आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार को हुज्जतुल इस्लाम सैयद महमूद दोआई की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई और उनके लिए फ़ातेहा पढ़ा।

नमाज़े जनाज़ा के वक़्त हुज्जतुल इस्लाम दोआई के घर व परिवार के लोग भी मौजूद थे।

हुज्जतुल इस्लाम दोआई इस्लामी क्रांति आंदोलन के अनुभवी संघर्षकर्ता थे। जिस वक़्त इमाम ख़ुमैनी को इराक़ के नजफ़ के लिए निर्वासित किया गया, वह नजफ़ में इमाम ख़ुमैनी के साथ मौजूद रहने वाले लोगों में थे। वह इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद शुरू में मार्च 1979 में इराक़ के लिए इस्लामी गणराज्य ईरान के राजदूत नियुक्त हुए और अप्रैल 1980 में इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के हुक्म से पब्लिकेशन विभाग के ज़िम्मेदार इत्तेलाआत संस्थान के प्रमुख नियुक्त हुए। वह 6 बार सांसद चुने गए और सादा ज़िन्दगी और विनम्रता से भरा जीवन गुज़ारा।

5 जून सन 2022 को उनका निधन हो गया। सुप्रीम लीडर ने रविवार को हुज्जतुल इस्लाम दोआई के निधन पर शोक संदेश जारी किया, मन की पाकीज़गी, महान इमाम व क्रांति से गहरे लगाव को उनकी ख़ूबियों में गिनवाया और अल्लाह से उनके लिए कृपा की दुआ की।