12/07/2022
वेबसाइट KHAMENEI.IR मस्जिदे गौहरशाद में जुलाई 1935 में हिजाब पर पाबंदी लगाने के शाही फ़रमान के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों के क़त्लेआम की बरसी के मौक़े पर रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की एक स्पीच के कुछ हिस्से पेश कर रही है।
09/07/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की ओर से सन 2022 का हज संदेश जारी हुआ।
09/07/2022
अगर हम समझ सकें तो इस दिन (अरफ़ा के दिन) दोपहर बाद का वक़्त, जन्नती वक़्त है। इतनी अज़मतों की मालिक इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जैसी शख़्सियत, अपना आधा दिन यूंही इस दुआ में नहीं बिता सकती है। इस दुआ के अर्थों पर ध्यान देने की ज़रूर कोशिश कीजिए, ध्यान दीजिए कि दुआ में क्या कहा जा रहा है। न यह कि बैठ कर सोचते रहिए-इनमें ग़ौर फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है-जब आप बात कर रहे हैं तो यह मन में रहे कि आप किसी से बात कर रहे हैं और उस बात के अर्थ को समझिए कि वह क्या है। अरफ़ा के दिन इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की दुआ, इमाम हुसैन की दुआए अरफ़ा की व्याख्या की तरह है। मानो इस बेटे नें अपने पिता के शब्दों के नीचे एक हाशिया, एक व्याख्या दुआ की ज़बान में लिखी है। दोनों का अलग अलग ही मज़ा है। इमाम ख़ामेनेई 26 मई 1993
08/07/2022
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने अपने पैग़ामे हज में हज के गहरे पहलुओं की तरफ़ इशारा करते हुए इस्लामी जगत के सामने मौजूद चुनौतियों और दुश्मन की चालों को रेखांकित किया है।
08/07/2022
रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने अपने हज के संदेश में एकता व रूहानियत को हज के दो बुनियादी स्तंभ और इस्लामी उम्मत की इज़्ज़त व सआदत के दो अहम कारक बताया और इस्लामी जागरूकता व आत्म विवेक के फैलाव और प्रतिरोध के आश्चर्यचकित कर देने वाले कारक के सामने आने के रौशन नतीजों पर ज़ोर देते हुए कहाः घमंडी पश्चिम हमारे संवेदनशील इलाक़े और हालिया दिनों में पूरी दुनिया में दिन ब दिन कमज़ोर हुआ है लेकिन दुश्मन की चालों की तरफ़ से एक पल के लिए भी ग़ाफ़िल नहीं रहना चाहिए और अपनी कोशिश, जागरूकता, आशा और आत्म विश्वास में, जो भविष्य के निर्माण के लिए सबसे बड़ी पूंजी है, इज़ाफ़ा करते रहना चाहिए। रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी का पैग़ामे हज, मुशरेकीन से बराअत के प्रोग्राम में, हज व ज़ियारत के मामलों में उनके प्रतिनिधि और ईरानी हाजियों के सरपरस्त हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन नव्वाब ने मैदाने अरफ़ात में पढ़ कर सुनाया।
07/07/2022
इमाम मुहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने शीयों का बहुत बड़ा और ‎मज़बूत पोशीदा नेटवर्क तैयार करने के लिए हर मुमकिन शरई ज़रिए का ‎इस्तेमाल किया। 16 सितम्बर 1988‎यही चीज़ कि आप कुछ लोगों को अपने वकील और नायब के तौर पर ‎नियुक्त कर देते थे जो आपकी तबलीग़ और तालीमात की तरवीज का ‎मिशन अंजाम दें। यह इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम के पोशीदा नेटवर्क ‎का हिस्सा था जिसका आग़ाज़ इमाम बाक़िर अलैहिस्सलाम से पहले ही ‎हो चुका था मगर आपके दौर में इस काम में नई शिद्दत और रफ़तार ‎पैदा हुई क्योंकि यह बड़े जोखिम का काम था। ‎इमाम ख़ामेनेई 31 जुलाई 1987
07/07/2022
हज रहस्यों और अलामतों से भरी इबादत है। इमाम ख़ामेनेई ने 19 जुलाई 2021 को हज संदेश जारी किया।
06/07/2022
क़ानून में एक विषय होता है और एक नतीजा। आप ख़ुद को विषय के मुताबिक़ ढालिए, नतीजा निश्चित तौर पर हासिल होगा। 
05/07/2022
