इतिहास में बहुत से दावेदार पैदा हुए हैं। ये दावेदार किसी एक निशानी को अपने ऊपर या किसी और पर मैच कर लेते थे। यह पूरी तरह ग़लत है। कुछ बातें जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ाहिर होने की निशानी के तौर पर बयान की जाती हैं, निश्चित नहीं हैं। यह ऐसी बातें हैं जिनका भरोसेमंद रवायतों में ज़िक्र नहीं मिलता। कमज़ोर रवायतों में ज़िक्र ज़रूर मिलता है इसलिए उनको माना नहीं जा सकता।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011