शहीद मुतह्हरी इंक़ेलाब से बर्सों पहले चीख़ चीख़ के कहते थेः “आज के दौर का शिम्र –उस वक़्त के इस्राईली प्रधानमंत्री का नाम लेते थे- फ़ुलां है।” हक़ीक़त भी यही है। हम शिम्र पर लानत भेजते हें ताकि शिम्र बनने और शिम्र जैसा अमल करने की जड़ इस दुनिया में काट दी जाए।
9 जनवरी 2008
किस तरह ग़ज़ा की स्थिति से पश्चिम के प्रजातंत्र, मानवाधिकार और सबसे बढ़कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अर्थों की पोल खुल गयी है? इस बारे में लेख पेश है।
शहीद रईसी कभी न थकने वाले, विनम्र, दुआ से लगाव रखने वाले, इंक़ेलाबी और दीनी स्टैंड खुल कर बयान करने वाले थे और प्रतिष्ठित विदेश नीति की शैली पर चलते थे।
7 जुलाई 2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक आदेशपत्र जारी करके हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन शैख़ अहमद मुतह्हरी अस्ल को पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत में वलीए फ़क़ीह के प्रतिनिधि और तबरेज़ के इमामे जुमा के तौर पर नियुक्त किया है।
इमाम हुसैन का अभियान, सम्मान का अभियान था, यानी हक़ का सम्मान, धर्म का सम्मान, इमामत का सम्मान और उस राह का सम्मान जिसे पैग़म्बरों ने दिखाया था।
29/03/2002
इस्लाम का बाक़ी रहना, अल्लाह के रास्ते का बाक़ी रहना, अल्लाह के बंदों की ओर से इस राह पर चलते रहने पर निर्भर है, इस राह ने इमाम हुसैन बिन अली अलैहिस्सलाम और हज़रत ज़ैनब के कारनामे से मदद और ऊर्जा हासिल की है।
इस्राईल ने ग़ज़ा में पानी पहुंचाने वाली सभी पाइप लाइनों को बंद कर, फ़िलिस्तीनियों को समुद्र का खारा पानी पीने पर मजबूर कर दिया है जिसके स्वास्थय के लेहाज़ से बहुत नुक़सान हैं। इस्राईल की यह करतूत, फ़िलिस्तीनियों के जातीय सफ़ाए का नया हथकंडा है। इस बारे में एक लेख पेश है।
राष्ट्रपति रईसी सहयोग करने वाले इंसान थे लेकिन आत्मसम्मान के साथ, न इतना सख़्त और दूर कर देने वाला रवैया कि संबंध टूट जाएं और न ही फ़ुज़ूल में किसी को रिआयत देना और ख़ुद को कमतर समझना।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार 7 जुलाई 2024 की सुबह कार्यवाहक राष्ट्रपति मुख़बिर और तेरहवें मंत्रीमंडल के सदस्यों से मुलाक़ात की।
राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी की शहादत के बाद सरकार का कार्यभार संभालने वाले उप राष्ट्रपति और प्रभारी राष्ट्रपति मुहम्मद मुख़बिर और 13वें मंत्रिमंडल के सदस्यों ने 7 जुलाई 2024 को रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने राष्ट्रपति रईसी और उनके मंत्रिमंडल की कार्यशैली, नीतियों और उनके जज़्बे की सराहना की।
ग़ज़ा की त्रासदी की ओर इशारा करते हुए स्टूडेंट्स यूनियन के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ाम:
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सभी उम्मीदवारों और चुनाव के मैदान में सरगर्म लोगों का शुक्रिया करते हुए निर्वाचित राष्ट्रपति को अवाम के कल्याण और मुल्क की तरक़्क़ी के लिए मुल्क की असीम संभावनाओं को उपयोग करने की अनुशंसा करते हुए शहीद रईसी की राह को जारी रखने पर बल दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार 5 जुलाई 2024 को चौदहवें राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण में वोटिंग का वक़्त शुरू होते ही तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मतदान किया।
इंशाअल्लाह हमारे अज़ीज़ अवाम वोट देने और बेहतरीन उम्मीदवार का चयन करने में कामयाब होंगे और इस राउंड में अवाम का इरादा और हौसला ज़्यादा होना चाहिए ताकि वो इस काम को पूरा कर सकें और इंशाअल्लाह कल मुल्क को एक नया राष्ट्रपति मिले।
शहीद सुलैमानी ने अपनी ज़िंदगी में भी साम्राज्यवाद को शिकस्त दी और अपनी शहादत से भी उसे शिकस्त दी। शायद कुछ दोस्तों को न पता हो कि उन्होंने क्षेत्र की क़ौमों की मदद से वेस्ट एशिया के क्षेत्र में अमरीका की सभी अवैध योजनाओं पर पानी फेर दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 3 जुलाई 2024 की सुबह मदरसे आली शहीद मुतह्हरी के अधिकारियों और टीचरों से तेहरान में मुलाक़ात में, चुनाव के दूसरे राउंड के बारे में एक संक्षिप्त बयान में बल दिया कि यह इलेक्शन बहुत अहम है और जो भी इस्लाम, इस्लामी गणराज्य, मुल्क की तरक़्क़ी, मुल्क के हालात में बेहतरी और कमियों के अंत को पसंद करता है वह शुक्रवार के दिन चुनाव में हिस्सा लेकर अपनी चाहत का इज़हार करे।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 3 जुलाई 2024 को मदरसा-ए-आली शहीद मुतह्हरी के ओहदेदारों और उस्तादों से ख़ेताब में इस धार्मिक शैक्षणिक केन्द्र की सेवाओं और राष्ट्रपति चुनाव के विषय में बात की। (1)
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इराक़ व सीरिया में पवित्र रौज़ों की हिफ़ाज़त के लिए अलग अलग मुल्कों से जाकर आतंकियों से मोर्चा लेने वाले मुजाहेदीन और रेज़िस्टेंस फ़्रंट के शहीदों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजक कमेटी से मुलाक़ात में तक़रीर की। 19 जून 2024 को होने वाली यह तक़रीर 29 जून 2024 को कान्फ़्रेंस हाल में जारी की गई। (1)
ख़ामेनेई, सैयद अली पुत्र सैयद जवाद, इस्लामी क्रांति के दूसरे सुप्रीम लीडर
ईरान की इस्लामी क्रांति के दूसरे सुप्रीम लीडर सैयद अली ख़ामेनेई पुत्र सैयद जवाद (पैदाइशः 19 अप्रैल 1939 ईसवी / 29 फ़रवरदीन 1318 हिजरी शमसी / 28 सफ़र 1358 हिजरी क़मरी)
इमामत के सिलसिले को पैग़म्बरे इस्लाम अल्लाह के हुक्म से आगे बढ़ाते हैं, अलबत्ता इस इमामत के लिए सत्ता व शासन ज़रूरी है। इसीलिए ख़िलाफ़त का एलान करते हैं, विलायत के एलान के वक़्त फ़रमाते हैं: "जिस जिस का मैं मौला हूं उसके ये अली मौला हैं।"