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      June 14, 2025
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      इंक़ेलाब ज़िंदा है

      03/03/2022
      यह जो आप देखते हैं कि साम्राज्यवादी ताक़तें इस अंदाज़ से इंक़ेलाब और ईरान की इंक़ेलाबी क़ौम के ख़िलाफ़ लामबंद हैं तो इसकी वजह यह है कि इंक़ेलाब ज़िंदा है। अगर इंक़ेलाब न होता तो उन्हें ईरानी क़ौम के ख़िलाफ़ इतनी घटिया और शैतानी हरकतें करने की ज़रूरत न होती। इंक़ेलाब के ज़िंदा होने का क्या मतलब है? इसका मतलब है मुल्क की नई नस्लों का इंक़ेलाब के लक्ष्यों और उद्देश्यों से दिली लगाव।  इमाम ख़ामेनेई  17 फ़रवरी 2022

      हज़ारों किलोमीटर दूर इस्लामी इंक़ेलाब की कशिश का नज़ारा

      03/03/2022
      वह पुलिस जिसने तौहीन की है, ख़ुद आकर माफ़ी मांगने पर और इस तस्वीर को शहर में कई जगहों पर दोबारा लगाने की लोगों की मांग मानने पर मजबूर हो जाती है। यह मॉडल, आकर्षक है।  इमाम ख़ामेनेई   17 फ़रवरी 2022

      भाईचारे पर ताकीद

      02/03/2022
      हालांकि पैग़म्बरे इस्लाम की एक रूहानी हैबत थी, उनकी मौजूदगी में लोगों पर रोब छाया रहता था लेकिन पैग़म्बर लोगों के साथ बड़ी मुहब्बत और अख़लाक़ से पेश आते थे। जब वो लोगों के बीच बैठते थे तो पहचाने नहीं जाते थे कि वो लोगों के पैग़म्बर, कमांडर और सरदार हैं। इमाम ख़ामेनेई 27 सितम्बर 1991

      इंटरनेश्नल आर्गैनाइज़ेशन ईरान की साइंसी तरक़्क़ी के क़ायल

      01/03/2022
      इल्म, ताक़त है साइंस सच में ताक़त और वर्चस्व है। यह जो मश्हूर शेर है “जो इल्म वाला होगा वह ताक़तवर होगा” वह बिल्कुल सही है। ताक़तवर होगा जो आलिम होगा। साइंस किसी भी मुल्क के लिए ताक़त है, यह मुल्क को ताक़तवर बनाती है। हमने साइंस के बहुत से मैदानों में ऐसी तरक्क़ी की है जिसके बारे में हम इन्क़ेलाब के शुरु में सोच भी नहीं सकते थे। इमाम ख़ामेनेई  17 फ़रवरी 2022

      बेहतरीन नमूना

      01/03/2022
      रसूले ख़ुदा (स.अ.) की अज़ीम शख़्सियत सारे पैग़म्बरों में सब से महान है और हम मुसलमानों को पैग़म्बरे इस्लाम के अनुसरण का हुक्म दिया गया है। कहा गया हैः “और तुम लोगों के लिए अल्लाह के रसूल बेहतरीन नमूना थे।” (सूरा अहज़ाब आयत 21) हमें पैग़म्बर के नक़्शे क़दम पर चलना चाहिए। केवल चंद रकअत नमाज़ों की अदायगी में नहीं बल्कि अपने किरदार में, अपनी गुफ़तगू में, अपने रहन सहन में और अपने लेनदेन में भी हमें उन्हीं का अनुसरण करना चाहिए। इसलिए हमें उनकी शिनाख़्त हासिल करनी चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 12 मई 2000

