इस साल का प्रदर्शन बहुत नुमायां था, बहुत अच्छा था। आपने क़ौम को ख़ुश कर दिया। ईरानी क़ौम में गौरव का एहसास पैदा किया। मैं मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों का दिल की गहराई से शुक्रिया अदा करता हूं।
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी पर, मुल्क के सुन्नी धर्मगुरुओं और हस्तियों ने सोमवार 16 सितम्बर की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार 16 सितम्बर को एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी के मौक़े पर, सुन्नी धर्मगुरुओं, सुन्नी मदरसों के प्रिंसपलों और जुमे के इमामों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने इस्लामी उम्मत जैसी क़ीमती पहचान की रक्षा को ज़रूरी बताया और इस्लामी एकता की अहमियत पर ताकीद की और इसे नुक़सान पहुंचाने की दुश्मनों की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहाः "इस्लामी उम्मत" का विषय किसी भी स्थिति में भुलाया न जाए।
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
इस्लाम ने फ़ैमिली का ढांचा भीतर से कुछ ऐसा बनाया है कि आपसी मतभेद अपने आप हल हो जाएं। उसने मर्द को हुक्म दिया है कि वह बीवी का ख़याल रखे और बीवी को हुक्म दिया है कि वह शौहर का ख़याल रखे। अगर आपसी सम्मान व लेहाज़ पर सभी पहलुओं से अमल हो तो कोई भी फ़ैमिली बिखर नहीं सकती और न ही तबाह होगी।
इमाम ख़ामेनेई
11/06/2013
इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदा, धार्मिक आस्थाओं और शिक्षाओं के कुछ सबसे अहम आधारों में से एक है, जैसे कि पैग़म्बरी का अक़ीदा। इमाम महदी अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदे की अहमियत इस तरह की है। क्यों? इस लिए कि ये अक़ीदा जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी देता है वो वही चीज़ है जिसके लिए सभी नबियों और पैग़म्बरों को भेजा गया।
इमाम ख़ामेनेई
9/7/2011
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने अपने एक संदेश में अरबईने हुसैनी के दिनों में मेज़बानी के लिए इराक़ी मौकिबदारों और महान इराक़ी राष्ट्र का शुक्रिया अदा किया।
बुधवार 11 सितम्बर 2024 को अपनी इराक़ यात्रा के दौरान राष्ट्रपति श्री डॉक्टर मस्ऊद पेज़िश्कियान ने इराक़ के प्रधान मंत्री श्री शिया अल सूदानी को इस संदेश के अरबी अनुवाद की शील्ड प्रस्तुत की।
रहबरे इंक़ेलाब के इस संदेश का अनुवाद इस प्रकार है:
हालाँकि उनकी सरकार बेहद क्रूर थी और बड़ा ज़ालिमाना व्यवहार करती थी लेकिन इसके बावजूद इमाम इस तरह कामयाब रहे। मतलब यह है कि इमामों की वतन से दूरी के साथ ही इस वैभव और इस महानता को भी देखना चाहिए।
इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम उसी सामर्रा शहर में, जो अस्ल में एक फ़ौजी छावनी की तरह था, पूरे इस्लामी जगत के साथ व्यापक संपर्क वाला संचार व प्रचार का एक ज़बरदस्त नेटवर्क स्थापित करने में कामयाब हुए।
इमाम ख़ामेनेई
10 मई 2003
11 सितंबर 2001 की घटना के बाद अमरीका ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ 2 दशक से ज़्यादा समय की जंग में कैसे कैसे घिनौने अपराध किए और बुश, ओबामा, ट्रम्प और बाइडेन जैसे लोगों ने अमरीकी अवाम के हितों पर अपने व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता देकर लाखों बेक़ुसूर लोगों को आतंकवाद के ख़िलाफ़ जंग के बेबुनियाद बहाने से क़ुरबान कर दिया। इस बारे में एक लेख पेश है।
ईरान के कोहगिलूए व बुवैर अहमद प्रांत के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए आयोजित की जाने वाली कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों ने 14 अगस्त 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तक़रीर करके हुए इस प्रांत के लोगों, वहां के इतिहास और शहीदों के विषय पर बात की।
अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम अंधेरी व घटाटोप रात में पैग़म्बर के बिस्तर पर सोने के लिए तैयार हो गए ताकि पैग़म्बर उस घर और उस शहर से बाहर निकल जाएं। उस रात, उस बिस्तर पर सोने वाले का मारा जाना क़रीब क़रीब निश्चित था।
आज इंसान का मन यह जानने, समझने और यक़ीन करने के लिए तैयार है कि एक अज़ीम इंसान आएगा और इंसानियत को ज़ुल्म व सितम से मुक्ति दिलाएगा। यह वही चीज़ है जिसका वादा पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम के ज़रिए क़ुरआन मजीद में किया गया है। "और वह उन पर से संगीन बोझ उतारता और बंदिशें खोलता है।" (सूरए आराफ़, आयत-157)
इमाम ख़ामेनेई
24/11/1999
अमरीकियों ने मानवाधिकार की रक्षा का झंडा उठा रखा है और वे कहते हैं कि हम मानवाधिकार के पाबंद हैं और वह भी सिर्फ़ अपने मुल्क में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में! यह तो सिर्फ़ एक दावा है, वे व्यवहार में क्या कर रहे हैं? व्यवहारिक तौर पर वे मानवाधिकार को सबसे ज़्यादा चोट पहुंचा रहे हैं और मुख़्तलिफ़ मुल्कों में मानवाधिकार का सबसे ज़्यादा अनादर कर रहे हैं।
