इस्लाम के सबसे ख़ूबसूरत आध्यात्मिक दृष्यों में से एक, मस्जिदुन नबी में क़ुरआन की तिलावत है, मस्जिद और क़ुरआन एक साथ, काबा और क़ुरआन एक साथ, यह बहुत ही सुंदर संगम है।
हज़रत इब्राहीम का उन काफ़िरों के बारे में जो दुश्मनी नहीं करते यह पक्ष है कि उनसे अच्छा बर्ताव किया जाए। मगर एक जगह वो उनसे बेज़ारी का एलान करते हैं जो क़ातिल हैं और लोगों को उनके घर व वतन से बेदख़ल करते हैं। इसका उदाहरण आज कौन है? ज़ायोनी, अमरीका और उनके मददगार।
हज़रत इब्राहीम ने जो शिक्षाएं हमें दी हैं उनके मुताबिक़ इस साल का हज बेज़ारी के एलान का हज है। पश्चिमी कल्चर से निकलने वाले ख़ूंख़ार वजूद से बेज़ारी का एलान जिसने ग़ज़ा में अपराध किए।
ग़ौर कीजिए कि अमरीकी, इस्राईल का ज़बानी विरोध किए जाने पर क्या कार्यवाही कर रहे हैं?! अमरीकी स्टूडेंट्स के साथ इस तरह का सुलूक किया जा रहा है। यह वाक़या अमली तौर पर यह दिखाता है कि ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के बड़े अपराध में अमरीका, ज़ायोनी हुकूमत का शरीके जुर्म है।
इमाम ख़ामेनेई
1/5/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने हज के लिए क़ाफ़िलों के रवाना होने से कुछ दिन पहले सोमवार की सुबह, हज संस्था के प्रबंधकों और कुछ हाजियों से मुलाक़ात की।
अगर अमरीका की मदद न होती तो क्या ज़ायोनी सरकार में इतनी ताक़त थी, हिम्मत थी कि मुसलमान मर्दों, औरतों और बच्चों के साथ उस छोटे से इलाक़े में ऐसा बर्बरतापूर्ण व्यवहार करे?
हज़रत इब्राहीम की शिक्षाओं की बुनियाद पर इस साल का हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है, क्योंकि एक तरफ़ ख़ूंख़ार ज़ायोनी है तो दूसरी ओर ग़ज़ा के मुसलमान अवाम का इतनी मज़लूमियत के साथ प्रतिरोध है।
इराक़ी कुर्दिस्तान के स्थानीय प्रशासन के प्रमुख नीचरवान बारेज़ानी ने सोमवार को दोपहर से पहले तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
आज #फिलिस्तीन को समर्थन की ज़रूरत है। इस्लामी जम्हूरिया ईरान इस मसले में इनके-उनके इंतेज़ार में नहीं रहा और न आइंदा रहेगा। लेकिन अगर मुस्लिम क़ौमों और सरकारों के ताक़तवर हाथ सहयोग करते तो प्रभाव बहुत बढ़ जाता। यह फ़र्ज़ है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 6 मई 2024 को हज संस्था के अधिकारियों, सदस्यों और हज के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं से मुलाक़ात में हज के विषय पर अहम गुफ़तगू की और ग़ज़ा पर ज़ायोनियों के हमलों के परिप्रेक्ष्य में मुसलमानों की ज़िम्मेदारियों को रेखांकित किया। (1)
छात्रों से पेश आने का अमरीकी सरकार का तरीक़ा अमली तौर पर ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के भयानक जुर्म में ज़ायोनी हुकूमत के साथ अमरीका के लिप्त होने का सुबूत है।
इमाम ख़ामेनेई
01/05/2024
अगर हमारे ये दसियों लाख बच्चे और नौजवान, सिस्टम के बुनियादी हितों को समझ लें, तो फिर दुश्मन के प्रोपैगंडे और प्रोपैगंडों पर अरबों डॉलर ख़र्च करके की जाने वाली ये सारी कोशिशें वग़ैरह नाकाम हो जाएंगी
ग़ज़ा आज दुनिया का सबसे अहम मुद्दा है। ज़ायोनी और उनके अमरीकी व यूरोपीय समर्थक दुनिया के जनमत के एजेंडे से ग़ज़ा को बाहर निकालने की जितनी भी कोशिशें कर रहे हैं सब व्यर्थ हैं। आप अमरीका और यूरोप की युनिवर्सिटियों की हालत देखिए।
फ़िलिस्तीन, फ़िलिस्तीनी अवाम का है जिनमें मुसलमान हैं, ईसाई हैं और यहूदी भी हैं। फ़िलिस्तीन उन्हें लौटा दिया जाना चाहिए। वही फ़ैसला करें कि ज़ायोनियों को बाहर निकालना है या वहीं रहने देना है। यह हमारे ज़रिए पेश किया गया समाधान है जो संयुक्त राष्ट्र संघ में भी दर्ज किया गया है।
मज़दूरों की अहमियत के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। इस संबंध में सबसे अच्छी बात जो कही जा सकती है वो इस हदीस के मुताबिक़, पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम ने एक मज़दूर के खुरदुरे हाथों को चूमा। क्या इससे बढ़कर भी कोई फ़ज़ीलत की बात पेश की जा सकती है?
