22/04/2024
इक़बाल, इस्लामी इतिहास की नुमायां शख़्सियतों में से एक हैं और उनमें इतनी गहराई और ऊंचाई है कि मुमकिन ही नहीं कि उनकी किसी एक ख़ुसूसियत या उनकी ज़िंदगी के किसी एक पहलू को मद्देनज़र रखा जाए और उसी पहलू और उसी ख़ुसूसियत पर उन्हें सराहा जाए।
22/04/2024
इक़बाल अगर आज ज़िंदा होते तो वो एक ऐसी क़ौम को अपनी आँखों के सामने पाते जो अपने क़दमों पर खड़ी है; क़ौम परस्ती, राष्ट्रवाद और ग़ैर ज़रूरी वतनपरस्ती की चहारदीवारी में ख़ुद को क़ैद नहीं करती और इक़बाल की ऐसी ही दूसरी आरज़ूएं जो उनकी क़ीमती किताबों में हर जगह मौजूद हैं, उनको वो क़ौम यहाँ नज़र आती।
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः 'सच्चा वादा आप्रेशन' ने दुनिया में ईरान की ताक़त साबित कर दी

ज़ायोनी हुकूमत ईरानी क़ौम के इरादे की ताक़त के उदय से चिंतित है निशाने पर लगने वाले मिसाइलों की ताक़त से नहीं

21/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार की दोपहर को आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के कुछ सीनियर कमांडरों से मुलाक़ात में हालिया घटनाओं में सशस्त्र फ़ोर्सेज़ की कोशिशों और कामयाबियों की सराहना करते हुए कहा कि अल्लाह की कृपा से आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने अपनी क्षमताओं और ताक़त की अच्छी छवि और इसी तरह ईरानी क़ौम की तारीफ़ के क़ाबिल तस्वीर पेश की और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरानी क़ौम के इरादे की ताक़त को साबित कर दिखाया। 
21/04/2024
इस्लामी गणराज्य की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के कुछ कमांडरों ने आज सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
21/04/2024
ज़ायोनी हुकूमत के ख़िलाफ़ 'सच्चा वादा' आप्रेशन में आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की मेहनतों और कामयाबियों की दिल से क़द्रदानी करता हूँ।
21/04/2024
'सच्चा वादा' आप्रेशन के दौरान आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने अपनी ताक़त व शक्ति की झलक और ईरानी क़ौम की क़ाबिले तारीफ़ तस्वीर पेश की और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफ़ार्म पर ईरानी क़ौम के इरादे की ताक़त का लोहा मनवाया।
22/04/2024
सबसे अहम विषय अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ईरानी क़ौम और ईरानी फ़ोर्सेज़ के इरादे की ताक़त का उदय है। ये अहम है और ये हुआ है।
17/04/2024
क़िर्ग़ेस्तान के शहर बिश्केक में आयोजित एशियाई कुश्ती की प्रतियोगिता में ईरान की फ़्री स्टाइल और ग्रीको रोमन कुश्ती की टीमों के चैंपियन बनने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बधाई संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने ईरानी पहलवानों का दिल से शुक्रिया अदा किया। 
17/04/2024
जब भी फ़िलिस्तीनी संघर्ष की शानदार तारीख़ लिखी जाएगी, 7 अक्तूबर और 14 अप्रैल का ज़िक्र बहुत बड़ा बदलाव लाने वाले लम्हों के तौर पर होगा। हालांकि अतीत में क़ाबिज़ ज़ायोनी वजूद को रेज़िस्टेंस के फ़्रंट से लगातार चुनौतियां मिल रही थीं, इन दोनों तारीख़ों में वो हुआ जो पैमाने और व्यापकता के लेहाज़ से अब तक अभूतपूर्व रहा है।
14/04/2024
जब वो हमारे काउंसलेट पर हमला करते हैं तो ये ऐसा ही है जैसे हमारे मुल्क पर हमला कर दिया है। ये दुनिया में आम समझ है। दुष्ट हुकूमत ने इस मामले में ग़लती की है। उसे सज़ा मिलनी चाहिए और सज़ा मिलेगी।  इमाम ख़ामेनेई  10/04/2024
13/04/2024
इस साल रमज़ान के महीने में ग़ज़ा के ख़ूंरेज़ वाक़यात ने सारी दुनिया में मुसलमानों को रंजीदा कर दिया। अल्लाह की लानत हो क़ाबिज़ ज़ायोनी हुकूमत पर। ज़ायोनी हुकूमत ने एक और ग़लती अपनी ग़लतियों में बढ़ा ली और वो सीरिया में ईरान की काउंसलेट पर हमला था। घटिया हुकूमत को सज़ा मिलेगी।
12/04/2024
