यह जो पश्चिम के ज़ालिम और दुष्ट मुल्कों के नेता मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के बार बार दौरे कर रहे हैं, इसकी वजह यह है कि वो ज़ायोनी शासन को बिखरता हुआ देख रहे हैं। वो ख़ूब समझ रहे हैं। उसे बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि जो वार पड़ा है वह बहुत गहरा और निर्णायक वार था।
इमाम ख़ामेनेई
25 अक्तूबर 2023
इन दिनों जो नीतियां चल रही हैं, यानी हालिया हफ़्ते में ज़ायोनी सरकार के भीतर जो नीति चल रही है, उसे अमरीकी तय कर रहे हैं, मतलब यह कि पॉलिसी मेकर वो हैं और जो यह काम हो रहे हैं, वो अमरीकियों की नीतियों के तहत हैं।
इमाम ख़ामेनेई
17 अक्तूबर 2023
ग़ज़ा का मसला एक तरफ़ मज़लूमियत की तस्वीर पेश करता है तो दूसरी तरफ़ यह मज़बूती का आईना है। ग़ज़ा के अवाम का सब्र और अल्लाह पर भरोसा उन्हें मैदान का विजेता बनाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
25 अक्तूबर 2023
मुस्लिम सरकारें यह न करें कि अगर अमरीकी और कुछ पश्चिमी देश, अपने घर और वतन की रक्षा करने वालों को आतंकवादी कह रहे हैं तो वे भी यही दोहराना शुरू कर दें! आतंकवादी तो वह जाली सरकार है जिसने फ़िलिस्तीन को हड़प लिया है।
इमाम ख़ामेनेई
25 अक्तूबर 2023
यह जो आप देख रहे हैं कि अमरीका के राष्ट्रपति, ज़ालिम व दुष्ट मुल्कों ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्ष एक के बाद एक वहाँ जा रहे हैं! इसकी वजह क्या है? वजह यह है कि वो देख रहे हैं कि (क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन) बिखरता जा रहा है।
इस मौजूदा मसले में, इसी तरह आइंदा मसलों में फ़िलिस्तीन को यक़ीनन फ़तह हासिल होगी। दुनिया फ़िलिस्तीन के नए भविष्य की दुनिया होगी, क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार की दुनिया नहीं।
इमाम ख़ामेनेई
25 अक्तूबर 2023
ग़ज़ा के मज़लूम अवाम की मज़लूमियत के साथ साथ दो बड़ी अहम बातें हैं। एक तो इन मज़लूम अवाम का सब्र और अल्लाह पर भरोसा है। दूसरा अहम बिंदु यह है कि फ़िलिस्तीनी जांबाज़ों के इस हमले में क़ाबिज़ सरकार पर जो वार हुआ है वह बड़ा निर्णायक है।
इमाम ख़ामेनेई
25 अक्तूबर 2023
हमें हज़रत मासूमा-ए-क़ुम से अपनी क्षमता भर फ़ैज़ हासिल करना चाहिए। आप इमाम की बेटी हैं। इमाम की बेटी, इमाम की बहन, इमाम की फुफी। यह कितना अज़ीम मर्तबा है?! आपके ज़ियारतनामे में हैः ऐ फ़ातेमा मासूमा! आप बहिश्त में जाने के लिए हमारी शिफ़ाअत कीजिए! क्योंकि अल्लाह की बारगाह में आप बड़ी अज़ीम शान व स्थान की मालिक हैं।
इमाम ख़ामेनेई
19 जुलाई 1992
इसी सामर्रा शहर में इन दोनों हस्तियों इमाम अली नक़ी और इमाम हसन असकरी अलैहिमुस्सलाम ने संपर्क और सूचना का ऐसा विशाल नेटवर्क बनाया कि वह इस्लामी दुनिया के कोने कोने तक फैल गया।
इमाम ख़ामेनेई
10 मई 2003
अगर आप देखें कि वह राह जिस पर आप चल रहे हैं, कुफ़्फ़ार उससे ख़ुश होते हैं, तो जान लीजिए कि वह रास्ता ‘वो काफ़िरों पर सख़्त हैं’ वाला रास्ता नहीं हैं, तो आप पैग़म्बरे इस्लाम के साथ नहीं हैं, पैग़म्बर के हमराह नहीं हैं।
इमाम ख़ामेनेई
12/09/2023
लोरिस्तान प्रांत के शहीदों पर राष्ट्रीय सेमिनार के प्रबंधकों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुलाक़ात की।
25 अक्तूबर 2023
अमरीका ग़ज़ा में जारी ज़ायोनी सरकार के अपराधों में यक़ीनी तौर पर लिप्त है। ग़ज़ा में जो अपराध हो रहा है उसे दर हक़ीक़त अमरीका ही मैनेज कर रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
25 अक्तूबर 2023
