ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के लोगों के बारे में दुनिया के लोग दो बातों को मानते हैं। एक ये कि ये मज़लूम हैं, दूसरे ये कि ये फ़ातेह हैं। इसे पूरी दुनिया मानती है।
ग़ज़ा के अवाम की मदद के लिए #यमन के अवाम और #अंसारुल्लाह की सरकार ने जो कारनामा अंजाम दिया वह बहुत अज़ीम है। यमनियों ने ज़ायोनी सरकार की जीवन की नसों पर वार किया है। अमरीका ने धमकी दी तो उसे ध्यान के लायक़ नहीं समझा। इंसान को अगर अल्लाह का डर हो तो किसी और का डर नहीं रह जाता।
इमाम ख़ामेनेई
16 जनवरी 2024
इस्लामी गणराज्य ईरान की सिपाहे पासदाराने इंक़ेलाब आईआरजीसी की क़ुद्स फ़ोर्स के पूर्व कमांडर शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी की चौथी बरसी से पहले शहीदों के घरवालों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 31 दिसंबर 2023 को होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने शहीद सुलैमानी की शख़्सियत और उनकी ओर से की गयी सेवा के बारे में बात की और इस राह में उनके घरवालों के रोल और सहयोग का ज़िक्र किया। (1)
डॉक्टर मसऊद असदुल्लाही का इंटरव्यू
स्ट्रैटिजिक मामलों के माहिर डॉक्टर मसऊद असदुल्लाही ने Khamenei.ir बात करते हुए बताया कि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के मुजाहिदों का ईमान का जज़्बा और ज़ायोनी फ़ौज की ज़मीनी मोर्चे पर उतरने की स्ट्रैटिजिक लेहाज़ से ग़लती, ज़ायोनी फ़ौज की हार के सबसे अहम कारण हैं। उनके इंटरव्यू के कुछ अहम बिन्दु पेश हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 9 जनवरी 2024 को कहाः "ज़ायोनी सरकार क़रीब 100 दिनों बाद, जबसे वो जुर्म कर रही है, अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी है। फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ज़िन्दा, ताज़ा दम और मुस्तैद है और वो सरकार थकी हुयी, लज्जित, पशेमान है और उसके माथे पर मुजरिम का ठप्पा लगा हुआ है।"
संयुक्त राष्ट्र संघ ने जो आंकड़े पेश किए हैं उनके अनुसार सन 2010 से 2019 के बीच ज़ायोनी कॉलोनियों में रहने वालों ने 2955 हमले किए। इनमें 22 फ़िलिस्तीनी शहीद और 1258 घायल हुए।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने बुज़ुर्ग धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन अलहाज शैख़ मोहसिन अली नजफ़ी के इंतेक़ाल पर एक पैग़ाम जारी करके, पाकिस्तान के उलमा और मदरसों को ताज़ियत पेश की।
आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सीनियर कमांडरों में से एक और ख़ातेमुल अंबिया बेस के सेंट्रल हेड क्वार्टर्ज़ के कमांडर मेजर जनरल ग़ुलाम अली रशीद उन लोगों में से हैं जो पाकीज़ा डिफ़ेन्स के दौरान बरसों शहीद अलहाज़ क़ासिम सुलैमानी के साथ रहे हैं। शहीद क़ासिम सुलैमानी की बरसी के मौक़े पर वेबसाइट KHAMENEI.IR ने इस सीनियर फ़ौजी जनरल से बातचीत की है। उनका इंटरव्यू संक्षेप में पेश है।
तीन महीने से ज़ायोनी सरकार जुर्म कर रही है। इतिहास इन अपराधों को भूलेगा नहीं, अल्लाह की मदद से ज़ायोनी सरकार के अंत, उसके विनाश और ज़मीन से उसका वजूद मिट जाने के बाद भी ये जुर्म भुलाए नहीं जाएंगे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने क़ुम के अवाम के 9 जनवरी सन 1978 के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर इस शहर से आए हज़ारों लोगों से मुलाक़ात की।
क़ुम के हज़ारों लोगों ने इमाम ख़ुमैनी के समर्थन में 9 जनवरी 1978 को किए जाने वाले आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
