उन्होंने इस मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से कहा कि इस दुखद माहौल में मैं आपसे मुलाक़ात के लिए आया हूं ताकि इराक़ सरकार और इराक़ी क़ौम के दुख, ग़म और संवेदना को ईरान सरकार और ईरानी क़ौम को पेश करूं। उन्होंने कहा कि हमने शहीद राष्ट्रपति जनाब रईसी में जो चीज़ देखी थी वह सच्चाई, अख़लाक़, पाकीज़गी, काम, कोशिश और अवाम की सेवा के सिवा कुछ नहीं थी।

इराक़ी प्रधान मंत्री ने इसी तरह ईरान के शहीद राष्ट्रपति की शवयात्रा में दसियों लाख लोगों की शिरकत की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैंने आज टीवी पर जो तस्वीरें देखीं हैं उनके कुछ साफ़ संदेश हैं जिनमें सबसे अहम संदेश, तमाम दबावों, पाबंदियों और इस दुखद घटना के बावजूद, इस्लामी गणराज्य में अधिकारियों के साथ अवाम के मज़बूत व ठोस रिश्तों की गहराई है।

अस्सूदानी ने बल दिया कि शवयात्रा में दसियों लाख लोगों की शिरकत का एक दूसरा संदेश यह है कि अवाम की सेवा करनी चाहिए और यह शानदार शवयात्रा, अवाम की सेवा का नतीजा है और यह पाठ इराक़ में हमारे लिए भी नमूना होना चाहिए।

इस मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने दुख में शामिल होने के लिए इराक़ी प्रधान मंत्री के सफ़र का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हमने एक नुमायां शख़्सियत को खो दिया है। राष्ट्रपति बड़े अच्छे भाई, उपयोगी, लायक़, गंभीर और दिल से काम करने वाले अधिकारी थे।

उन्होंने कहा कि इस वक़्त संविधान के मुताबिक़, जनाब मुख़बिर साहब ने यह भारी ज़िम्मेदारी उठायी है और इंशाअल्लाह इराक़ सरकार से सहयोग व समझौतों की पहले वाली प्रक्रिया जारी रहेगी।