रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई की यादों पर आधारित किताब के उर्दू और बंग्ला अनुवादों का दिल्ली बुक फ़ेयर में अनावरण किया गया।
फ़ार्सी में इस किताब का शीर्षक ‘ख़ूने दिली के लाल शुद’ है जबकि इसके उर्दू अनुवाद पर आधारित किताब का नाम ‘ज़िंदां से परे रंगे चमन’ है।
फ़ोटोज़ साभार कामयार ख़तीबी