इस्लामी क्रांति की सफलता की 43वीं सालगिरह और इस उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले दस दिन के देश व्यापी जश्न की शुरुआत के अवसर पर इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई सोमवार को सुबह तड़के तेहरान के बहिश्ते ज़हरा नामक क़ब्रस्तान में स्थित इमाम ख़ुमैनी के पवित्र मज़ार पर पहुंचे और नमाज़ व क़ुरआन पढ़ कर, ईरानी राष्ट्र के महान नेता को श्रद्धांजली दी।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इसी तरह सम्मानीय शहीदों बहिश्ती, रजाई, बाहुनर और 7 तीर सन 1360 हिजरी शमसी बराबर 28 जून 1981 की घटना के शहीदों के मज़ारों पर उपस्थित हो कर अल्लाह से उनके दर्जों की बुलंदी की दुआ की।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई इसके बाद अन्य शहीदों के क़ब्रस्तान, गुलज़ारे शोहदा गए और उन्होंने इस्लाम व ईरान की हिफ़ाज़त करते हुए शहीद होने वालों की पवित्र आत्माओं पर दुरूद व सलाम भेजा।