हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम - हमारी जानें उन पर क़ुरबान हों - के ज़ाहिर होने और उनके वजूद का अक़ीदा रखने वाले कभी मायूसी व नाउम्मीदी का शिकार नहीं होते। वे जानते हैं कि यह सूरज निश्चित तौर पर निकलेगा और इन अंधेरों को मिटा देगा।
इमाम ख़ामेनेई
12/5/2017