      ईमान व अमल में जितना बुलंद मक़ाम ज़िक्रे इलाही में उतना ही ग़र्क़

      01/03/2022
      पैग़म्बरे इस्लाम अपनी उस अज़मत और मरतबे के बावजूद इबादत की तरफ़ से कभी ग़ाफ़िल नहीं हुए। आधी रात को दुआ और इस्तेग़फ़ार करते थे। उम्मे सलमा ने पूछा कि आपको अल्लाह इतना चाहता है फिर भी आप गिरया करते हैं? हज़रत ने फ़रमाया कि अगर मैं अल्लाह से ग़ाफ़िल हो जाऊं तो कौन सी चीज़ मुझे बचाएगी? यह हमारे लिए सबक़ है। इमाम ख़ामेनेई 27 सितम्बर 1991

      सच्चाई और अमानतदारी

      01/03/2022
      हमारे अज़ीम पैग़म्बर के जन्म से लेकर पैग़म्बरी के एलान तक उनकी परीक्षा के मैदान थे पाकीज़गी, अमानत, पुरुषार्थ और सच्चाई। उस ज़माने में दोस्त और दुश्मन सभी इक़रार करते थे और गवाही देते थे कि यह अज़ीम और पाकीज़ा इंसान पाकीज़गी, अमानतदारी, सच्चाई और पुरुषार्थ की जीती जागती तसवीर है। इमाम ख़ामेनेई 20 मार्च 2008

      ईदे मबअस पर सुप्रीम लीडर की अहम स्पीच, ईरानी राष्ट्र सहित सहित पूरे इस्लामी जगत से होंगे मुख़ातिब

      01/03/2022
      सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई, पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लललाहो अलैहि व आलेही व सल्लम की बेअसत यानी पैग़म्बरी के एलान के दिन के उपलक्ष्य में ईरानी राष्ट्र सहित पूरे इस्लामी जगत को लाइव संबोधित करेंगे।

      आयतुल्लाह ख़ामेनेई का अहम संबोधन, यूक्रेन संकट के बारे में स्टैंड का एलान

      01/03/2022
        पैग़म्बरे इस्लाम की पैग़म्बरी के एलान के तारीख़ी दिन के उपलक्ष्य में आयतुल्लाह ख़ामेनेई का अहम संबोधन के महत्वपूर्ण बिंदु

      बेसते पैग़म्बर के मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की स्पीच

      01/03/2022

      यूक्रेन, अमरीका की संकटजनक सियासत की भेंट चढ़ गया, हम जंग के ख़िलाफ़ हैं: सुप्रीम लीडर

      01/03/2022
      इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी के एलान के तारीख़ी दिन पर ईरानी राष्ट्र और इस्लामी जगत को टेलिविजन के ज़रिए संबोधित किया।

      पैग़म्बरे इस्लाम की बेसत की सालगिरह पर सुप्रीम लीडर की स्पीच

      01/03/2022
      इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 1 मार्च 2022 रसूले ख़ुदा की पैग़म्बरी के एलान के मुबारक दिन की सालगिरह के मौक़े पर बड़ा अहम ख़िताब किया। सुप्रीम लीडर ने अपने संबोधन में बेसत के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु बयान किए और ताज़ा हालात पर चर्चा की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई की स्पीच पेश हैः

      नौजवान की रूहानी परवाज़

      23/02/2022

      मुश्किलों के हल की कुंजी दुआ

      19/02/2022
      मुश्किलों के हल की कुंजी दुआ, ज़िक्रे ख़ुदा और दिलों को पाकीज़ा बनाना है। रजब का महीना उन लोगों की ईद है ‎जो अपने दिलों को पाकीज़ा बनाने का इरादा रखते हैं। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎9 अप्रैल 2018

      रजब ज़्यादा से ज़्यादा नमाज़ों का महीना है

      18/02/2022
      इस मक़सद के लिए कि इंसान जब रमज़ान के महीने में क़दम रखे तो खुली आंखों के साथ रखे, ग़ाफ़िल न हो ‎बल्कि हमारे और आपके अंदर इसकी ज़रूरी आमादगी पैदा हो जाए, रजब और शाबान के इन महीनों का बंदोबस्त ‎किया गया है। रजब ज़्यादा से ज़्यादा नमाज़ों का महीना है। शाबान ज़्यादा से ज़्यादा दुआओं और रोज़े का महीना है। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎4 अकतूबर 2004‎

