हां, क़ुरआन बुरी ताक़तों के लिए ख़तरा है। यह ज़ुल्म की भी निंदा करता है और ज़ुल्म सहने वाले की भी निंदा करता है कि उसने क्यों ज़ुल्म सहना गवारा किया। इमाम ख़ामेनेई 3 अक्तूबर 2023
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