क़ुरआन भ्रष्ट ताक़तों के लिए ख़तरा शुमार होता है क्योंकि वह ज़ुल्म की भी निंदा करता है और ज़ुल्म सहने वाले की भी मलामत करता है कि उसने ज़ुल्म सहना क्यों गवारा किया। क़ुरआन लोगों को बेदार करने वाला है। क़ुरआन का दुश्मन इंसानों की बेदारी का मुख़ालिफ़ और ज़ुल्म से जंग किए जाने का मुफ़ालिफ़ है।
इमाम ख़ामेनेई
3 अक्तूबर 2023
आज इस्लाम से दुश्मनी, पहले से कहीं ज़्यादा ज़ाहिर है, जिसका एक जाहेलाना नमूना, क़ुरआन मजीद का अनादर है जो आपकी नज़रों के सामने है कि एक जाहिल बेवक़ूफ़ खुल्लम खुल्ला यह हरकत कर रहा है। अस्ल बात, पर्दे के पीछे मौजूद तत्वों की है। वो सोचते हैं कि इस तरह की हरकतों से क़ुरआन को कमज़ोर कर सकते हैं, यह उनकी ग़लतफ़हमी है।
इमाम ख़ामेनेई
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम और उनके फ़रज़ंद इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर देश के ओहदेदारों, इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और इस्लामी एकता सम्मेलन में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत पर रौशनी डाली। 3 अक्तूबर 2023 के ख़ेताब में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने क़ुरआन के अनादर की साज़िश, ज़ायोनी हुकूमत की मौत और मुसलमानों की एकता के विषय पर बात की।(1)
पैग़म्बरे इस्लाम का वजूद कहकशां जैसा है। इसमें महानता के हज़ारों बिन्दु पाए जाते हैं। पैग़म्बरे इस्लाम जैसी बेमिसाल शख़्सियत की ज़िन्दगी, इस्लामी इतिहास के हर दौर के लिए नमूना व पाठ है, हमेशा के लिए आइडियल है।
हम दुनिया को यह सिखाना चाहते हैं, हम यह कहना चाहते हैं कि मुसलमान आपस में सहयोग करें। एक दूसरे के साथ मिलकर ज़िन्दगी गुज़ारें, इसका नमूना हमारे यहाँ सीस्तान व बलोचिस्तान में मौजूद है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने रबीउल अव्वल महीने और पैग़म्बरे इस्लाम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर 2 हज़ार से अधिक क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ और उनमें कमी के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
कहकशां यानी वह समूह जिसमें हज़ारों सौरमंडल और हज़ारों सूरज हैं। पैग़म्बरे इस्लाम का वजूद आकाशगंगा जैसा है जिसमें महानताओं के हज़ारों चमकते बिन्दु पाए जाते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
21/03/2006
मुसलमानों में एकता, क़ुरआन का निश्चित फ़ैसला है, इसे एक ज़िम्मेदारी की नज़र से देखना चाहिए। मुसलमानों में एकता कोई टैक्टिक नहीं है कि कोई यह सोचे कि ख़ास हालात की वजह से हमें एकजुट होना चाहिए।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 24 अक्तूबर 2021 को इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस के कुछ मेहमानों से मुलाक़ात में मुसलमानों के बीच एकता के मैदान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कुछ लोगों का ज़िक्र किया। KHAMENEI.IR वेबसाइटन इस रिपोर्ट में इन हस्तियों का संक्षिप्त परिचय करा रही है।
अगर हम मुसलमान पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत पर ध्यान दें, ग़ौर करें और सबक़ हासिल करना चाहें तो यह हमारी दुनिया और आख़ेरत के लिए काफ़ी है।
इमाम ख़ामेनेई
2/10/2012
दुनिया की बड़ी ताक़तें, उस ज़माने की सभी बड़ी ताक़तें एक मोर्चे पर इकट्ठा हो गयीं और हम पर, इस्लामी गणराज्य पर और इस्लामी इंक़ेलाब पर हमले में शरीक थीं। एक ऐसी जंग और एक ऐसे मुक़ाबले में ईरानी क़ौम फ़तह की चोटी पर पहुंची, वहाँ खड़ी हुयी और अपनी शान दुनिया को दिखा दी। महानता यह है।
