शोक संदेश इस प्रकार हैः    

बिस्मिल्लाह-अर्रहमान-अर्रहीम

वरिष्ठ धर्मगुरू और दूरदर्शी मरजए तक़लीद आयतुल्लाहिल उज़मा अलहाज शैख़ लुत्फ़ुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी के निधन की दुखद ख़बर मिली। वे क़ुम के उच्च धार्मिक शिक्षा केंद्र “हौज़ए इल्मिया” के स्तंभों और ज्ञान व कर्म के लेहाज़ से इस पवित्र केंद्र की सबसे प्रमुख हस्तियों व सबसे पुराने धर्मगुरुओं में से एक थे। वे, मरहूम आयतुल्लाह बुरूजर्दी के समय में उस महान गुरू के सबसे अहम शिष्यों में से एक, मरहूम आयतुल्लाह सैयद मुहम्मद रज़ा गुलपायगानी के समय में उनके साथी और ज्ञान के मैदान में उनके सलाहकार और इमाम ख़ुमैनी के समय में उनके विश्वस्त लोगों में शुमार होते थे।

मरहूम बरसों तक संविधान की निरीक्षक परिषद के मुख्य स्तंभ समझे जाते थे और उसके बाद भी हमेशा क्रांति व देश के मामलों के बारे में हमदर्दी और ज़िम्मेदारी से बात करते थे। वे अनेक बार मुझे अपने विचारों व सलाहों से अवगत व लाभान्वित किया करते थे। साहित्यिक समझ, इतिहास की गहरी जानकारी और सामाजिक मामलों पर बातचीत इस बुज़ुर्ग व महान ज्ञानी के व्यक्तित्व के कुछ अन्य पहलू थे। उनका निधन, देश के ज्ञानी व धार्मिक हल्क़ों के लिए बहुत दुखदायी है।

मैं उनके आदरणीय परिवार व उनके सम्मानीय बच्चों और आदरणीय वरिष्ठ धर्मगुरुओं, उच्च धार्मिक शिक्षा केंद्र के धर्मगुरुओं, उनकी तक़लीद करने वालों और चाहने वालों विशेष कर क़ुम व गुलपायगान में उनके चाहने वालों की सेवा में सांत्वना पेश करता हूं और मरहूम के लिए अल्लाह से दया व कृपा की दुआ करता हूं।

सैयद अली ख़ामेनेई

 1फ़रवरी 2022