25/03/2024
जब भूखा खाना खा लेता है तो जी भर जाता है और जब प्यासा पानी पी लेता है तो जी भर जाता है लेकिन अल्लाह के पैग़म्बर फ़रमाते हैं कि नमाज़ से मेरा जी कभी नहीं भरता।
25/03/2024
गिरफ़तारियां, उत्पीड़न, तफ़तीश, अस्पताल के भीतर लोगों का क़त्ल, लाशों को बाहर ले जाने पर पाबंदी, अस्पतालों में सहायता आने पर रोक, मेडिकल स्टाफ़ पर सीधी फ़ायरिंग, अस्पतालों की दीवारों को विस्फोटकों से उड़ा देना, क़ब्रों से लाशों को बाहर घसीटना और फिर उन्हें बुल्डोज़रों से कुचल देना ज़ायोनियों के वर्तमान वहशीपन के नमूने हैं।
25/03/2024
करीमे अहलेबैत हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर शायरों और फ़ारसी ज़बान के उस्तादों और साहित्यकारों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
25/03/2024
इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर शायरों, साहित्यकारों और फ़ारसी ज़बान के उस्तादों ने सोमवार की रात तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 25/03/2024
शायरों से मुलाक़ात में शेर के सांस्कृतिक संदेश की अहमियत पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की ताकीद

ईरानी क़ौम का पैग़ाम ज़ुल्म के मुक़ाबले में डट जाना है और आज ज़ुल्म का प्रतीक अमरीका और ज़ायोनी हैं

25/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने करीमे अहलेबैत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर शायरों और फ़ारसी ज़बान के उस्तादों और साहित्यकारों से सोमवार की रात मुलाक़ात की।
24/03/2024
जब इंसान दुनिया की नेमतों को अल्लाह की तरफ़ से मिली हुयी नेमत समझेगा तो उन्हें ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को देने में संकोच से काम नहीं लेगा।
24/03/2024
मोहम्मद महदी अब्बासी, शोधकर्ता अमेरिकन स्टडीज़
24/03/2024
आज तक ज़ायोनी (अलअक़्सा फ़्लड ऑप्रेशन में) मिलने वाली हार की रुस्वाई और दबाव से उबर नहीं पाए हैं। हाँ, वो अपनी ताक़त का प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कहाँ? ग़ज़ा के मरीज़ों के अस्पताल पर, ग़ज़ा के स्कूलों पर और ग़ज़ा के अवाम के सिरों पर (बमबारी करके) जो कहीं जा नहीं सकते। ताक़त के इस प्रदर्शन की कोई हैसियत नहीं है। इमाम ख़ामेनेई 22 नवम्बर 2023
23/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 20 मार्च 2024 को नौरोज़ की तक़रीर में ग़ज़ा के विषय पर बात करते हुए ज़ायोनी हुकूमत की हालत इन लफ़्ज़ों में बयान कीः “ग़ज़ा के वाक़यात में पता चला कि ज़ायोनी हुकूमत न सिर्फ़ अपनी रक्षा के सिलसिले में संकट का शिकार है बल्कि संकट से बाहर निकलने में भी उसे संकट का सामना है। ग़ज़ा में ज़ायोनी हुकूमत के दाख़िल होने से उसके लिए एक दलदल पैदा हो गया। अब अगर वो ग़ज़ा से बाहर निकले तो भी हारी हुयी है और बाहर न निकले तब भी हारी हुयी मानी जाएगी।”
23/03/2024
अगर हम ये सोचें तो ग़लत होता कि जवानी से फ़ायदा उठाने का मतलब, जवानी की भौतिक इच्छाओं का आनंद लेना है, जवानी की सरगर्मियां हैं, जवानी में बेहूदा बातों में पड़े रहना है।
22/03/2024
सहर का वक़्त, अल्लाह से अकेले में बात करने का वक़्त है। हमें इस वक़्त की, इस मौक़े की क़द्र समझना चाहिए, ख़ास कर आप लोगों को जो जवान हैं।
22/03/2024
हालिया कुछ महीनों में रेज़िस्टेंस ने अपनी ताक़त का प्रदर्शन किया और अमरीका के समीकरण बिगाड़ दिए। अमरीका इस इलाक़े में, इराक़, सीरिया, लेबनान वग़ैरा पर नियंत्रण चाहता था, रेज़िस्टेंस ने दिखा दिया कि यह संभव नहीं है, अमरीकियों को इस इलाक़े से जाना पड़ेगा। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
22/03/2024