      ऊर्जा हासिल करने के महीने

      17/02/2022
      तीन महीने यानी रजब, शाबान और रमज़ान पूरे साल में आत्म निर्माण के अवसर और ज़िंदगी व तक़दीर के बड़े ‎सफ़र के लिए ज़रूरी सामान और ऊर्जा हासिल करने के महीने हैं। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎13 जनवरी 1993‎

      तबरेज़ के अवाम के आंदोलन की वर्षगांठ के अवसर पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की स्पीच

      17/02/2022

      18 फ़रवरी 1978 को तबरेज़ नगर के अवाम के आंदोलन के उपलक्ष्य में आयतुल्लाह ख़ामेनेई का वीडियो लिंक के ज़रिए संबोधन

      17/02/2022
      दुनिया की एटमी एनर्जी की ज़रूरत दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। एक दिन हमें भी सिविलियन उद्देश्यों के लिए एटमी एनर्जी की शदीद ज़रूरत पड़ेगी। अगर अभी से हम इस फ़िक्र में नहीं रहेंगे तो कल देर हो जाएगी और हम ख़ाली हाथ होंगे।

      परमाणु मामले में ईरान से पश्चिम की दुश्मनी और पाबंदियों की वजह, ईरान को साइंस में तरक़्क़ी से रोकना है

      17/02/2022
      सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तबरेज़ के अवाम के 29 बहमन 1356 हिजरी शम्सी बराबर 18 फ़रवरी सन 1978 के आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर गुरूवार की सुबह पूर्वी आज़बाइजान प्रांत के अवाम को वीडियो लिंक के ज़रिए संबोधित किया। उन्होंने तबरेज़ के अवाम के आंदोलन को पूरी ईरानी क़ौम के आंदोलन की अहम कड़ी और इस्लामी क्रांति की कामयाबी का भूमिका क़रार दिया।

      तबरेज़ के अवाम के 18 फ़रवरी सन 1978 के आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर स्पीच

      17/02/2022
      सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तबरेज़ के अवाम के 29 बहमन 1356 हिजरी शम्सी बराबर 18 फ़रवरी सन 1978 के आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर गुरूवार 17 फ़वरी 2022 की सुबह पूर्वी आज़बाइजान प्रांत के अवाम को वीडियो लिंक के ज़रिए संबोधित किया। उन्होंने तबरेज़ के अवाम के आंदोलन को पूरी ईरानी क़ौम के आंदोलन की अहम कड़ी और इस्लामी क्रांति की कामयाबी का भूमिका क़रार दिया। स्पीच का हिंदी अनुवाद पेश है,

      रजब के महीने की दुआएं रूहानियत या अध्यात्म का समंदर हैं।

      16/02/2022
      दुआ की सिर्फ़ यह तासीर नहीं कि इंसान अपना ‎दिल अल्लाह के क़रीब कर लेता है। यह तो हासिल होता ही है इसके साथ ही उसे इल्म भी हासिल होता है। दुआ में ‎तालीम भी है और पाकीज़गी थी। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎19 जून 2009‎

      तबरेज़ के अवाम के आंदोलन की सालगिरह पर सुप्रीम लीडर की लाइव स्पीच

      16/02/2022
      सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 1978 को तबरेज़ के अवाम के आंदोलन की सालगिरह पर पूर्वी आज़रबाइजान के अवाम को वीडियो कांफ़्रेंस के ज़रिए ख़िताब करेंगे। 