इस (ग़ज़ा के) मसले में अमरीका यक़ीनी तौर पर अपराधियों का भागीदार है। यानी इन अपराधों में अमरीका के हाथ कोहनियों तक मज़लूमों, बच्चों, बीमारों, औरतों के ख़ून में डूबे हुए हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 25 अक्तूबर सन 2023 को लोरिस्तान प्रांत के शहीदों पर राष्ट्रीय सेमिनार के प्रबंधकों से ख़ेताब में इस तरह के सेमिनारों के मक़सद, लक्ष्य और ज़िम्मेदारियों के सिलसिले में ज़रूरी निर्देश दिए और फ़िलिस्तीन के मसले पर ग़ज़्ज़ा पर जारी ज़ायोनी हमलों के संबंध में अहम बिन्दुओं पर चर्चा की। (1)
ज़ायोनी कालोनियों वग़ैरह में जो लोग रह रहे हैं वो आम लोग नहीं हैं, वो हथियारों से लैस हैं। चलिए मैं मान लेता हूं कि वो आम लोग हैं! कितने आम लोग मारे गए? इससे 100 गुना ज़्यादा इस वक़्त यह क़ाबिज़ सरकार बच्चों, औरतों, बूढ़ों और जवानों को क़त्ल कर रही है जो आम नागरिक हैं।
सारी इस्लामी दुनिया का फ़र्ज़ है कि फ़िलिस्तीनियों की हिमायत करे और इंशाअल्लाह करेगी। ज़हीन रणनीतिकारों, बहादुर नौजवानों, सरफ़रोश कार्यकर्ताओं ने यह कारनामा अंजाम दिया। यह साहसिक कारनामा इंशाअल्लाह फ़िलिस्तीन की रिहाई की तरफ़ बड़ा क़दम साबित होगा।
इमाम ख़ामेनेई
10 अक्तूबर 2023
मुसलमान क़ौमों में क्रोध है। इसकी निशानियां आप देख ही रहे हैं: अवामी गिरोहों के प्रदर्शन सिर्फ़ इस्लामी मुल्कों में नहीं बल्कि लॉस एंजलिस, नेदरलैंड में, फ़्रांस में, यूरोपीय मुल्कों में, मुसलमान और ग़ैर मुसलमान दोनों। वो ग़ुस्से में हैं।
इमाम ख़ामेनेई
17 अक्तूबर 2023
बमबारी फ़ौरन रुकना चाहिए। मुसलमान क़ौमों में क्रोध है। बहुत ज़्यादा ग़ुस्से में हैं। बहुत सी सूचनाएं हैं जो हमें यह बताती हैं कि ज़ायोनी सरकार के भीतर जो नीति चल रही है, उसे अमरीकी तय कर रहे हैं। अमरीकी अपनी ज़िम्मेदारी पर ध्यान दें, वो जवाबदेह हैं।
अनेक जानकारियों से ज़ाहिर होता है कि ज़ायोनी सरकार की इन दिनों की नीतियां अमरीकी तैयार कर रहे हैं और जो कुछ हो रहा है अमरीकियों की नीतियों के मुताबिक़ हो रहा है। इस स्थिति के ज़िम्मेदार अमरीकी हैं।
इमाम ख़ामेनेई
17 अक्तूबर 2023
फ़िलिस्तीन के मामले में जो चीज़ पूरी दुनिया की नज़रों के सामने है वह क़ाबिज़ सरकार के हाथों नस्ली सफ़ाए का जुर्म है। यह पूरी दुनिया देख रही है। अब तक ग़ज़्ज़ा के कई हज़ार फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, इन्हीं कुछ दिनों में। आज की क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार पर निश्चित तौर पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए।
फ़िलिस्तीन के मसले में जो चीज़ सारी दुनिया की निगाहों के सामने है वह क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार के हाथों होने वाला नस्ली सफ़ाया है। यह सारी दुनिया देख रही है।
इमाम ख़ामेनेई
17 अक्तूबर 2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार 17 अक्तूबर की सुबह जीनियस व प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों से मुलाक़ात में, वैज्ञानिक सेंटरों और यूनिवर्सिटियों में इनोवेशन पर आधारित सरगर्मियों के नए चरण में दाख़िल होने के लिए, एक नई वैज्ञानिक छलांग लगाने पर बल दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 17 अक्तूबर 2023 को मुल्क के प्रतिभावान नौजवानों और ज्ञान-विज्ञान के मैदान की अहम हस्तियों से ख़ेताब करते हुए शिक्षा, रिसर्च, आविष्कार सहित अनेक मुद्दों पर बात की। इस तक़रीर में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ग़ज़ा के हालात और अलअक़सा तूफ़ान ऑप्रेशन के बारे में भी अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला। (1)
यह काम, ख़ुद फ़िलिस्तीनियों का है, सूझ बूझ रखने वाले रणनीतिकार, बहादुर नौजवान, जान हथेली पर रख कर घूमने वाले जवानों ने बहादुरी की यह दास्तान लिखी है और इन्शाअल्लाह यह कारनामा, फ़िलिस्तीन को छुटकारा दिलाने की राह में एक बड़ा क़दम होगा।