हज़रत ख़दीजा शुरू से इस्लाम पर ईमान लाईं। उन्होंने अपनी सारी दौलत दावते इस्लाम और इस्लाम के प्रचार पर ख़र्च कर दी। अगर हज़रत ख़दीजा की मदद न होती तो शायद इस्लाम के सफ़र और इस्लाम के प्रचार में बड़ी रुकावट पेश आती। बाद में रसूले ख़ुदा और दूसरे मुसलमानों के साथ शेअब-ए-अबू तालिब में जाकर रहीं और वहीं उन्होंने आख़िरी सांस ली। इमाम ख़ामेनेई 27 जून 1986
21/03/2024
आप बहुत देखते हैं ऐसे जवानों को जो दुनिया से चले जाते हैं। तो इस सफ़र की मंज़िल निश्चित नहीं है कि आप जो आगे बढ़ रहे हैं, आप का कहाँ तक आगे बढ़ना और कहाँ गिरना तय है।
21/03/2024
ग़ज़ा के वाक़यात ने दिखा दिया कि पश्चिम की यह तथाकथित सभ्य दुनिया जो मानवाधिकार की दावेदार है उसकी सोच और उसके अमल पर कैसी तारीकी छायी है। 30 हज़ार से ज़्यादा इंसान बच्चों से लेकर बूढ़ों तक छोटी सी मुद्दत में मार डाले जाते हैं और यह सभ्य दुनिया रोकना तो दूर मदद करती है।  इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
21/03/2024
ग़ज़ा के वाक़यात ने रेज़िस्टेंस फ़्रंट की उपयोगिता साबित कर दी। साबित कर दिया कि पश्चिमी एशिया के इलाक़े में रेज़िस्टेंस फ़्रंट की उपस्थिति बड़ा बुनियादी विषय है। इस रेज़िस्टेंस फ़्रंट को दिन ब दिन अधिक मज़बूत करना चाहिए।    इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
20/03/2024
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नए ईरानी साल पर संदेश जारी किया।
1403 हिजरी शम्सी के नौरोज़ के पैग़ाम में इमाम ख़ामेनेई ने ग़ज़ा में जारी अपराधों को साल की सबसे कटु घटना बतायाः

अल्लाह से विनती है कि मिल्लते ईरान और सारी मुस्लिम क़ौमों के लिए मधुर परिवर्तन क़रार दे

20/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने नई हिजरी शम्सी साल 1403 के आग़ाज़ पर एक पैग़ाम जारी किया जिसमें आपने बीते साल के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अहम वाक़यों की ओर इशारा किया और नए साल का नारा निर्धारित किया।
20/03/2024
अज़ीज़ मिल्लते ईरान की सेवा में ईदे नौरोज़ और नए साल की मुबारकबाद पेश करता हूँ जो इस साल रमज़ानुल मुबारक, दिलों की बहार और अध्यात्म की बहार के साथ आया है। मैं ख़ास तौर पर क़ुरबानियां देने वालों के परिवारों और नौरोज़ मनाने वाली सभी क़ौमों की सेवा में मुबारकबाद पेश करता हूं। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024  
20/03/2024
सन 1402 ज़िंदगी के दूसरे सभी बर्सों की तरह मिठास और कड़वाहट से भरा रहा। क़ुद्स दिवस और 11 फ़रवरी की रैलियों में अवाम की शानदार शिरकत, शांतिपूर्ण व पारदर्शी चुनाव और विदेशी मामलों में राजनैतिक व आर्थिक सतह पर सरकार की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां पिछले साल की मधुर घटनाएं रहीं। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
20/03/2024
सन 1402 ज़िंदगी के दूसरे सभी बर्सों की तरह मिठास और कड़वाहट से भरा रहा। शहीद क़ासिम सुलैमानी की बर्सी के मौक़े पर किरमान की दुखद घटना, साल के अंतिम दिनों में बलोचिस्तान में बाढ़ कटु घटनाएं थीं और सबसे कटु घटना #ग़ज़ा का वाक़ेया था जो हमारे अंतर्राष्ट्रीय मसलों में से एक है। इस साल हमारे सामने इससे ज़्यादा कड़वा कोई वाक़ेया नहीं रहा। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
20/03/2024
हम ख़याल रखें कि अपने काम में, अपनी बातों में, अपने वादों में सच्चे रहें, ये चीज़ अमल से समझ में आती है, ज़िंदगी में होने वाले बदलाव से समझ में आती है।
20/03/2024
नौरोज़ पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़ाम जारी किया जिसमें नए साल का नारा निर्धारित किया।
20/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का सालाना ख़ेताब, जो हर साल पवित्र शहर मशहद में हुआ करता था, इस साल तेहरान में बुधवार 20 मार्च 2024 की शाम को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हुआ, जिसमें अवाम के मुख़्तलिफ़ तबक़ों के लोग शरीक हुए।