9 जनवरी 1978 को ईरान के पवित्र नगर क़ुम के अवाम ने ऐतिहासिक आंदोलन किया। इस आंदोलन की सालगिरह के मौक़े पर क़ुम के लोगों ने 9 जनवरी 2024 को इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस सालाना मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आंदोलन के बारे में बात की और कुछ अन्य विषयों पर प्रकाश डाला।
1973 की जंग में रिचर्ड निक्सन की ओर से इस्राईल को दी गयी मदद, बाइडन की ओर से इस्राईल की दो जाने वाली मदद की तुलना में कुछ नहीं है। अमरीकी राष्ट्रपति ईसाई धर्म और कैथोलिक मत को मानने का सिर्फ़ दिखावा कर रहे हैं, ज़ायोनीवाद उनका असली मत है।
संगदिल अपराधी, अवाम का अपने अज़ीम कमांडर शहीद क़ासिम सुलैमानी के मज़ार की ज़ियारत का इश्क़ और शौक़ बर्दाश्त न कर पाए। वो याद रखें कि सुलैमानी की रौशन राह के सिपाही भी उनकी इस पस्ती और अपराध को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ईरान के किरमान नगर में शहीदों के क़ब्रिस्तान के रास्ते में आतंकी घटना में शहीद सुलैमानी के बहुत से श्रद्धालुओं की शहादत पर रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई का शोक संदेश।
3 जनवरी 2024
ग़ज़ा के वाक़ए में अमरीका रुसवा हो गया, पश्चिमी सभ्यता का असली चेहरा सामने आ गया। फ़िलिस्तीनी क़ौम ने पश्चिम को, अमरीका को, मानवाधिकार के झूठे दावों को रुसवा कर दिया। वाइट हाउस की असलियत सामने आ गई, अमरीका और ब्रिटेन की सरकार का असली चेहरा सामने आ गया।
बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम
सारी तारीफ़ पूरी कायनात के मालिक के लिए और दुरूद व सलाम हो हज़रत मोहम्मद और उनकी पाक नस्ल ख़ास तौर पर पूरी कायनात के लिए अल्लाह की आख़िरी हुज्जत इमाम महदी पर जिन पर हमारी जाने क़ुरबान हों।
सॉफ़्ट पावर की ताक़त हार्ड पावर से ज़्यादा गहरी और असरदार होती है। अमरीका ने 20 साल में अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ में अरबों ख़र्च किए मगर अवामी नफ़रत की वजह से उसे भागना पड़ा। यह हार्ड पावर के अस्थायी असर की वजह से हुआ।
इमाम ख़ामेनेई
3 जनवरी 2024
ज़ाकिरों, ख़तीबों, मद्दाहों और शायरों ने बुधवार 3 जनवरी को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात हर साल हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर होती है।
3 जनवरी 2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने बुधवार 3 जनवरी 2024 को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हज़ारों ज़ाकिरों, ख़तीबों, मद्दाहों और शायरों से मुलाक़ात की।
सॉफ़्ट पावर यानी कोई ग्रुप जो तादाद में कम हो लेकिन फ़िक्री और नैतिक असर से सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर ले। फ़िलिस्तीनी जिनके पास अपनी रक्षा का हथियार नहीं अपने सब्र व दृढ़ता से सारी दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने में सफल हुए। सॉफ़्ट पावर और हार्ड पावर का फ़र्क़ इतना ज़्यादा है।
इमाम ख़ामेनेई
3 जनवरी 2024
इस्लामी जगत की सरहद आज ग़ज़ा में है। आज इस्लामी जगत की नब्ज़ ग़ज़ा में धड़क रही है। ग़ज़ा के लोग कुफ़्र की दुनिया, सरकशी की दुनिया, साम्राज्यवाद की दुनिया और अमरीका के मुक़ाबले में खड़े हुए हैं।
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के जन्म दिवस पर अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम की शान में क़सीदे और शेर पढ़ने वाले मद्दाहों और नौहाख़्वानों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 3 जनवरी 2024 को होने वाली इस मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की शख़्सियत के बारे में गुफ़्तगू की और कुछ अहम निर्देश दिए। (1)
10 मार्च 2019 को जनरल क़ासिम सुलैमानी को निशाने ज़ुल्फ़ेक़ार दिए जाने के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की संक्षेप में अहम बातचीत। शहीद की बर्सी के मौक़े पर यह वीडियो पेश है।