      रजब के महीने का हर दिन अल्लाह की एक नेमत है।

      15/02/2022
      अगर इंसान अक़्लमंद, होशियार और जागरूक हो तो इसके ‎हर लम्हे से वह चीज़ हासिल कर सकता है जिसके सामने दुनिया की सारी नेमतें मामूली हैं। यानी अल्लाह की ‎रज़ामंदी, करम, इनायत और तवज्जो हासिल कर सकता है। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎8 फ़रवरी 1991

      हर इंसान इमाम अली (अ.स.) का एहतेराम करता है।

      14/02/2022
      हज़रत अली (अ.स.) की शख़्सियत वह है कि अगर आप शिया हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, अगर सुन्नी हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, मुसलमान नहीं हैं तब भी अगर आप इस हस्ती से वाक़िफ़ हैं और उनकी ज़िंदगी के हालात से आगाही रखते हैं तो उनका एहतेराम करेंगे। इमाम ख़ामेनेई, 20 सितम्बर 2016

      मक्कार ताक़तों का सामना हो तो...

      12/02/2022
      इमाम मुहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम से हमें यह सबक़ मिलता है कि मुनाफ़िक़ और मक्कार ताक़तों का सामना हो तो हिम्मत से काम लें और उन ताक़तों का मुक़ाबला करने के लिए अवाम के अंदर बेदारी पैदा करें। इमाम जवाद अलैहिस्सलाम ने अब्बासी ख़लीफ़ा मामून के चेहरे से दिखावे और फ़रेब की नक़ाब हटाने के लिए काम किया और कामयाब हुए। इमाम ख़ामेनेई 10 अकतूबर 1980

      अल्लाहो अकबर का नारा

      11/02/2022
      ईरानी अवाम का अल्लाहो अकबर का नारा अपना ख़ास अंदाज़ रखता है क्योंकि यह पैग़म्बर का नारा है, यह बुतों को तोड़ देने वाला अल्लाहो अकबर का नारा है, यह ताक़त व दौलत के बुतों को नाचीज़ साबित कर देने वाला नारा है, यह विश्व साम्राज्यवाद के मुक़ाबले में एक राष्ट्र की शुजाअत और बहादुरी का नारा है। इमाम ख़ामेनेई 28 अगस्त 1985

      बदलाव के इमाम

      11/02/2022
      बदलाव लाना दीन की सब से बड़ी ज़िम्मेदारी थी। आशूरा का पैग़ाम भी बदलाव और इन्क़ेलाब का पैग़ाम है। हमारे दौर में इस तरह के बदलाव का एक नमूना, ईरान का ‎इस्लामी इन्क़ेलाब है। इस्लामी इन्क़ेलाब के अज़ीम, रहनुमा इमाम ‎खुमैनी ने बदलाव के इस सिलसिले को आगे बढ़ाया और सिर्फ ईरान ‎को ही नहीं बल्कि पूरी इस्लामी दुनिया को बदल कर रखा दिया।

      इस्लामी इंक़ेलाब की सालगिरह के मौक़े पर तीन हज़ार से ज़्यादा क़ैदियों की सज़ाओं की माफ़ी या उनमें कमी

      10/02/2022
        इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी की सालगिरह की पूर्व संध्या पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 3388 क़ैदियों की सज़ा की माफ़ी या उसमें कमी पर के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।

      "ख़ुदा की क़सम मैं मुंतज़िर हूं।"

      08/02/2022
      अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) अपने चचा, भाई और चचेरे भाई के साथ बैठे और एक बाद का अहद किया कि हम इस राह में शहीद हो जाने तक बिना डरे आगे बढ़ते रहेंगे, शहीद हो जाने तक जेहाद करते रहेंगे। इसके बाद अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) फ़रमाते हैं, मेरे यह साथी मुझसे आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया। ख़ुदा की क़सम मैं मुंतज़िर हूं।