पश्चिमी हुकूमतों ने अपने फ़रीज़े पर अमल नहीं किया। किसी ने ज़बानी कोई बात कह दी। लोगों के सपोर्ट में लेकिन अमली तौर पर न सिर्फ़ यह कि उन्होंने रोका नहीं बल्कि उनमें ज़्यादातर ने मदद भी की।
13/04/2024
ख़ुद दुष्ट हुकूमत ने जो सिर से पैर तक घटिया हरकतों, दुष्टता और ग़लती से भरी हुयी है एक और ग़लती अपनी ग़लतियों में बढ़ा ली और वो सीरिया में ईरान की काउंसलेट पर हमला था।
13/04/2024
जब ज़ायोनी हुकूमत सीरिया में ईरान के काउंसलेट पर हमला करती है तो समझिए उसने हमारी सरज़मीन पर हमला किया है। दुष्ट हुकूमत ने ग़लती कर दी, उसे सज़ा मिलनी चाहिए और सज़ा मिलेगी।
13/04/2024
यह चीज़ कि #फ़िलिस्तीन का मुद्दा #लंदन में #पैरिस में और #वाशिंग्टन में पहले नंबर का मुद्दा बन जाए मामूली बात नहीं है। इसकी कोई नज़ीर नहीं है। साफ़ ज़ाहिर है कि इस्लामी दुनिया में एक नई तब्दीली आ रही है।
13/04/2024
अफ़सोसनाक है कि फ़िलिस्तीन के मसले में इस्लामी हुकूमतें ज़ायोनी सरकार की मदद कर रही हैं। ज़ायोनी जब किसी देश में क़दम रखते हैं तो मच्छर की तरह उस देश का ख़ून चूसते हैं, अपने स्वार्थ के लिए। इमाम ख़ामेनेई 10 अप्रैल 2024
10/04/2024
क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई की इमामत में बुधवार की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला में ईदुल फ़ित्र की नमाज़ अदा की गई।
10/04/2024
तेहरान में ईदे फ़ित्र की मुख़्य नमाज़ इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला में बुधवार की सुबह अवाम की बड़ी तादाद की शिरकत से इस्लामी इंक़ेलाब के नेता सैयद अली ख़ामेनेई की इमामत में अदा की गयी।
10/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 10 अप्रैल 2024 की सुबह मुल्क के आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी देशों के राजदूतों और अवाम के विभिन्न वर्गों की एक तादाद से मुलाक़ात की।
10/04/2024
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई की इमामत में ईदे फ़ित्र की नमाज़ पढ़ी गयी।
10/04/2024
ईदे फ़ित्र के मौक़ पर कुछ बड़े अधिकारियों और तेहरान में नियुक्त इस्लामी मुल्कों के राजदूतों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
10/04/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 10 अप्रैल 2024 को ईदुल फ़ित्र के दिन इस्लामी शासन व्यवस्था के अधिकारियों, इस्लामी देशों के राजदूतों और अवामी तबक़ों से मुलाक़ात में अपनी तक़रीर में ईदुल फ़ित्र, रमज़ानुल मुबारक और ग़ज़ा जंग के बारे में बात की। (1)
10/04/2024
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला काम्पलेक्स में 10 अप्रैल 2024 को ईदुल फ़ित्र की नमाज़ अदा की गई। नमाज़ के ख़ुतबों में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने रमज़ानुल मुबारक की ख़ास रूहानी फ़ज़ा के बारे में बात की और ईरान के दूतावास पर इस्राईल के हमले के बारे में अहम एलान किया। (1)
09/04/2024
रहमान अल्लाह की आम रहमत है जिसका दायरा संसार की सभी चीज़ों पर फैला हुआ है लेकिन कम मुद्दत के लिए यानी क़यामत से पहले तक, रहीम यानी अल्लाह की वो रहमत जो मोमिनों से मख़सूस है और किसी ख़ास वक़्त तक सीमित नहीं है बल्कि हमेशा है।
09/04/2024
सवालः अगर किसी शहर में शव्वाल (ईद) का चाँद दिखाई न दे लेकिन रेडियो और टीवी पर चाँद के नज़र आने की ख़बर दी जाए तो क्या ये काफ़ी है या और छानबीन करना वाजिब है? जवाबः अगर उस ख़बर से यक़ीन हासिल हो जाए या चाँद होने का इत्मेनान हो जाए या वलीए फ़क़ीह की ओर से चाँद होने का हुक्म जारी किया गया हो तो ये काफ़ी है और छानबीन की ज़रूरत नहीं है।
09/04/2024
रहबरे इंक़ेलाब इस्लामी आयतुल्लाह ख़ामेनेई के कार्यालय ने एक बयान जारी किया है कि बुधवार 10 अप्रैल 2024 को शौवाल महीने का पहला दिन और ईदे फ़ित्र है। 
09/04/2024
