शहीद सुलैमानी ने अपनी ज़िंदगी में भी साम्राज्यवाद को शिकस्त दी और अपनी शहादत से भी उसे शिकस्त दी। शायद कुछ दोस्तों को न पता हो कि उन्होंने क्षेत्र की क़ौमों की मदद से वेस्ट एशिया के क्षेत्र में अमरीका की सभी अवैध योजनाओं पर पानी फेर दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 3 जुलाई 2024 की सुबह मदरसे आली शहीद मुतह्हरी के अधिकारियों और टीचरों से तेहरान में मुलाक़ात में, चुनाव के दूसरे राउंड के बारे में एक संक्षिप्त बयान में बल दिया कि यह इलेक्शन बहुत अहम है और जो भी इस्लाम, इस्लामी गणराज्य, मुल्क की तरक़्क़ी, मुल्क के हालात में बेहतरी और कमियों के अंत को पसंद करता है वह शुक्रवार के दिन चुनाव में हिस्सा लेकर अपनी चाहत का इज़हार करे।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 3 जुलाई 2024 को मदरसा-ए-आली शहीद मुतह्हरी के ओहदेदारों और उस्तादों से ख़ेताब में इस धार्मिक शैक्षणिक केन्द्र की सेवाओं और राष्ट्रपति चुनाव के विषय में बात की। (1)
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इराक़ व सीरिया में पवित्र रौज़ों की हिफ़ाज़त के लिए अलग अलग मुल्कों से जाकर आतंकियों से मोर्चा लेने वाले मुजाहेदीन और रेज़िस्टेंस फ़्रंट के शहीदों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजक कमेटी से मुलाक़ात में तक़रीर की। 19 जून 2024 को होने वाली यह तक़रीर 29 जून 2024 को कान्फ़्रेंस हाल में जारी की गई। (1)
ख़ामेनेई, सैयद अली पुत्र सैयद जवाद, इस्लामी क्रांति के दूसरे सुप्रीम लीडर
ईरान की इस्लामी क्रांति के दूसरे सुप्रीम लीडर सैयद अली ख़ामेनेई पुत्र सैयद जवाद (पैदाइशः 19 अप्रैल 1939 ईसवी / 29 फ़रवरदीन 1318 हिजरी शमसी / 28 सफ़र 1358 हिजरी क़मरी)
इमामत के सिलसिले को पैग़म्बरे इस्लाम अल्लाह के हुक्म से आगे बढ़ाते हैं, अलबत्ता इस इमामत के लिए सत्ता व शासन ज़रूरी है। इसीलिए ख़िलाफ़त का एलान करते हैं, विलायत के एलान के वक़्त फ़रमाते हैं: "जिस जिस का मैं मौला हूं उसके ये अली मौला हैं।"
18 ज़िलहिज्जा सन 10 हिजरी का दिन, ग़दीर के एलान और अमीरुल मोमेनीन की जानशीनी के एलान का दिन वह दिन है जब काफ़िर मायूस हो गए। इस बारे में कि वो दीने इस्लाम को मिटा सकेंगे। इस दिन से पहले तक उन्हें यह उम्मीद थी कि ऐसा कर ले जाएंगे। लेकिन इस दिन उनकी उम्मीद मर गई।
ग़दीर का वाक़ेया इस्लाम की वास्तविक भावना और विषयवस्तु से निकला है। यह जो अल्लाह ने पैग़म्बरे इस्लाम के स्वर्गवास से क़रीब 70 दिन पहले उनसे यह फ़रमाया कि ऐ रसूल जो हुक्म आपको दिया गया है, उसे लोगों तक पहुंचा दीजिए और अगर आपने यह न पहुंचाया तो आपने अपनी ज़िम्मेदारी ही अदा न की, इससे पता चलता है कि इस्लाम की वास्तविक भावना और इस्लाम की वास्तविक विषयवस्तु ग़दीर में निहित है।
इमाम ख़ामेनेई
20/02/2003
राष्ट्रपति चुनाव के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेताः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ईदे ग़दीर के मौक़े पर राष्ट्रपति चुनाव के निकट अवाम की एक सभा को ख़ेताब करते हुए ईरानी राष्ट्र और दुनिया के सारे मुसलमानों को अल्लाह की सबसे बड़ी ईद ईदे ग़दीर की मुबारकबाद पेश की और ग़दीर के वाक़ए को इस्लामी शासन का क्रम जारी रहने और इस्लामी जीवन शैली के आगे बढ़ने की पृष्ठिभूमि क़रार दिया।
ईदे ग़दीर और राष्ट्रपति चुनाव के मौक़े पर मुल्क के 5 प्रांतों के हज़ारों लोग तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में जमा हुए और इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने लोगों से ख़ेताब किया।