इमाम ख़ामेनेई
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने गुरुवार 28 सितंबर 2023 को पाकीज़ा डिफ़ेन्स के शहीदों और घायलों को श्रद्धांजलि पेश करने के दिन, एक पैग़ाम जारी किया है, जो इस प्रकार है:
इब्ने अब्बास से रिवायत है कि पैग़म्बरे इस्लाम ज़मीन पर बैठ जाते थे, ज़मीन पर बैठ कर खाते थे, चौपाये की रस्सी अपने हाथ में पकड़े रहते थे, ग़ुलाम की जौ की रोटी पर दावत को क़ुबूल कर लेते थे।
शहीदों का पैग़ाम ख़ौफ़, ग़म व दुख को नकारने का पैग़ाम है... अल्लाह की राह में शहीद होने वालों का पैग़ाम, बशारत व ख़ुशख़बरी है ख़ुद अपने लिए भी और उनके लिए भी जिन से वो ख़ेताब करते हैं। यह जो इमाम ख़ुमैनी ने फ़रमाया कि जो क़ौम शहादत की राह पर चलती है, वह किसी की क़ैदी नहीं बनती, इसी वजह से है।
इमाम ख़ामेनेई
12/12/2018
कुछ अहले इरफ़ान व सुलूक यह मानते हैं कि रबीउल औवल का महीना हयात व ज़िंदगी की बहार है। क्योंकि इस महीने में पैग़म्बरे इस्लाम इसी तरह उनके फ़रज़ंद हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की विलादत हुई। पैग़म्बर की विलादत उन बरकतों का आरंभ बिंदु है जो अल्लाह ने इंसानियत के लिए रखी हैं।
इमाम ख़ामेनेई
29 जनवरी 2013
पाकीज़ा डिफ़ेन्स के तथ्यों में फेरबदल कर दिए जाने का ख़तरा है। फेरबदल करने वाले तत्व घात में हैं। इसलिए वक़्त के लेहाज़ से पाकीज़ा डिफ़ेन्स से जितना ज़्यादा दूर हो रहे हैं, उतना ही मारेफ़त के लेहाज़ से हमें उससे ज़्यादा क़रीब होना चाहिए।
पाकीज़ा डिफ़ेन्स का इतिहास एक पूंजी है, इस पूंजी को मुल्क की तरक़्क़ी के लिए, क़ौमी तरक़्क़ी के लिए, हर क़ौम के सामने मौजूद मुख़्तलिफ़ मैदानों में आगे बढ़ने की तैयारी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आप देखते हैं कि हज़रत इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम को मदीने से सामर्रा लाया गया और जवानी की उम्र में, 42 साल की उम्र में उन्हें शहीद कर दिया गया। या हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम को 28 साल की उम्र में शहीद किया गया। ये सारी बातें इतिहास में इमामों, उनके साथियों और शियों के आंदोलन की महानता और वैभव की निशानियां हैं।
इमाम ख़ामेनेई
10 मई 2003
पाक़ीज़ा डिफ़ेंस के वक़्त हमलावर कौन थे? अगर हम इस पहलू से पाकीज़ा डिफ़ेंस का जायज़ा लें तो इसकी अहमियत व अज़मत बख़ूबी उजागर होगी। अमरीका, यूरोपी मुल्क, सोवियत युनियन और उस ज़माने की सारी ताक़तों ने एक मोर्चा बनाया और उन्होंने इस्लामी गणराज्य पर हमले में भागीदारी की।
इमाम ख़ामेनेई
20 सितम्बर 2023
कुछ शिया सोचते थे कि इमाम असकरी अलैहिस्सलाम अपने बाप दादा के मिशन से पीछे हट जाएंगे गए हैं। इमाम असकरी अलैहिस्सलाम एक ख़त में उनसे फ़रमाते हैं: “हमारी नीयत और हमारा इरादा मज़बूत है। हमारा दिल तुम्हारी अच्छी नीयत और अच्छी सोच की ओर से मुतमइन है” देखिए यह बात शियों को कितनी ताक़त देने वाली है...ये इमाम और उनकी पैरवी करने वालों के बीच नेटवर्क का वही मज़बूत संपर्क है।
इमाम ख़ामेनेई
किताबः हमरज़्माने हुसैन, दसवां चैप्टर, पेज-346
पाकीज़ा डिफ़ेंस के वक़्त हमारे मोर्चों की फ़्रंटलाइनें इबादत की मेहराब बनी हुई थीं। आधी रात को एक जवान, एक कमांडर बैठकर इबादत करे, आंसू बहाए, इस तरह के बयान एक दो और दस बीस तक सीमित नहीं हैं। इस मोर्चे के हर हिस्से में यही माहौल था।
