06/05/2024
इराक़ी कुर्दिस्तान के स्थानीय प्रशासन के प्रमुख नीचरवान बारेज़ानी ने सोमवार को दोपहर से पहले तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
07/05/2024
आज #फिलिस्तीन को समर्थन की ज़रूरत है। इस्लामी जम्हूरिया ईरान इस मसले में इनके-उनके इंतेज़ार में नहीं रहा और न आइंदा रहेगा। लेकिन अगर मुस्लिम क़ौमों और सरकारों के ताक़तवर हाथ सहयोग करते तो प्रभाव बहुत बढ़ जाता। यह फ़र्ज़ है।
06/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 6 मई 2024 को हज संस्था के अधिकारियों, सदस्यों और हज के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं से मुलाक़ात में हज के विषय पर अहम गुफ़तगू की और ग़ज़ा पर ज़ायोनियों के हमलों के परिप्रेक्ष्य में मुसलमानों की ज़िम्मेदारियों को रेखांकित किया। (1)
03/05/2024
अगर हमारे ये दसियों लाख बच्चे और नौजवान, सिस्टम के बुनियादी हितों को समझ लें, तो फिर दुश्मन के प्रोपैगंडे और प्रोपैगंडों पर अरबों डॉलर ख़र्च करके की जाने वाली ये सारी कोशिशें वग़ैरह नाकाम हो जाएंगी
03/05/2024
ग़ज़ा आज दुनिया का सबसे अहम मुद्दा है। ज़ायोनी और उनके अमरीकी व यूरोपीय समर्थक दुनिया के जनमत के एजेंडे से ग़ज़ा को बाहर निकालने की जितनी भी कोशिशें कर रहे हैं सब व्यर्थ हैं। आप अमरीका और यूरोप की युनिवर्सिटियों की हालत देखिए।
03/05/2024
फ़िलिस्तीन, फ़िलिस्तीनी अवाम का है जिनमें मुसलमान हैं, ईसाई हैं और यहूदी भी हैं। फ़िलिस्तीन उन्हें लौटा दिया जाना चाहिए। वही फ़ैसला करें कि ज़ायोनियों को बाहर निकालना है या वहीं रहने देना है। यह हमारे ज़रिए पेश किया गया समाधान है जो संयुक्त राष्ट्र संघ में भी दर्ज किया गया है।
02/05/2024
जब तक फ़िलिस्तीन उसके अस्ली मालिकों यानी फ़िलिस्तीनियों को वापस नहीं मिल जाता तब तक पश्चिमी एशिया के मसले हल नहीं होंगे। इमाम ख़ामेनेई 01/05/2024
01/05/2024
मज़दूरों की अहमियत के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। इस संबंध में सबसे अच्छी बात जो कही जा सकती है वो इस हदीस के मुताबिक़, पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम ने एक मज़दूर के खुरदुरे हाथों को चूमा। क्या इससे बढ़कर भी कोई फ़ज़ीलत की बात पेश की जा सकती है? इमाम ख़ामेनेई 21/04/2024
01/05/2024
मुल्क भर से बड़ी तादाद में आए टीचरों ने शिक्षक दिवस पर बुधवार 1 मई 2024 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
01/05/2024
ग़ज़ा, दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने नहीं देना चाहिए, ये मुद्दा नंबर एक की पोज़ीशन से दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने न पाए।
01/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार की सुबह मशहूर विचारक उस्ताद शहीद आयतुल्लाह मुर्तज़ा मुतह्हरी की शहादत की बरसी और शिक्षक दिवस पर मुल्क भर से आए हुए टीचरों से मुलाक़ात की।
01/05/2024
आप ग़ौर कीजिए! इस्राईल की ज़बानी मुख़ालेफ़त करने पर अमरीका छात्रों के साथ कैसा बर्ताव कर रहा है।
01/05/2024
अगर बीस साल और तीस साल बाद तक इस हुकूमत को बचाए रखना चाहें, कि जो उनके बस की बात नहीं है, तो भी मुश्किल हल होने वाली नहीं है। मुश्किल तब हल होगी जब फ़िलिस्तीन उसके अस्ली मालिकों को वापस मिल जाए।