      सुप्रीम लीडर से एयर फ़ोर्स के कमांडरों व जवानों की मुलाक़ात

      08/02/2022
      इस्लामी क्रांति कि कामयाबी के शुरू के दिनों में इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह से एयरफ़ोर्स के कमांडरों की बैअत या वफ़ादारी के संकल्प की ऐतिहासिक घटना की सालगिरह पर, इस्लामी गणराज्य ईरान की एयरफ़ोर्स के कमांडर और जवान, आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात कर रहे हैं।

      वायु सेना के कमांडरों और जवानों की इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात

      08/02/2022
      इस्लामी इंक़ेलाब से संबंधित ऐतिहासिक घटना के मौक़े पर वायु सेना के कमांडरों और जवानों की इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात

      आज अमरीका को वहां से मार पड़ रही है जिसके बारे में उसने सोचा भी नहीं था

      08/02/2022
        इस्लामी गणराज्य ईरान की वायु सेना के कमांडरों और जवानों के बीच सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की स्पीच के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुः

      अमरीका के मौजूदा और पिछले राष्ट्रपति दोनों मिलकर इस मुल्क की रही सही इज़्ज़त नीलाम कर रहे हैं

      08/02/2022
      एयरफ़ोर्स और फ़ौज की एयर डिफ़ेन्स इकाई के कमांडरों की एक टीम की ने सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की।

      एयरफ़ोर्स के कमांडरों और जवानों के बीच तक़रीर

      08/02/2022
      आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के चीफ़ कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की एयरफ़ोर्स और फ़ौज की एयर डिफ़ेन्स छावनी केइस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने वायु सेना के कमांडरों और जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति और बयान का जेहाद तत्कालिक ज़रूरत और बड़ा अवसर है। सुप्रीम लीडर ने इस्लामी क्रांति की सफलता से ठीक तीन दिन पहले वायु सेना के कमांडरों और जवानों की ओर से इमाम ख़ुमैनी से अपनी वफ़दारी के एलान की घटना की सालगिरह पर 8 फ़रवरी 2022 को मुलाक़ात के लिए आने वाले वायु सेना के अफ़सरों और जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुश्मन हमला करके तथ्यों को बदलने इस्लामी शासन व्यवस्था की उपलब्धियों, सफलताओं और प्रगति पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है और इस हमले के जवाब में बयान और अभिव्यक्ति का जेहाद तत्कालिक ज़रूरत है।(1) सुप्रीम लीडर की स्पीचः

      नाकामियों से भरी सदी में मुस्लिम नौजवानों की उम्मीद की किरण बना इस्लामी इंक़ेलाब

      07/02/2022
      पंद्रहवीं सदी में पूरी दुनिया में मुसलमानों और ईसाइयों के बीच एक तरह से ताक़त के लिहाज़ से बराबरी थी, यानि इन दोनों में से किसी को भी दूसरे पर ताक़त और दौलत के हिसाब से बढ़त नहीं थी। लेकिन वेस्ट में जो कुछ हुआ उसकी वजह से सोलहवीं सदी के बाद यह बराबरी ख़त्म होने लगी और ताक़त के लिहाज़ से वेस्ट, मुसलमानों से आगे बढ़ने लगा। दूर से कंट्रोल किये जाने वाले हथियारों, बंदूक़ों, तोप और इस तरह के हथियारों ने वेस्ट को मुसलमानों से ज़्यादा ताक़तवर बनाने में अहम रोल अदा किया।

      हज़रत हम्ज़ा (अ.स.) मज़लूम सहाबी 

      07/02/2022
      हज़रत हम्ज़ा (अ.स.) वाक़ई पैग़म्बरे इस्लाम के मज़लूम सहाबी हैं। इस बड़ी हस्ती को आज तक सही तौर पर पहचाना नहीं गया। उनका नाम ज़्यादा नहीं लिया जाता। उनके बारे में बहुत ज़्यादा मालूमात नहीं है। वह वाक़ई मज़लूम हैं।

