यह आम अदालतों, फ़ौजी अदालतों या दूसरी अदालतों से सज़ा पाने वाले क़ैदी हैं।

न्यायपालिका प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम एजेई ने इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी की सालगिरह के मौक़े पर सुप्रीम लीडर के नाम एक ख़त में 3388 क़ैदियों को माफ़ी दिए जाने या उनकी सज़ा में कमी किए जाने के लायक़ क़रार दिया, जिस पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने रज़ामंदी दी।

यह मंज़ूरी संविधान की धारा 110 के अनुच्छेद 11 के तहत दी गयी।