01/05/2024
छात्रों से पेश आने का अमरीकी सरकार का तरीक़ा अमली तौर पर ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के भयानक जुर्म में ज़ायोनी हुकूमत के साथ अमरीका के लिप्त होने का सुबूत है। इमाम ख़ामेनेई 01/05/2024
01/05/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 1 मई 2024 को ईरान में महान विचारक व लेखक आयतुल्लाह शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी के शहादत दिवस पर मनाए जाने वाले टीचर्ज़ डे पर देश के अध्यापकों से मुलाक़ात में शिक्षा, छात्रों की तरबियत, युनिवर्सिटियों के माहौल और टीचर्ज़ के महत्व जैसे विषयों पर बात की। (1)  
30/04/2024
महान विचारक शहीद मुर्तज़ा मुतह्हरी की शहादत की बरसी और शिक्षक दिवस पर देश भर के शिक्षक इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात करेंगे।
30/04/2024
"सच्चा वादा ऑप्रेशन" में ईरानी राष्ट्र के इरादे और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की ताक़त के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़ाहिर होने से ज़ायोनी ग़ुस्से में हैं। इमाम ख़ामेनेई 21/04/2024
01/05/2024
विश्व श्रम दिवस के मौक़े पर मज़दूरों व श्रमिकों की अहमियत पर एक लेख पेश है जो इमाम ख़ामेनेई के बयानों के संदर्भ पर आधारित है।
29/04/2024
ईरान के ख़िलाफ़ पश्चिमी ताक़तों ने मुख़्तलिफ़ तरह की पाबंदियां लगायी हैं। इस लेख में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के बयान के संदर्भ में इन पाबंदियों के लक्ष्य पर रौशनी डाली गयी है।
28/04/2024
आज हमारी आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के काम की बरकत से, अल्लाह की कृपा से दुनिया में मुल्क की छवि तारीफ़ के क़ाबिल हो गयी है।
28/04/2024
ज़ायोनी जब जंग के मैदान में उतरे तो पहले ही दिन उन्होंने अपनी पहली हार की भरपाई के लिए कुछ लक्ष्यों का एलान किया था ... लेकिन वो अपने किसी भी लक्ष्य को हासिल न कर सके ... उन्होंने प्रतिरोध को और ख़ास तौर पर हमास को निर्बल बनाने और ख़त्म करने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहे।   इमाम ख़ामेनेई 03/04/2024
25/04/2024
ज़ायोनी हुकूमत आकर खेत और रिहाइशी मकान को बुल्डोज़र से तबाह कर देती है कि वहां कॉलोनी बनाए। फ़िलिस्तीनी उस घर को बचा रहा है जो उससे छीन लिया गया है। वह आतंकवादी हो गया? आतंकवादी तो वह है जो उन पर बमबारी कर रहा है।
24/04/2024
पूरे मुल्क से बड़ी तादाद में आए मज़दूर वर्ग के लोगों ने 24 अप्रैल 2024 को सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
24/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 24 अप्रैल 2024 की सुबह पूरे मुल्क से आए हज़ारों मज़दूरों व श्रमिकों से मुलाक़ात की।
24/04/2024
जिन साहब ने चफ़िया (विशेष गमछा) उठा रखा है और उस पर लिखा है "अंगूठी", अगर उन साहब को अंगूठी चाहिए तो आएं और ले लें।
24/04/2024
ईरान ने कड़ी पाबंदियों के दौरान भी आधुनिक हथियार वो भी इतनी तादाद में तैयार कर लिए! वो इससे भी ज़्यादा तैयार कर सकता है, इससे भी बेहतर तैयार कर सकता है।
24/04/2024
