11/05/2022
ईरान में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय टीचर्ज़ डे पर पूरे देश से आए टीचरों और बुद्धिजीवियों ने बुधवार को सुप्रीम लीडर से तेहरान में मुलाक़ात की।
10/05/2022
सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने रविवार को तेहरान का दौरा किया जहां उन्होंने राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी से मुलाक़ात के साथ ही इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से भी बड़ी अहम मुलाक़ात की। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान का कहना है कि इस दौरे की द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के आयाम से बड़ी अहमियत है। साथ ही इस सफ़र के दूसरे भी कई कारण और उद्देश्य हैं।
10/05/2022
हम चाहते हैं कि अपने अज़ीज़ श्रमिकों का शुक्रिया अदा करें और पैग़म्बरे इस्लाम का अनुसरण करते हुए आप के हाथ चूमें और हमारी इच्छा है कि समाज में काम और मेहनत की अहमियत ज़ाहिर हो। इमाम ख़ामेनेई 8 मई 2022
09/05/2022
#सीरिया से सहयोग बढ़ाने के सिलसिले में #ईरान की सरकार के जज़्बे और पुख़्ता इरादे के मद्देनज़र यह कोशिश होनी चाहिए कि दोनों देशों के रिश्ते अतीत से ज़्यादा बुलंदियों पर पहुंचें।  इमाम ख़ामेनेई 8 मई 2022
09/05/2022
मज़दूरों और श्रमिक वर्ग के कुछ लोगों ने सोमवार को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
09/05/2022
जन्नतुल बक़ी के विध्वंस पर पूरी इस्लामी दुनिया ने एतेराज़ किया। इमाम ख़ामेनेई 6 मई 2013 (8 शौवाल जन्नतुल बक़ी को ध्वस्त किए जाने के दिन के उपलक्ष्य में)
09/05/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 9 मई 2022 को हाल में गुज़रे मज़दूर दिवस के उपलक्ष्य में देश के श्रमिक वर्ग के लोगों से अपनी सालाना मुलाक़ात में इस वर्ग के महत्व, योगदान, ज़रूरतों, अधिकारों और ज़िम्मेदारियों पर रौशनी डाली।(1) सुप्रीम लीडर की स्पीच
08/05/2022
तेहरान के दौरे पर आए सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
07/05/2022
ख़ानदान और परिवार की बहस में बार बार महिला की भूमिका का ज़िक्र आता है। इसकी वजह भी ज़ाहिर है। घर के अंदर औरत की पोज़ीशन केन्द्रीय हैसियत रखती है। समाज को उसकी अहमियत का एहसास होना चाहिए। घरेलू महिलाओं के कामों की अहमियत का जायज़ा लिया जाना चाहिए। कुछ महिलाएं हैं जो बाहर जाकर नौकरी वग़ैरा कर सकती थीं। कुछ उच्च शिक्षा के लिए जा सकती थीं। कुछ के पास तो उच्च शिक्षा भी थी लेकिन उन्होंने कहा कि हमें बच्चों की परवरिश करनी है, तरबियत करनी है इसलिए हम काम के लिए नहीं निकले। इस तरह की महिलाओं की क़द्र की जानी चाहिए। यहां सज्जनों ने यह भी कहा कि इन महिलाओं का बीमा होना चाहिए। बेशक होना चाहिए। उनकी माली ज़रूरतें पूरी की जानी चाहिए, उनका बीमा और दूसरी ज़रूरतें पूरी होनी चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 4 जनवरी 2012
07/05/2022
हमारे छात्र और हमारे संगठन अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां अंजाम दें। इमाम ख़ामेनेई  26 अप्रैल 2022
