अगर इंसान अक़्लमंद, होशियार और जागरूक हो तो इसके ‎हर लम्हे से वह चीज़ हासिल कर सकता है जिसके सामने दुनिया की सारी नेमतें मामूली हैं। यानी अल्लाह की ‎रज़ामंदी, करम, इनायत और तवज्जो हासिल कर सकता है। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎8 फ़रवरी 1991
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