अहमद मुतवस्सेलियान, ईरान पर सद्दाम शासन की ओर से थोपी गई आठ साल की जंग में मोहम्मद रसूलुल्लाह सत्ताईसवीं डिवीजन के कमांडर थे जो 4 जुलाई सन 1982 को लेबनान के त्राबलस से बैरूत जाते हुए रास्ते में ज़ायोनी शासन की साज़िश के तहत लेबनान की फ़्लान्जिस्ट पार्टी के छापामारों के हाथों अग़वा कर लिए गए थे।
05/07/2022
परहेज़गार आलिमे दीन आयतुल्लाह अलहाज सैयद जवाद ख़ामनेई आज़रबाईजान प्रांत के बहुत परहेज़गार व सादा जीवन गुज़ारने वाले आलिमे दीन थे। नजफ़े अशरफ़ में बरसों तालीम हासिल करने के बाद वह मशहद रवाना हुए और वहीं के होकर रह गए।  इस मशहूर परहेज़गार आलिमे दीन के निधन के वक़्त मशहद में काफ़ी तादाद में श्रद्धालु मौजूद थे लेकिन 91 साल की उम्र और पचास साल तक इस्लामी ज्ञान की शिक्षा देने और तबलीग़ की सरगर्मियों तथा पेश नमाज़ के रूप में सेवा करने के बाद उनकी कुल संपत्ति मशहद में गरीबों के मुहल्ले में एक मामूली सा मकान और पैंतालीस हज़ार तूमान था।
04/07/2022
जिस रास्ते पर आप चल रहे हैं, जो काम आप कर रहे हैं, जो स्टैंड आप ले रहे हैं, अगर वह अल्लाह के दीन की मदद है, तो आप कामयाब होंगे। 
04/07/2022
अमरीकी सरकार, दुनिया में ह्यूमन राइट्स का सबसे ज़्यादा हनन करती है।
03/07/2022
अमरीकी हुकूमत पहले दिन से इस इंक़ेलाब के साथ तल्ख़ी और बदसुलूकी से पेश आई। फ़ार्स खाड़ी में अमरीकी अफ़सर ने जलपोत से फ़ायर किए गए मिसाइल से हमारे यात्री विमान को मार गिराया। तक़रीबन 300 यात्री मारे गए। इस घटना पर उस अफ़सर को सज़ा देने के बजाए अमरीकी राष्ट्रपति ने इनाम से नवाज़ा! हमारी क़ौम इन चीज़ों को कभी भूल सकती है? इमाम ख़ामेनेई 21 मार्च 2009
02/07/2022
यूरोप और अमरीका में ह्यूमन राइट्स के झूठे दावेदार जिन्होंने यूक्रेन के मसले में आसमान सर पर उठा लिया, फ़िलिस्तीन में होने वाले संगीन अपराधों पर ख़ामोश हैं। मज़लूम का बचाव नहीं करते बल्कि ख़ूंख़ार भेड़िए का साथ दे रहे हैं। इमाम ख़ामेनेई 29 अप्रैल 2022
01/07/2022
बेहतरीन ख़ानदान वाले, ख़ूबरू, ताक़तवर और दिलनशीं ‎व्यक्तित्व के हज़ारों नौजवान हज़रत अली अलैहिस्सलाम के ‎पांव की धूल के बराबर भी नहीं हैं। हज़ारों आला ख़ानदान ‎की ख़ूबसूरत लड़कियां हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के क़दमों की ‎धूल के बराबर भी नहीं हैं। हज़रत फ़ातेमा ज़हरा पैग़म्बरे ‎इस्लाम की बेटी थीं जो इस्लामी दुनिया के सरदार और ‎हाकिम थे। हज़रत अली भी इस्लाम के सबसे बड़े ‎सिपहसालार थे। अब ज़रा देखिए कि उनकी शादी किस ‎अंदाज़ से हुई? मेहर क्या था? दहेज क्या था? हर काम ‎अल्लाह का नाम लेकर और उसके ज़िक्र के साथ। यह हमारे ‎लिए आदर्श है। इमाम ख़ामेनेई ‎6 मई 1996‎
30/06/2022
इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम के यौमे शहादत पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की इस विषय पर चुनिंदा गुफ़तुगू
30/06/2022
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा, इस्लामी ख़ातून की बुलंद तरीन सतह पर पहुंचने वाली महिला हैं। इस सतह पर पहुंचने के साथ ही वह माँ की ज़िम्मेदारी को पूरा करती हैं, बीवी के किरदार को अदा करती हैं, घरेलू काम करती हैं। इन चीज़ों को समझने की ज़रूरत है। 
29/06/2022
दुश्मनों ने इन चार दशकों में हमारी कमज़ोरियों और ख़ामियों से बड़ी उम्मीद लगा रखी थी लेकिन उन्हें बार बार मायूसी हाथ लगी। उनकी मुश्किल यह रही कि इस मायूसी की बुनियादी वजह उनकी समझ में नहीं आई। दुश्मन समझ ही न सके कि दुनिया में राजनैतिक समीकरणों और संबंधों के अलावा कुछ दूसरे समीकरण और संबंध भी मौजूद हैं और वो अल्लाह के क़ानून हैं। इमाम ख़ामेनेई 28 जून 2022
29/06/2022
इस्लामी जुम्हूरिया के दुश्मन, अल्लाह की सुन्नत को समझने में नाकाम हैं।
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