इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी की सालगिरह के मौक़े रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस्लामी इंक़ेलाब के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी के मज़ार और शहीदों के क़ब्रिस्तान बहिश्ते ज़हरा में जाकर श्रद्धांजलि पेश की।

‘दहे फ़ज्र’ या नई सुबह के दस दिन की वर्षगांठ और इस्लामी इंक़ेलाब की शानदार कामयाबी की 45वीं सालगिरह के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई बुधवार 31 जनवरी की सुबह इस्लामी गणराज्य के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह के मज़ार पर पहुंचे और उन्होंने नमाज़ और क़ुरआन पढ़कर ईरानी क़ौम के महान नेता को श्रद्धांजलि पेश की।

इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता इसी तरह क़ौम के अज़ीम शहीदों शहीद बहिश्ती, शहीद रजाई, शहीद बाहुनर और 28 जून 1981 की घटना में शहीद होने वालों के मज़ार भी पहुंचे और अल्लाह से उनके दर्जे की बुलंदी की कामना की।

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई, इसके बाद बहिश्ते ज़हरा क़ब्रस्तान में स्थित शहीदों से विशेष भाग "गुलज़ारे शोहदा" पहुंचे और ईरान की रक्षा में अपनी जान क़ुरबान करने वाले शहीदों की पाक आत्मा को श्रद्धांजलि पेश की।

31 जनवरी 2024