इमाम ख़ामेनेई
21/04/2024
मुल्क भर से बड़ी तादाद में आए टीचरों ने शिक्षक दिवस पर बुधवार 1 मई 2024 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
ग़ज़ा, दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने नहीं देना चाहिए, ये मुद्दा नंबर एक की पोज़ीशन से दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने न पाए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार की सुबह मशहूर विचारक उस्ताद शहीद आयतुल्लाह मुर्तज़ा मुतह्हरी की शहादत की बरसी और शिक्षक दिवस पर मुल्क भर से आए हुए टीचरों से मुलाक़ात की।
अगर बीस साल और तीस साल बाद तक इस हुकूमत को बचाए रखना चाहें, कि जो उनके बस की बात नहीं है, तो भी मुश्किल हल होने वाली नहीं है। मुश्किल तब हल होगी जब फ़िलिस्तीन उसके अस्ली मालिकों को वापस मिल जाए।
छात्रों से पेश आने का अमरीकी सरकार का तरीक़ा अमली तौर पर ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के भयानक जुर्म में ज़ायोनी हुकूमत के साथ अमरीका के लिप्त होने का सुबूत है।
इमाम ख़ामेनेई
01/05/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 1 मई 2024 को ईरान में महान विचारक व लेखक आयतुल्लाह शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी के शहादत दिवस पर मनाए जाने वाले टीचर्ज़ डे पर देश के अध्यापकों से मुलाक़ात में शिक्षा, छात्रों की तरबियत, युनिवर्सिटियों के माहौल और टीचर्ज़ के महत्व जैसे विषयों पर बात की। (1)
"सच्चा वादा ऑप्रेशन" में ईरानी राष्ट्र के इरादे और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की ताक़त के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़ाहिर होने से ज़ायोनी ग़ुस्से में हैं।
इमाम ख़ामेनेई
21/04/2024
ईरान के ख़िलाफ़ पश्चिमी ताक़तों ने मुख़्तलिफ़ तरह की पाबंदियां लगायी हैं। इस लेख में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के बयान के संदर्भ में इन पाबंदियों के लक्ष्य पर रौशनी डाली गयी है।
ज़ायोनी जब जंग के मैदान में उतरे तो पहले ही दिन उन्होंने अपनी पहली हार की भरपाई के लिए कुछ लक्ष्यों का एलान किया था ... लेकिन वो अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल न कर सके ... उन्होंने प्रतिरोध को और ख़ास तौर पर हमास को निर्बल बनाने और ख़त्म करने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहे।
इमाम ख़ामेनेई
03/04/2024
ज़ायोनी हुकूमत आकर खेत और रिहाइशी मकान को बुल्डोज़र से तबाह कर देती है कि वहां कॉलोनी बनाए। फ़िलिस्तीनी उस घर को बचा रहा है जो उससे छीन लिया गया है। वह आतंकवादी हो गया? आतंकवादी तो वह है जो उन पर बमबारी कर रहा है।
पूरे मुल्क से बड़ी तादाद में आए मज़दूर वर्ग के लोगों ने 24 अप्रैल 2024 को सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 24 अप्रैल 2024 की सुबह पूरे मुल्क से आए हज़ारों मज़दूरों व श्रमिकों से मुलाक़ात की।
ईरान ने कड़ी पाबंदियों के दौरान भी आधुनिक हथियार वो भी इतनी तादाद में तैयार कर लिए! वो इससे भी ज़्यादा तैयार कर सकता है, इससे भी बेहतर तैयार कर सकता है।
हम बरसों से अमरीका और यूरोप की सख़्त पाबंदियों का सामना कर रहे हैं। पाबंदियों का लक्ष्य क्या है? झूठ बोलते हैं कि एटमी हथियार और मानवाधिकार की वजह से लगई गईं। ऐसा नहीं है। ईरान पर पाबंदी लगाते हैं आतंकवाद के समर्थन के कारण। उनकी नज़र में आतंकवाद क्या है? #गज़ा के अवाम।
अल्लाह सेअच्छी उम्मीद रखिए, उस पर भरोसा कीजिए और जान लीजिए कि मोमिनों की रक्षा करना अल्लाह का निश्चित व अटल वादा है
सुप्रीम कमांडर इमाम ख़ामेनेई
21/04/2024