यूनिवर्सिटी के तीन मुख़्य फ़रीज़े हैं। विद्वान की तरबियत करे, दूसरे ये कि इल्म का प्रोडक्शन करे और तीसरे ये कि विद्वान की तरबियत और इल्म के प्रोडक्शन को दिशा दे। दुनिया की यूनिवर्सिटियां विद्वान की तरबियत करती हैं, इल्म का प्रोडक्शन भी करती हैं लेकिन इस तीसरे फ़रीज़ें में लड़खड़ा जाती हैं। नतीजा क्या होता है? नतीजा ये होता है कि उनके इल्म की तरबियत, इल्म का प्रोडक्शन और विद्वान की तरबियत का प्रोडक्ट दुनिया ज़ायोनी और साम्राज्यवादी ताक़तों के हाथों का खिलौना बन जाता है। इस बारे में एक लेख पेश है। 
08/04/2024
पश्चिम के महिला अधिकार के झूठे दावे को ज़ायोनियों के अपराध भुलाए नहीं जा सकेंगे यहाँ तक कि ज़ायोनी शासन के तबाह हो जाने के बाद भी। लेखक किताबों में लिखेंगे कि इन लोगों ने कुछ हफ़्तों में हज़ारों बच्चों और औरतों को मार डाला। इमाम ख़ामेनेई 09/01/2024
08/04/2024
अल्लाह से माफ़ी के लिए सिर्फ़ दुआ ज़रूरी नहीं है, अमल भी ज़रूरी है। वो अमल क्या है? गुनाहों से तौबा, इस्तेग़फ़ार, गुनाह को छोड़ना और भविष्य में दोबारा न करने का संकल्प, अमल ये चीज़ें हैं।
08/04/2024
जो शिकस्त 7 अक्तूबर को हुई उसकी भरपाई नहीं हो सकती। वो हुकूमत जो सटीक इंटैलीजेंस पर निर्भर है और दावा करती है कि परिंदा पर भी मारे तो उसकी नज़र से पोशीदा नहीं रहता, सीमित संसाधनों वाले एक रेज़िस्टेंस संगठन से शिकस्त खा गई।  इमाम ख़ामेनेई 3 अप्रैल 2024
09/04/2024
अमरीका बड़ी बेशर्मी से युद्ध विराम के प्रस्ताव को बार बार वीटो करता है। ये पश्चिमी सभ्यता का अस्ल स्वभाव है। इमाम ख़ामेनेई 24/02/2024
08/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 8 अप्रैल 2024 बराबर 27 रमज़ान 1445 को मुल्क की अलग अलग युनिवर्सिटियों के छात्रों और छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात में देश, समाज और शैक्षिक संस्थानों से जुड़े अहम मुद्दों पर बात की। (1)
07/04/2024
सभी लोगों को सचेत करता हूं कि चौकन्ना रहिए कहीं आपका दिल टेढ़ा न हो जाए, अगर हम व्यवहारिक तौर पर टेढ़े हो गए तो अल्लाह भी हमारे दिल को टेढ़ा कर देगा, हमारा बुरा कर्म, हमारे दिल को बुरा बना देगा।
07/04/2024
मुल्क के हज़ारों स्टूडेंट्स ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से रविवार की शाम मुलाक़ात की। ये मुलाक़ात हर साल रमज़ान मुबारक में होती है।
07/04/2024
हम आपको बहुत चाहते हैं, आप ख़ुशनसीब हैं कि नाचीज़ को देखते हैं और चाहते हैं, मैं आप लोगों को नहीं देखता लेकिन आप सबको चाहता हूं।
08/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रविवार की शाम को मुल्क के क़रीब 3000 स्टूडेंट्स और स्टूडेंट यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात में जो क़रीब तीन घंटे तक जारी रही, आज से बेहतर कल को मुल्क और इस्लामी व्यवस्था का मुख़्य लक्ष्य क़रार किया और इस बुनियादी लक्ष्य को हासिल करने और मुल्क की भौतिक व आध्यात्मिक तरक़्क़ी के लिए स्टूडेंट्स और स्टूडेंट्स यूनियनों से नए नए सुझाव और इनोवेशन पर ताकीद करते हुए कहा कि विद्वान की तरबियत, इल्म का प्रोडक्शन और इन दोनों चीज़ों को दिशा देना यूनिवर्सिटी के तीन मुख्य फ़रीज़े हैं।
06/04/2024
पश्चिमी सभ्यता ने अपनी धूर्तता, पाखंड और झूठ को ज़ाहिर कर दिया। जब तीन या चार महीने में ज़ायोनी शासन के हाथों 30000 लोग मारे जाते हैं तो वो अपनी आँखें बंद कर लेते हैं मानो कुछ हुआ ही न हो। इमाम ख़ामेनेई 24/02/2024
06/04/2024
ख़ुदा फ़रामोशी की सज़ा, ख़ुद फ़रामोशी है। ख़ुद फ़रामोशी यानी आत्म सुधार को भूल जाना, यानी अपने ऐबों को भूल जाना, ख़ुद फ़रामोशी यानी अपनी सलाहियतों को भुला देना और अपने भीतर पाए जाने वाले विकास, तरक़्क़ी, निखार और उत्थान को भूल जाना है।
06/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह सैयद अली ख़ामेनेई ने नए हिजरी शम्सी साल और ईदुल फ़ित्र के मौक़े पर 2000 से ज़्यादा क़ौदियों की सज़ा माफ़ करने या उनकी सज़ाओं में कमी करने की न्यायपालिका प्रमुख की दर्ख़ास्त को मंज़ूरी दे दी है।
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