      इमाम ख़ुमैनी, फ़ौलादी इरादे वाले इंसान

      05/02/2022
      इमाम ख़ुमैनी वाक़ई बड़े फ़ौलादी इरादे वाले इंसान थे। वह इंसान थे जिसे अपनी राह की सच्चाई पर सौ प्रतिशत यक़ीन हो। जैसा कि क़ुरआन में पैग़म्बर के बारे में आया है कि रसूल उस चीज़ पर पूरा अक़ीदा व ईमान रखते हैं जो उनके परवरदिगार की तरफ़ से उन पर नाज़िल की गई है (बक़रा 285)। सच्चे और साफ़गो इंसान थे। सियासत बाज़ी से दूर थे। बड़े ज़ेहीन और दूरदर्शी इंसान थे।

      इमाम अली नक़ी (अ.स.) ने छह ख़लीफ़ाओं को शिकस्त दी

      05/02/2022
      इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम और उनके ज़माने के ख़लीफ़ाओं के बीच होने वाले जंग में जिसे ज़ाहिरी और निहित दोनों रूप में फ़तह मिली, वह इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम थे। उनके बारे में बात करते समय यह बिंदु हमारे मद्देनज़र रहना चाहिए।

      इमाम ख़ुमैनी एक अवामी शख़्सियत

      04/02/2022
      इमाम ख़ुमैनी एक अवामी शख़्सियत थे और अवाम पर उन्हें बड़ा भरोसा था। 1962 की बात है जब इमाम ख़ुमैनी इस क़द्र मशहूर नहीं थे, उन्होंने क़ुम में अपनी एक तक़रीर में तत्कालीन सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर तुमने अपना रवैया न बदला तो क़ुम के मरुस्थल को अवाम से भर दूंगा। कुछ ही महीने गुज़रे थे कि इमाम ख़ुमैनी ने फ़ैज़िया मदरसे में निर्णायक भाषण दिया। जनता बंदूक़ों और टैंकों के मुक़ाबले में डट गई।

      इमाम ख़ुमैनी ने हुकूमत का अर्थ बयान किया

      03/02/2022
      इमाम ख़ुमैनी ने इस्लामी शिक्षाओं को बयान किया। हुकूमत का अर्थ बयान किया। इंसान का अर्थ समझाया और अवाम को यह बताया कि उनके साथ क्या हो रहा है और क्या होना चाहिए। जिन तथ्यों को ज़बान पर लाने की लोग हिम्मत नहीं करते थे, इमाम ख़ुमैनी ने उन तथ्यों को दबे लफ़्ज़ों में नहीं खुले आम बयान किया।
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      अल्लाह की इजाज़त से

        इनशाअल्लाह इस्लामी जम्हूरिया ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ का ताक़तवर हाथ उसे हरगिज़ नहीं छोड़ेगा।
        आर्म्ड फ़ोर्सेज़, घटिया ज़ायोनी शासन को बेबस कर देंगी
        आर्म्ड फ़ोर्सेज़, ताक़त से जवाब देंगी और घटिया ज़ायोनी शासन को बेबस कर देंगी
        बच्चों की क़ातिल ज़ायोनिस्ट रेजीम पर बहुत जल्द जहन्नम के दरवाज़े खोल दिए जाएँगे 
        ज़ायोनी रेजीम की पस्त फ़ितरत पहले से ज़्यादा बे-नक़ाब
        मेजर जनरल अली शादमानी, ख़ातमुल अंबिया सेंट्रल हेडक्वाटर्ज़ के कमांडर नियुक्त
        अमीरुल मोमेनीन के न्याय को बयान करना बस की बात नहीं
        मेजर जनरल मुहम्मद पाकपूर, सेपाहे पासदाराने इन्क़ेलाब आईआरजीसी के नए कमांडर नियुक्त
        जनरल सैय्यद अब्दुल-रहीम मूसवी, आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ नियुक्त

      अंतिम जीत, जो ज़्यादा दूर नहीं, फ़िलिस्तीनी जनता और फ़िलिस्तीन की होगी।

      03/11/2023

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