ईदे ग़दीर के मौक़े पर और ईरान में 14वें राष्ट्रपति चुनाव से पहले 25 जून 2024 को रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में बड़ी जनसभा को संबोधित किया।
मंगलवार 25 जून को सुबह तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में ईदे ग़दीर के मौक़े पर "विलायत व बंधुत्व" शीर्षक के तहत जश्न का आयोजन होगा जिसे आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ख़ेताब करेंगे और इस कार्यक्रम को लाइव प्रसारित किया जाएगा।
गदीर का मसला अपनी आला विषयवस्तु के साथ सभी मुसलमानों से संबंधित है क्योंकि यह न्याय की हुक्मरानी, महानता की हुक्मरानी और अल्लाह की विलायत की हुक्मरानी के मानी में है। अगर हम भी सही मानी में अमीरुल मोमेनीन की विलायत से नाता जोड़ने वालों में शामिल होना चाहते हैं तो हमें अपने आपको, अपनी ज़िंदगी के माहौल को न्याय व इंसाफ़ के क़रीब करना होगा। सबसे बड़ा नमूना यह है कि हमसे जितना भी हो सके न्याय क़ायम करें क्योंकि न्याय का दायरा असीम है।
इमाम ख़ामेनेई
20/02/2003
हज़रत आदम के ज़माने से जब नबूव्वत और पैग़म्बरी का सिलसिला शुरू हुआ, वह जगह जहाँ धर्म और राजनीति के इकट्टा होने का अनोखा व बेजोड़ नमूना अपने चरम पर एक अमर परंपरा के तौर पर सामने आया जो समाज के मार्गदर्शन को सुनिश्चित करता था, वह ग़दीर का वाक़ेया था।
इमाम ख़ामेनेई
03/03/2002
न्यायपालिका दिवस के अवसर पर न्यायपालिका प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारियों ने रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 22 जून 2024 की इस मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने न्यायपालिका की अहमियत ज़िम्मेदारियों, सुधार और कार्यशैली के बारे में बात की। (1)
रौज़ों की रक्षा करने वाले और प्रतिरोध के मोर्चे के शहीदों पर अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस के आयोजकों से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता:
19 जून 2024 को पवित्र रौज़ों की रक्षा करने वाले और प्रतिरोध के मोर्चे के शहीदों की अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस की आयोजक कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का ख़ेताब टेक्स्ट आज शनिवार को इस कॉन्फ़्रेंस के आयोजन स्थल यानी इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में जारी किया गया।
बुज़ुर्ग धर्मगुरू आयतुल्लाह नासिर मकारिम शीराज़ी के तेहरान के एक अस्पताल में भर्ती होने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अस्पताल पहुंच कर उनका हाल-चाल पूछा।
बुज़ुर्ग धर्मगुरू आयतुल्लाह मकारिम शीराज़ी के तेहरान में अस्पताल में भर्ती होने पर, इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई उन्हें देखने अस्पताल गए।
जो लोग तुम्हें क़त्ल करते हैं, तुमसे जंग करते हैं, तुम्हें तुम्हारे वतन से भगा देते हैं या उन लोगों की मदद करते हैं जिन्होंने तुम्हें तुम्हारे घरों से निकाल दिया है तो उनसे संपर्क रखने या उन की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाने का तुम्हें हक़ नहीं है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इस साल के हज को 'बराअत' का हज क़रार दिया है, उनकी इस पहल का पाकिस्तान के मशहूर धर्मगुरू व टीकाकार अमीन शहीदी ने जायज़ा लिया।
ईदे क़ुरबान और ईदे ग़दीर के मौक़े पर, इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 2654 क़ैदियों की सज़ा को माफ़ करने, या कम करने या बदलने पर सहमति दी है। इन क़ैदियों को फ़ौजी अदालत और विभागीय कोर्ट सहित मुख़्तलिफ़ अदालतों से सज़ा मिली है।