अमरीका के राष्ट्रपति, जर्मनी के चांसलर, फ़्रांस के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री, ये सबके सब नस्लपरस्ती को मानते हैं और नस्लपरस्ती का किसी भी तरह विरोध नहीं करते हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 19 नवम्बर 2023 को सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब की एरोस्पेस फ़ोर्स की उपलब्धियों और आविष्कारों की प्रदर्शनी का मुआइना करने के बाद स्पीच दी। उन्होंने रिसर्च के बारे में कुछ निर्देश दिए और साथ ही ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में भी बात की।
यह जंग ग़ज़ा और इस्राईल की जंग नहीं सत्य और असत्य की जंग है, साम्राज्यवाद और ईमान की जंग है। इम्पेरियलिस्ट ताक़तें बमों, सैनिक दबाव, त्रास्दियों और अपराधों के साथ आगे आती हैं और ईमान की ताक़त अल्लाह की मदद से इन सब पर विजय हासिल करेगी।
इमाम ख़ामेनेई
1 नवम्बर 2023
ग़ज़ा के अवाम ने अपने सब्र से पूरी इंसानियत के ज़मीर को झिंझोड़ दिया। यहां तक कि ब्रिटेन, फ़्रांस और अमरीका में जनसैलाब निकलता है और इस्राईल के ख़िलाफ़ और अमरीकी सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाता है।
इमाम ख़ामेनेई
अल्लामा तबातबाई को श्रद्धांजली देने के लिए बुधवार 15 नवम्बर 2023 को आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजकों ने 8 नवम्बर 2023 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की थी। इस मौक़े पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई का ख़ेताब आज सुबह पवित्र नगर क़ुम में सम्मेलन के आरंभ पर दिखाया गया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने संविधान के आर्टिकल 110 के पहले अनुच्छेद के तहत एक्सपीडिएंसी डिसर्नमेंट काउंसिल से विमर्श के बाद समुद्री विभाग से संबंधित जनरल डेवलप्मेंट पॉलीसियों का नोटिफ़िकेशन अमली जामा पहनाने के लिए तीनों पालिकाओं के प्रमुखों और इसी तरह एक्सपीडिएंसी डिसर्नमेंट काउंसिल के प्रमुख को जारी कर दिया।
ग़ज़ा में इस बड़े पैमाने पर क़त्ले आम के बाद भी अब तक इस लड़ाई में हारा हुआ पक्ष ज़ायोनी शासन ही है क्योंकि वो मिट्टी में मिल चुकी इज़्ज़त दोबारा हासिल नहीं कर सका और आइंदा भी यह काम नहीं कर पाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
6 नवम्बर 2023
ग़ज़ा के अवाम ने अपने सब्र से पूरी इंसानियत के ज़मीर को झिंझोड़ दिया। यहां तक कि ख़ुद पश्चिमी देशों में, ब्रिटेन, फ़्रांस और संयुक्त राज्य अमरीका में जनसैलाब निकलता है और इस्राईल के ख़िलाफ़ और अमरीकी सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाता है। दुनिया में यह लोग बेइज़्ज़त हो गए।
इमाम ख़ामेनेई
1 नवम्बर 2023
अमरीकी ग़ज़ा में जारी ज़ायोनियों के अपराधों में शरीक हैं। अगर उनकी सामरिक व राजनैतिक मदद न हो तो ज़ायोनी सरकार अपनी कार्यवाहियां जारी रख पाने के क़ाबिल नहीं रहेगी।
इमाम ख़ामेनेई
6 नवम्बर 2023
ग़ज़ा में इस बड़े पैमाने पर क़त्ले आम के बाद भी अब तक इस लड़ाई में हारा हुआ पक्ष ज़ायोनी शासन ही है क्योंकि वो मिट्टी में मिल चुकी इज़्ज़त दोबारा हासिल नहीं कर सका और आइंदा भी यह काम नहीं कर पाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
6 नवम्बर 2023
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने आज सुबह इराक़ के प्रधानमंत्री मुहम्मद शेया अलसूदानी से मुलाक़ात में ग़ज़ा की पीड़ित जनता के समर्थन में इराक़ की सरकार और जनता के अच्छे और ठोस स्टैंड की प्रशंसा की। उन्होंने ग़ज़ा में क़त्ले आम रुकवाने के लिए इस्लामी दुनिया की तरफ़ से अमरीका और ज़ायोनी सरकार पर सियासी दबाव बढ़ाए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
अमरीकी ग़ज़ा में जारी ज़ायोनियों के अपराधों में शरीक हैं। अगर उनकी सामरिक व राजनैतिक मदद न हो तो ज़ायोनी सरकार अपनी कार्यवाहियां जारी रख पाने के क़ाबिल नहीं रहेगी।
इमाम ख़ामेनेई
1 नवम्बर 2023
हमास आंदोलन की राजनैतिक शाखा के प्रमुख इस्माईल हनीया ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी दुनिया यह न भूले कि इस अहम व निर्णायक मसले में इस्लाम के मुक़ाबले में, मुस्लिम क़ौम के मुक़ाबले में, मज़लूम फ़िलिस्तीन के मुक़ाबले में जो खड़ा है वह अमरीका है, फ़्रांस है, ब्रिटेन है।
अपने अवाम से भी झूठ बोल रहा है। अपने क़ैदियों के बारे में उनका चिंता ज़ाहिर करना भी झूठ है। जो बमबारी कर रहे हैं उसमें अपने क़ैदियों को भी क़त्ल कर रहे हैं।
इमाम ख़ामेनेई
1 नवम्बर 2023
विश्व साम्राज्यवाद से संघर्ष और स्कूली छात्रों के राष्ट्रीय दिवस की मुनासेबत से स्कूली और युनिवर्सिटी छात्रों ने रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई की मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने चार नवम्बर बराबर 13 आबान को मनाए जाने वाले विश्व साम्राज्यवाद से संघर्ष के राष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में 1 नवम्बर 2023 को देश के छात्रों से मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए ईरान से अमरीका की पुरानी दुश्मनी के इतिहास और कारणों का जायज़ा लिया और साथ ही ग़ज़ा पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में बात की। (1)
डॉक्टर अब्बास मूसवी, पाकिस्तान
इतिहास गवाह है कि ज़ालिम ने हमेशा तरह तरह के ज़ुल्म के ज़रिए पीड़ित इंसानों पर क़ाबू पाने की कोशिश की ताकि हमेशा के लिए अपना वर्चस्व क़ायम रख सके। लेकिन नतीजा इसके बरख़िलाफ़ ज़ाहिर हुआ। फ़िरऔनों से लेकर यज़ीदों तक सब के सब मूसा और हुसैन जैसों के सामने मिट गए और मज़लूमों ने अस्थायी कठिनाइयों के मुक़ाबले में दृढ़ता दिखाकर साम्राज्यवादियों पर फ़तह हासिल की।