इमाम ख़ामेनेई
16 फ़रवरी, 2013
विश्व समुदाय को, जो हमेशा मुख़्तलिफ़ मामलों में मानवाधिकार के प्रति अमरीकी सपोर्ट के नारे सुनते रहे हैं, फ़िलिस्तीन के आईने में अमरीकी नीतियों के घिनौने रूप को ज़रूर देखना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
15 दिसंबर, 2000
मामून की इस राजैनितक व मक्कारी भरी चाल के मुक़ाबले में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने समझदारी से भरा एक पाकीज़ा प्रोग्राम तैयार किया और साज़िश को पूरी तरह उसके विपरीत दिशा में और सत्य व सच्चाई के हित में पलट देने में कामयाब रहे।
अमरीकी यूनिवर्सिटी के प्यारे स्टूड़ेंट्स, यह आपके प्रति अपनी हमदर्दी और एकजुटता दर्शाने का संदेश है। इतिहास अपना पन्ना पलट रहा है और आप उसकी सही दिशा में खड़े हैं।
अमरीकी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के ख़त से
25 मई 2024
अमरीका, मानवाधिकार का झंडा उठाता है और उसका सपोर्ट करने का दावा करता है लेकिन हर कुछ दिन बाद अमरीकी शहरों की सड़कों पर कोई बेगुनाह, कोई निहत्था, अमरीकी पुलिस के हाथों ख़ून में लथपथ हो जाता है।
इमाम ख़ामेनेई
9 सितंबर, 2015
अमरीकी यूनिवर्सिटी के प्यारे स्टूडेंट्स, आपने अपनी सरकार के निर्दयी दबावों के बावजूद सज्जनतापूर्ण संघर्ष शुरू किया, ऐसी सरकार जो क़ाबिज़ व बर्बर ज़ायोनी शासन का खुल्लम खुल्ला सपोर्ट करती है। मैं आपकी दृढ़ता की क़द्र करता हूं।
अमरीकी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के ख़त से
25 मई 2024
अमरीका मानवाधिकार का झंडा उठाए हुए है, लेकिन मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन अमरीका के संरक्षण में हो रहा है। अमरीकी न सिर्फ़ यह कि इस तरह की हरकतों को रोकने में नाकाम रहे बल्कि उसका सपोर्ट करते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
31 अक्तूबर, 2012
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक आदेश जारी कर डाक्टर अली बाक़ेरी को विदेश संबंध स्ट्रैटिजिक परिषद का नया सदस्य नियुक्त किया।
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम के अहलेबैत अलैहेमुस्सलाम से एक चमकता हुआ सूरज अल्लाह की कृपा और उसके इरादे से ज़मीन पर मौजूद है। उनके वजूद की बरकतें और उनके वजूद से निकलने वाला प्रकाश, आज भी इंसान तक पहुंच रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
24/11/1999
दुनिया के अवसरवादी और सत्ता लोलुप भविष्य में एआई की एजेंसी का गठन करेंगे, उस वक़्त आपको उसकी सीमा से आगे बढ़ने की इजाज़त नहीं देंगे। मुल्क में एआई की ढांचागत परतों तक पहुंचने की कोशिश कीजिए।
तुर्कमनिस्तान की पीपल्ज़ काउंसिल के चेयरमैन से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेताः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार की शाम तुर्कमनिस्तान के राष्ट्रीय नेता व पीपल्ज़ काउंसिल के चेयरमैन क़ुरबान अली बर्दीमोहम्मदोफ़ और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में दोनों मुल्कों के आपसी संबंधों को बढ़ावा देने को मुख्य प्राथमिकता बतायी और कहा कि हालिया बरसों में ईरान-तुर्कमनिस्तान के संबंध काफ़ी विकसित हुए हैं लेकिन आपसी सहयोग बढ़ाने में अभी और गुंजाइश मौजूद है जिसे व्यवहारिक बनाना चाहिए।
ईरान के दौरे पर आए तुर्कमनिस्तान की पीपल्ज़ काउंसिल के चेयरमैन और प्रमुख राजनेता क़ुरबान अली बर्दी मोहम्मदोफ़ ने बुधवार की शाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
सरकार सप्ताह के मौक़े पर, राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान और उनके मंत्रीमंडल के सदस्यों ने सरकार का कार्यकाल शुरू होने के आरंभिक दिनों में आज मंगलवार को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
अल्लाह की लानत हो क़ाबिज़ ज़ायोनियों पर, माँ की गोद में बच्चे को क़त्ल कर रहे हैं। कहाँ हैं मानवाधिकार के बारे में अपनी कर्कश आवाज़ से दुनिया को बहरा कर देने वाले?
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान और उनके मंत्रिमंडल से 27 अगस्त 2024 को मुलाक़ात में सरकार के कामकाज के तरीक़े, देश की क्षमताओं, संसाधनों और चुनौतियों के बारे में बात की।
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः "आज के दौर में जब इस्लाम के दुश्मन और इस्लामी उम्मत के दुश्मन अनेक तरह के संसाधनों से, पैसे से, राजनीति के ज़रिए, हथियारों से इस्लामी जगत के ख़िलाफ़ सरगर्म हैं, अल्लाह अचनाक अरबईन की रैली को इस तरह अज़मत देता है, इस तरह उसका जलवा दिखाता है। यह अल्लाह की अज़ीम निशानी है, यह अल्लाह के इस्लामी उम्मत की मदद करने के इरादे की निशानी है, यह इस बात की निशानी है कि अल्लाह ने इस्लामी उम्मत की मदद करने का इरादा कर लिया है।"
18 सितंबर 2019
ज़ियारत के वक़्त इमाम के मौजूद होने का एहसास होना और इमामों की ओर से जिन ज़ियारतों को पढ़ने की सिफ़ारिश की गयी है उन्हें पढ़ना जैसे जामए कबीरा और ज़ियारत अमीनुल्लाह वग़ैरह।