इमाम ख़ामेनेई
20 सितम्बर 2023
कहा जाता था कि सद्दाम को ईरान पर हमले के लिए उकसाने वाला अमरीका था। फिर जंग के दौरान इंटैलीजेंस सपोर्ट जो सबसे अहम होता है अमरीकियों ने ही किया। हमारी फ़ोर्सेज़ की पोज़ीशन के नक़्शे बनाकर सद्दाम को मुसलसल हवाई नक़्शे देते थे और उसे जंगी टैक्टिक्स बताते थे।
इमाम ख़ामेनेई
20 सितम्बर 2023
पाकीज़ा डिफ़ेंस और प्रतिरोध के मैदान में सक्रिय रहे हज़ारों लोगों और सीनियर सैनिकों ने बुधवार 20 सितम्बर की सुबह इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार की सुबह पाकीज़ा डिफ़ेन्स के दौर के सीनियर सिपाहियों और थोपी गयी जंग के फ़ैक्ट्स बयान करने के मुख़्तलिफ़ विभागों में सरगर्म लोगों से मुलाक़ात में, पाकीज़ा डिफ़ेन्स की महानता के मुख़्तलिफ़ पहलुओं को उजागर किया।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 20 सितम्बर 2023 को अपनी तक़रीर में पाकीज़ा डिफ़ेंस के कई पहलुओं को बयान किया। आठ साल तक चलने वाले इस डिफ़ेंस से ईरान को हासिल होने वाली उपलब्धियों के बारे में बात की और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की अहमियत को बयान किया। यह तक़रीर ईरान के ख़िलाफ़ सद्दाम की जंग शुरू होने की तारीख़ के अवसर पर मनाए जाने वाले पाकीज़ा डिफ़ेंस सप्ताह की मुनासेबत से की गई। (1)
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
➖पश्चिमी व साम्राज्यवादी ताक़तें पतन की तरफ़ जा रही हैं। दुनिया में अमरीका की ताक़त के इंडीकेटर्ज़ पतन का शिकार हैं। अमरीका की ताक़त का एक अहम इंडीकेटर उसकी इकानामी थी और अब वो ख़ुद कहते हैं कि संकट की शिकार हो गई है।
दुश्मनों ने खुलकर कहा कि वो ईरान में सीरिया और यमन जैसे हालात पैदा करना चाहते हैं। अलबत्ता उन्होंने बकवास की है, वो यह नहीं कर सकते, इसमें कोई शक नहीं है लेकिन, शर्त यह है कि हम पूरी तरह चौकन्ना रहें। अगर आप सोते रहे तो एक बच्चा भी आपको चोट पहुंचा सकता है।
इमाम ख़ामेनेई
राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली के अधिवेशन में भाग लेने के लिए न्यूयार्क रवाना होने से पहले इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 11 सितम्बर 2023 को सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत और दक्षिणी ख़ुरासान प्रांत के अवाम की सभा से ख़ेताब किया। दोनों प्रांतों के अवाम बड़ी तादाद में तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमाम बाड़े में जमा हुए थे। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अपने ख़ेताब में दोनों प्रांतों की ख़ासियतों को बयान किया, शिया सुन्नी एकता पर रौशनी डाली और अंतर्राष्ट्रीय हालात का जायज़ा लिया।
तक़रीर पेश है।
परवरदिगार! मुहम्मद व आले मुहम्मद का वास्ता, तुझे तेरी इज़्ज़त व जलाल का वास्ता, अपना बेहतरीन दुरूद, अपना लुत्फ़ और फ़ज़्ल आज से लेकर हमेशा हमारे प्यारे रसूल की पाकीज़ा रूह पर नाज़िल फ़रमा। परवरदिगार! हमें उनका उम्मती क़रार दे। हमें उनके सीधे रास्ते पर चलने की तौफ़ीक़ दे। हमारे समाज को उनके समाज जैसा बना दे। हम सब को उनके नक़्शे क़दम पर चलने का हौसला दे।
इमाम ख़ामेनेई
18 मई 2001
मामून ने अपनी चालाकी से इस ख़तरे की गहराई को भांप लिया और इसकी रोकथाम में लग गया। इसी का नतीजा था कि मामून ने आठवें इमाम को मदीने से ख़ुरासान बुलाया और आपके सामने जबरन उत्तराधिकारी बनने का प्रस्ताव रखा और यह वाक़ेया हुआ जो इतिहास में अभूतपूर्व है।
इमाम ख़ामेनेई