ज़्यादा से ज़्यादा दबाव की पालीसी में अमरीका को शर्मनाक शिकस्त हुई। यह कुछ ही दिन पहले का अमरीकी विदेश मंत्रालय का बयान है। उनके प्रवक्ता ने बयान दिया कि ईरान के ख़िलाफ़ ज़्यादा से ज़्यादा दबाव की पालीसी में अमरीका को शर्मनाक शिकस्त हुई।

आर्थिक जंग के ज़रिए दुश्मन ईरान की अर्थ व्यवस्था को तबाह कर देना चाहते थे। अलबत्ता अर्थ व्यवस्था की तबाही इस बात की भूमिका थी कि आर्थिक तबाही के ज़रिए अवाम को इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था के ख़िलाफ़ बग़ावत पर तैयार कर दें और अपने दुष्टतापूर्ण राजनैतिक लक्ष्य इस रास्ते से पूरे करें।

इस वक़्त प्रोडक्शन #जेहाद है। हर मेहनत जेहाद नहीं होती। जेहाद उस संघर्ष को कहते हैं जो दुश्मन के हमले और गतिविधियों के मद्देनज़र और उसे रोकने के लिए किया जाए। आज देश की अर्थ व्यवस्था के बारे में दुश्मनों की दुश्मनी बिल्कुल ज़ाहिर है।

जिस मैदान में भी हमारे नौजवानों पर भरोसा किया गया और उन्हें काम सौंपा गया, वहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। कोरोना की वैक्सीन से लेकर सटीक निशाना लगाने वाले मिसाइल बनाने तक हर मैदान में। कोरोना वैक्सीन की बेहतरीन क़िस्म उन्होंने तैयार कर ली। इन सलाहियतों की हमें क़द्र करनी चाहिए।

मैं आर्थिक गतिविधियों के मैदान में सरकार और सरकारी ओहदेदारों के शामिल होने से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखता लेकिन उनकी तरफ़ से मार्गदर्शन, निगरानी और मदद किए जाने से इत्तेफ़ाक़ रखता हूं। यह काम ज़रूर होना चाहिए।

देश की अर्थव्यवस्था और पैदावार का मोर्चा अल्लाह की मेहरबानी से मज़बूती से डटा हुआ है। दुश्मन के सामने डट जाने वाला लश्कर और इस पाकीज़ा डिफ़ेन्स के अफ़सर इंटरप्रीन्योर और आर्थिक मैदान के ओहदेदार हैं और लेबर वर्ग के लोग इस मैदान के निष्ठावान और पाकीज़ा सिपाही हैं।

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