05/05/2022
यमन के मामले में मैं सऊदी साहेबान से एक ‎नसीहत की बात कहना चाहता हूं। इमाम ख़ामेनेई  12 अप्रैल 2022
04/05/2022
रमज़ान के महीने को इबादतों, रोज़ेदारी, दुआ, मुनाजात, इलतेजा और विनती की हालत में गुज़ारना और फिर ईदुल फ़ित्र के वातावरण में क़दम रखना एक मोमिन इंसान के लिए वास्तविक ईद है। यह ईद दुनिया के भौतिक उत्सवों जैसी नहीं है। यह अल्लाह की रहमत व बख़शिश की ईद है। इमाम ख़ामेनेई 4 नवम्बर 2022
03/05/2022
नमाज़ गुज़ारों, ईरानी क़ौम और पूरे इस्लामी जगत को ईदे फ़ित्र की मुबारकबाद पेश करता हूं। अज़ीज़ भाइयो और बहनो इस महीने में जो कुछ आपने हासिल किया है, वह आपके लिए इलाही पूंजी है।
03/05/2022
आज ईदे फ़ित्र है। अल्लाह से ईदी लेने का दिन है। वह दिन है कि जब ईदे फ़ित्र की नमाज़ के क़ुनूत में दसियों लाख भावुक दिलों ने अल्लाह से दुआ की है कि वही नेकियां जो उसने अपने सबसे महान बंदों को प्रदान की हैं, उन्हें भी प्रदान करे और जिन बुराइयों से उसने तारीख़ के सबसे श्रेष्ठ इंसानों को दूर रखा है, उनसे उन्हें भी दूर रखे। इमाम ख़ामेनेई 26 नवम्बर 2003
02/05/2022
हमारे नौजवानों ने इस महीने में जो नूर हासिल किया है इन्शाअल्लाह, वह उसकी हिफ़ाज़त करें। इस ख़ज़ाने को पूरी ज़िदंगी या कम से कम एक साल तक अगली ईद तक और अगले रमज़ान तक संभाल कर रखें। क़ुरआने मजीद से लगाव, अल्लाह की याद , उसके ज़िक्र को, अल्लाह की पसंद के मैदानों में काम इन सब को हमें संभाल कर रखना चाहिए।
02/05/2022
रमज़ान के महीने में दिल नर्म हो जाता है, रूह पर चमक आ जाती है और जब यह मुबारक महीना ख़त्म हो जाता है तो नए साल की शुरुआत का दिन ईदे फ़ित्र का दिन आता है। यानी वह दिन जब इंसान रमज़ान के महीने की बरकतों की मदद से सत्य के रास्ते पर सफ़र करे और ग़लत रास्तों से बचे। इमाम ख़ामेनेई 2 मार्च 1995
02/05/2022
ज़ायोनी हुकूमत सियासी और फ़ौजी मैदानों में एक दूसरे से जुड़ी मुश्किलों के जाल में फंसी हाथ पैर मार रही है। हुकूमत चलाने वाला पिछला जल्लाद, सैफ़ुलक़ुद्स आप्रेशन के बाद कूड़ेदान में गया, उसकी जगह लेने वाले ओहदेदार भी हर वक़्त किसी नए आप्रेशन के डर में जी रहे हैं। इमाम ख़ामेनेई 29 अप्रैल 2022
02/05/2022
रोज़ेदार मोमिन इंसान शबे क़द्र से नए साल का आग़ाज़ करता है। शबे क़द्र में अल्लाह के फ़रिश्तों की तरफ़ से एक साल के लिए उसकी तक़दीर लिखी जाती है। इंसान एक नए साल में, नए चरण में और दर हक़ीक़त एक नई ज़िंदगी में और नए जन्म में प्रवेश करता है। ईदे फ़ित्र की नमाज़ एक तरह से रमज़ान के महीने में प्राप्त होने वाली अल्लाह की नेमतों का शुक्रिया है। इमाम ख़ामेनेई 20 सितम्बर 2009
02/05/2022
ईमान, अख़लाक़ और अमल की पाकीज़ा जन्नत में दाख़िल होना, नामुनासिब अमल, नापसंदीदा अख़लाक़ और आदतों, ग़लत आस्था व अक़ीदे के जहन्नम से निकलना, ईदे फ़ित्र की दुआ का लक्ष्य है। 
01/05/2022
रमज़ान की अलविदाई दुआ में इमाम ज़ैनुलआबेदीन अलैहिस्सलाम कहते हैं कि तूने शुक्र करने की बात शुक्र करने वालों के दिलों में डाली है। तूने अपनी हम्द करने वालों को इनाम दिया जबकि हम्द की बात भी तूने ही उन के दिल में डाली।
