आज अमरीका और पश्चिम अतीत की तुलना में बहुत कमज़ोर पड़ चुके हैं। सीरिया, इराक़, लेबनान और फ़िलिस्तीन सहित हमारे इलाक़े के भीतर उनकी पालीसियों का असर फीका पड़ चुका है।
इमाम ख़ामेनेई
19 जुलाई 2022
पहलवी हुकूमत ने अमरीका की ग़ुलामी में उस ज़माने में संसद से क़ानून पास करवा दिया कि अमरीकी सलाहकारों को ईरान में अदालती और सेक्युरिटी इम्युनिटी हासिल रहेगी। इसका नाम कैपीचुलेशन है। ख़ुद अमरीकियों की नज़र में बक़ौल उनके तीसरी दुनिया के मुल्कों के साथ उनका रिश्ता राजा और प्रजा का रिश्ता है। इन मुल्कों में वो ख़ुद को हर चीज़ का मालिक समझते हैं। तेल, गैस, मुनाफ़ा, पैसा सब कुछ हड़प लेते हैं और क़ौमों की बुरी तरह तौहीन करते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
3 नवम्बर 2010
मुबाहेला वह मौक़ा है जब पैग़म्बरे इस्लाम अपने सबसे चहेते लोगों को मैदान में लेकर आते हैं। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम भी हक़ीक़त बयान करने के लिए अपने प्यारों को मैदान में ले आते हैं।
ईरान का स्टैंड सीरिया पर फ़ौजी कार्यवाही का विरोध और उसकी रोकथाम पर ताकीद है। सीरिया के तअल्लुक़ से एक और अहम मसला पूर्वी फ़ुरात के उपजाऊ और तेल संपन्न इलाक़े पर अमरीकियों का क़ब्ज़ा है और उन्हें इस इलाक़े से बेदख़ल करके इस मसले को हल किया जाना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
19 जुलाई 2022
सीरिया के उत्तरी इलाक़ों पर हमला सीरिया, तुर्की और पूरे इलाक़े के लिए नुक़सानदेह और आतंकियों के लिए फ़ायदेमंद होगा और यह कार्यवाही हुई तो सीरिया की तरफ़ से अपेक्षित राजनैतिक प्रक्रिया भी अमली जामा नहीं पहन सकेगी।
इमाम ख़ामेनेई
19 जुलाई 2022
कायनात में और आलमे इंसानियत में हज़रत अली अलैहिस्सलाम की ज़बान से निकले ये जुमले आज तक गूंज रहे हैं: ऐ दुनिया के जलवो! ऐ दुनिया की कशिश! ऐ वो ख़्वाहिशो! जो बड़े मज़बूत इंसानों को भी अपने जाल में फंसा लेती हैं, जाओ जाकर अली के अलावा किसी और को धोखा देने की कोशिश करो। अली इन चीज़ों से कहीं ज़्यादा बुलंद और मज़बूत है।
इमाम ख़ामेनेई
30 जनवरी 1991