हमारा इंक़ेलाब उस सरकार के ख़िलाफ़ महान अवामी इंक़ेलाब था जो एक निंदनीय सरकार की सारी बुराइयों में लिप्त थी। भ्रष्टाचारी थी, बाहरी ताक़तों की पिट्ठू थी, बग़ावत के ज़रिए थोपी गई थी और नाकारा भी थी।