30 मई 2023 की यह तक़रीर आज पहली जून को कान्फ़्रेंस हाल में जारी की गई। तक़रीर के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं।

 

शहीदों को श्रद्धांजलि एक बड़ा जेहाद है। यह वही जेहाद है जिसने कर्बला में बहने वाले पाकीज़ा ख़ून को व्यर्थ जाने से बचा लिया। यह वही जेहाद है जिसने इस्लाम की अज़ीम हस्तियों की एक हज़ार साल की सेवाओं को अब तक ज़िंदा रखा।

 

साम्राज्यवादी ताक़तों को आज यह मंज़ूर नहीं कि इस मुल्क के गौरवों के ऊंचे परचमों पर हमारे शहीदों का नाम और ज़िक्र नज़र आए। शहीदों को श्रद्धांजलि इस शैतानी और दुष्ट हरकत के ख़िलाफ़ उठाया जाने वाला क़दम है।

 

शहीद की परवरिश करने वाले का ज़िक्र ताज़ा रखना भी जेहाद है। शहीद की परवरिश करने वाला कौन है? मां, बाप, उस्ताद, बीवी, अच्छे दोस्त यह सब शहीद की परवरिश करने वाले हैं। इनका ज़िक्र भी ज़िंदा रखना एक जेहाद है।