हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों की शहादत के चालीसवें दिन के उपलक्ष्य में तेहरान यूनिवर्सिटी में एक मजलिस (शोक सभा) आयोजित हुई जिसमें इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े से वीडियो लिंक के माध्यम से भाग लिया।
पवित्र प्रतिरक्षा के शहीदों और मुजाहेदीन की निष्ठापूर्ण क़ुरबानियां ईरानी जनता के लिए विजय और सफलता का उपहार लेकर आईं और उनके ख़ून से इतिहास में इस्लामी गणराज्य की सत्यता दर्ज हो गई।
यह मुजाहेदीन का बड़ा सबक़ हैः जहां निष्ठापूर्ण संघर्ष होगा विजय और सरबुलंदी मिलेगी।
इमाम ख़ामेनई
टोकियो ओलम्पिक और पैरालिम्पिक 2020 में शामिल इस्लामी गणराज्य ईरान के कारवां में मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों व चैम्पियनों ने 18 सितम्बर 2021 को इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ईरानी नौसेना के 75वें बेड़े की विशाल एटलांटिक महासागर में ऐतिहासिक मिशन से शानदार वापसी पर, बेड़े के कमांडर और एक एक कर्मचारी की कोशिशों को सराहा।
अगर आशूर क़ुरबानी के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु है तो यह चालीस दिन बयान के ज़रिए जेहाद का चरम बिंदु हैं।
पैग़म्बर के ख़ानदान के आंदोलन ने कर्बला की घटना को अमर कर दिया। यह बयान उस क़ुरबानी को मुकम्मल करने वाली कड़ी है।
इमाम ख़ामेनई
Sept 27, 2021
सरकार सप्ताह और पूर्व राष्ट्रपति शहीद मुहम्मद अली रजाई व पूर्व प्रधानमंत्री शहीद मुहम्मद जवाद बाहुनर की हत्या की बरसी के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति रईसी और मंत्रीमंडल के सदस्यों ने देश की 13वीं सरकार का काम शुरू होने के आरंभिक दिनों में 28 अगस्त 2021 को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में वरिष्ठ नेता ने देश के कुछ अहम मामलों व अफ़ग़ानिस्तान की ताज़ा स्थिति पर बात की।
कर्बला की सरज़मीन पर भाई हुसैन की लाश के पास पहुंच कर हज़रत ज़ैनब ने पैग़म्बरे इस्लाम से दर्द भरे लहजे में कहा यह आपका हुसैन है जो ख़ून में लथपथ ज़मीन पर पड़ा है।
इस्लामी क्रान्ति के सुप्रीम लीडर ने 23 जुलाई 2021 को सुबह कोविड-19 के ईरानी टीके की दूसरी डोज़ लगवायी। आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कोविड-19 के ईरानी टीके “कोवो ईरान बर्कत” का पहला टीका 25 जून 2021 के लगवाया था।
मुबाहेला वह मौक़ा है जब पैग़म्बरे इस्लाम अपने सबसे चहेते लोगों को मैदान में लेकर आते हैं। यही सूरत मुहर्रम में अमली शक्ल में पेश आई। यानी इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम भी हक़ीक़त बयान करने और पूरे इतिहास में हक़ को ज़ाहिर करने के लिए अपने प्यारों को मैदान में ले आते हैं।
इमाम ख़ामेनई
Dec 13, 2009
ईरान में 13वें राष्ट्रपति चुनाव के जनादेश की पुष्टि का प्रोग्राम मंगलवार 3 अगस्त को इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता और देश के कुछ उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित हुआ और निर्वाचित राष्ट्रपति को वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रपति पद पर नियुक्त किया।
अल्लामा अमीनी मरहूम ने ग़दीर की रिवायत को 110 सहाबियों के हवाले से बयान किया है।... इसके अलावा ख़ुद हज़रत अली अलैहिस्सलाम की बहसें भी बहुत अहम हैं। जैसे सिफ़्फीन में अमीरुल मोमेनीन अपने असहाब के सामने ख़ुतबा देते हैं और ग़दीर की घटना बयान करते हैं।
ग़दीर के दिन ख़लीफ़ा मंसूब करने की घटना उसूल के निर्धारण की घटना है, क़ायदे के निर्धारण की घटना है। इस्लाम में एक उसूल तय पाया। पैग़म्बरे इस्लाम ने अपनी उम्र के आख़िरी महीनों में, इस उसूल को पेश किया। वह उसूल क्या है? इमामत का उसूल, विलायत का उसूल। इंसानी समाज में प्राचीन समय से हुकूमतें थीं। इंसान ने अनेक तरह के शासन का अनुभव किया है। इस्लाम इस तरह की सरकार को, इस तरह के ताक़त के मकरज़ को नहीं मानता, इमामत को मानता है। यह इस्लाम का नियम व दस्तूर है। ग़दीर की घटना इसी को बयान करती है।
आपका मन हज़रत अली के इश्क़ में डूबा हुआ है। अल्लाह उन पर अपनी कृपा की बारिश करे। यही शौक़, यही इश्क़, यही प्रेम और ध्यान इन्शा अल्लाह हमें उस सिम्त ले जाने का ज़रिया बने जो हमारे मौला के मद्देनज़र है।
इन्शा अल्लाह ख़ुदा वंदे आलम इस बड़ी ईद और मौला हज़रत अली अलैहिस्सलाम के ज़िक्र की बर्कत से आपके दिल को हमेशा अपने करम से और अपनी शांति से रौशन रखे और यह तौफ़ीक़ दे कि इस मौक़े और इस जैसे दूसरे अवसरों से हम इन्शा अल्लाह सही अर्थ में फ़ैज़ हासिल कर सकें।