01/05/2022
ज़ायोनी शासन के विपरीत इस्लामिक रेज़िस्टेंस फ़्रंट की ताक़त में लगातार इज़ाफ़ा रौशन मुस्तक़बिल ‎की ख़ुशख़बरी दे रहा है। सामरिक और रक्षा ताक़त में इज़ाफ़ा, उपयोगी हथियार बनाने में ‎आत्मनिर्भरता, मुजाहिदीन में आत्म विश्वास, नौजवानों में दिन ब दिन बढ़ती जागरूकता, पूरे ‎फिलिस्तीन और उस से बाहर प्रतिरोध का फैलता दायरा, मस्जिदुल अक़्सा की रक्षा में मुसलमानों का ‎हालिया आंदोलन, अटल सच्चाई है। ‎इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021‎
30/04/2022
रमज़ान की अलविदाई दुआ में इमाम ज़ैनुलआबेदीन (अ.स.) कहते हैं कि तूने इस दरवाज़े को खोला है हमारे लिए ताकि हम उससे गुज़र कर तेरी रहमत की तरफ़ बढ़ें  और तेरी रहमतों और बख़्शिश से फ़ायदा उठाएं। यह दरवाज़ा तौबा का दरवाज़ा है। ख़ुदा की मग़फेरत की तरफ़ एक खिड़की है। अगर ख़ुदा अपने बंदों के लिए तौबा का दरवाज़ा नहीं खोलता तो हम गुनहगारों की हालत बहुत ख़राब होती।
30/04/2022
पूरी दुनिया के मुस्लिम भाईयों और बहनों को सलाम! इस्लामी दुनिया के सभी नौजवानों को सलाम! सलाम हो, फ़िलिस्तीन के बहादुर और ग़ैरतमंद नौजवानों पर! सलाम हो #फ़िलिस्तीन के अवाम पर! इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021
30/04/2022
ज़ायोनी दुश्मन हर साल पिछले साल की तुलना में ज़्यादा कमज़ोर हुआ है। उसकी फ़ौज जो ख़ुद को ‎नाक़ाबिले शिकस्त बताती थी, आज लेबनान में 33 दिन और ग़ज़्ज़ा में 22 दिन और 8 दिन की ‎जंगों में शिकस्त खाकर एक ऐसी फ़ौज बन कर रह गई है जो कभी कामयाबी का मुंह नहीं देख ‎सकती। इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021‎
30/04/2022
जब तक बैतुल मुक़द्दस पर ज़ालिम ज़ायोनियों का क़ब्ज़ा है, साल के हर दिन को क़ुद्स दिवस समझना चाहिए।
30/04/2022
युक्रेन के मामले में आसमान सिर पर उठा लेने वाले यूरोप और अमरीका में मानवाधिकार की रक्षा के झूठे दावेदारों ने, फ़िलिस्तीन में इतने ज़ुल्म व सितम पर अपने होंठ सी लिए हैं। 
30/04/2022
ईलुद फ़ित्र के मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 1542 क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ या कम करने पर रज़ामंदी दी है।
29/04/2022
फ़िलिस्तीन मज़लूम भी है और ताक़तवर भी। मैंने कई साल पहले यही बात ईरान के सिलसिले में कही थी। आज फ़िलिस्तीन वाक़ई ताक़तवर बन चुका है। फ़िलिस्तीनी नौजवान फ़िलिस्तीन का विषय भुला दिए जाने का मौक़ा नहीं दे रहे हैं। दुश्मन के अपराधों के सामने डटकर खड़े हैं।
29/04/2022
विश्व क़ुद्स दिवस पर ईरान की इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई भाषण देंगे।
29/04/2022
परवरदिगार! रमज़ान की रातें गुज़र गयीं, रमज़ान के दिन बीत गये और हमें यह भी नहीं मालूम कि इन गुज़र जाने वाली रातों और बीत जाने वाले दिनों में हम अपने वजूद को तेरी रहमतों से सजा पाए या नहीं।  "अगर अब तक तक हम तुझे खुश करने में कामयाब नहीं हुए तो हमारी गुज़ारिश है कि अब हम से राज़ी हो जा।"