21/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नए हिजरी शम्सी साल के पहले दिन बुधवार 20 मार्च की शाम को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में अवाम के मुख़्तलिफ़ तबक़ों के हज़ारों लोगों से मुलाक़ात की।
20/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 1 फ़रवरदीन 1403 हिजरी शम्सी बराबर 20 मार्च 2024 को ईदे नौरोज़ के मौक़े पर अपने ख़ेताब में देश की आर्थिक स्थिति के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने ग़ज़ा की जंग के बारे में कई महत्वपूर्ण पहलुओं की निशानदेही की।
19/03/2024
ख़याल रखो कि तुम्हारी लड़खड़ाहट तुम्हारे मुंह के बल गिर पड़ने का कारण न बन जाए, लड़खड़ाहट तो हो ही जाती है लेकिन ख़याल रखो कि गिर न पड़ो।
18/03/2024
अमरीका, इस्लामी इंक़ेलाब को मानने के लिए क्यों तैयार नहीं है? इसलिए कि उसके हित ख़तरे में पड़ जाएंगे। इस वक़्त भी वो कह रहा है, खुलकर बिना किसी झिझक के कह रहा है कि ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब और इस्लामी गणराज्य ने इलाक़े में हमारे हित को ख़तरे में डाल दिया है।
18/03/2024
आज़ ग़ज़ा में जो कुछ हो रहा है वह दोनों तरफ़ से चरम पर है। ज़ायोनी और पश्चिमी सभ्यता का अपराध और बर्बरता भी और मसले का दूसरा पहलू भी, अवाम का बेमिसाल सब्र और प्रतिरोध और हमास और फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के जेहाद की ताक़त भी। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
17/03/2024
इस्लामी गणराज्य ईरान में बोलीविया की राजदूत श्रीमती रोमीना ग्वादलोपे पेरेज़ रामोस ने कहा है कि मेटा की ओर से इमाम ख़ामेनेई के इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पेज बंद किए जाने की अस्ल वजह हक़ीक़त पर आधारित बातें पोस्ट करना और फ़िलिस्तीन के पीड़ित अवाम का नैतिक सपोर्ट है।
17/03/2024
आज के काल को कल पर न टालो, जो कुछ तुम्हें लगता है कि अंजाम देना ज़रूरी है, उसे आज ही कर डालो, अगर कल हुआ तो कल के ख़ुद अपने काम होंगे।
17/03/2024
मेटा कंपनी की ओर से आयतुल्लाह ख़ामेनेई के इंस्टाग्राम पेज को आतंकवाद और ज़ायोनीवाद के ख़िलाफ़ कंटेंट पोस्ट किए जाने के बाद बंद कर दिया गया। इस घटना पर ईरान में बोलीविया की राजदूत श्रीमती रोमीना पेरेज़ का इंटरव्यू पेश है।
16/03/2024
इस्लाम और दूसरे आसमानी धर्म, कभी भी अपने दुश्मनों के सिलसिले में उदासीन रवैया नहीं रखते। सभी पैग़म्बरों ने अपने कट्टर दुश्मनों के मुक़ाबले में इसी तरह का रवैया अख़्तियार किया है, वो तलवार उठाते थे।
15/03/2024
अफ़सोस है कि इस्लामी दुनिया में ऐसे लोग और सरकारें हैं जो ग़ज़ा के मज़लूम अवाम के दुश्मनों की मदद कर रही हैं। इंशाअल्लाह एक दिन वो पछताएंगी और अपनी ग़द्दारी की सज़ा भी पाएंगी और यह भी देखेंगी कि उन्होंने जो कुछ किया व्यर्थ था। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
15/03/2024
मेरे अहले बैत की मिसाल नूह की कश्ती जैसी है, जो उसमें सवार हुआ वो नजात पा गया और जिसने भी उससे मुंह मोड़ा वो डूब गया
14/03/2024
दुनिया भर के काफ़िरों और दुश्मनों के सभी मज़बूत क़िले तुम्हारे ईमान, तुम्हारे अच्छे कर्म और तुम्हारे अनुशासन के सामने ढह जाएंगे, तबाह हो जाएंगे।
14/03/2024
चंद महीनों से ज़ायोनी, अमरीका और दूसरों से मिलने वाले हथियारों और विश्वासघात भरी मदद के ज़रिए फ़िलिसतीनी रेज़िस्टेंस के ख़िलाफ़ जंग कर रहे हैं, रेज़िस्टेंस भी वहां यथावत ताक़तवर और मज़बूत क़दमों से डटी हुई है और अल्लाह की कृपा से ज़ायोनियों की नाक ज़मीन पर रगड़ देगी। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
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