हम बरसों से अमरीका और यूरोप की सख़्त पाबंदियों का सामना कर रहे हैं। पाबंदियों का लक्ष्य क्या है? झूठ बोलते हैं कि एटमी हथियार और मानवाधिकार की वजह से लगई गईं। ऐसा नहीं है। ईरान पर पाबंदी लगाते हैं आतंकवाद के समर्थन के कारण। उनकी नज़र में आतंकवाद क्या है? #गज़ा के अवाम। 
24/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 24 अप्रैल 2024 को श्रमिक व कामगार सप्ताह के अवसर पर देश के श्रमिक वर्ग के लोगों से ख़ेताब किया। (1)
23/04/2024
अल्लाह सेअच्छी उम्मीद रखिए, उस पर भरोसा कीजिए और जान लीजिए कि मोमिनों की रक्षा करना अल्लाह का निश्चित व अटल वादा है सुप्रीम कमांडर इमाम ख़ामेनेई 21/04/2024
22/04/2024
इक़बाल, इस्लामी इतिहास की नुमायां शख़्सियतों में से एक हैं और उनमें इतनी गहराई और ऊंचाई है कि मुमकिन ही नहीं कि उनकी किसी एक ख़ुसूसियत या उनकी ज़िंदगी के किसी एक पहलू को मद्देनज़र रखा जाए और उसी पहलू और उसी ख़ुसूसियत पर उन्हें सराहा जाए।
22/04/2024
इक़बाल अगर आज ज़िंदा होते तो वो एक ऐसी क़ौम को अपनी आँखों के सामने पाते जो अपने क़दमों पर खड़ी है; क़ौम परस्ती, राष्ट्रवाद और ग़ैर ज़रूरी वतनपरस्ती की चहारदीवारी में ख़ुद को क़ैद नहीं करती और इक़बाल की ऐसी ही दूसरी आरज़ूएं जो उनकी क़ीमती किताबों में हर जगह मौजूद हैं, उनको वो क़ौम यहाँ नज़र आती।
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः 'सच्चा वादा आप्रेशन' ने दुनिया में ईरान की ताक़त साबित कर दी

ज़ायोनी हुकूमत ईरानी क़ौम के इरादे की ताक़त के उदय से चिंतित है निशाने पर लगने वाले मिसाइलों की ताक़त से नहीं

21/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार की दोपहर को आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के कुछ सीनियर कमांडरों से मुलाक़ात में हालिया घटनाओं में सशस्त्र फ़ोर्सेज़ की कोशिशों और कामयाबियों की सराहना करते हुए कहा कि अल्लाह की कृपा से आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने अपनी क्षमताओं और ताक़त की अच्छी छवि और इसी तरह ईरानी क़ौम की तारीफ़ के क़ाबिल तस्वीर पेश की और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरानी क़ौम के इरादे की ताक़त को साबित कर दिखाया। 
21/04/2024
इस्लामी गणराज्य की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के कुछ कमांडरों ने आज सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
21/04/2024
ज़ायोनी हुकूमत के ख़िलाफ़ 'सच्चा वादा' आप्रेशन में आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की मेहनतों और कामयाबियों की दिल से क़द्रदानी करता हूँ।
21/04/2024
'सच्चा वादा' आप्रेशन के दौरान आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ने अपनी ताक़त व शक्ति की झलक और ईरानी क़ौम की क़ाबिले तारीफ़ तस्वीर पेश की और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफ़ार्म पर ईरानी क़ौम के इरादे की ताक़त का लोहा मनवाया।
22/04/2024
सबसे अहम विषय अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ईरानी क़ौम और ईरानी फ़ोर्सेज़ के इरादे की ताक़त का उदय है। ये अहम है और ये हुआ है।
17/04/2024
क़िर्ग़ेस्तान के शहर बिश्केक में आयोजित एशियाई कुश्ती की प्रतियोगिता में ईरान की फ़्री स्टाइल और ग्रीको रोमन कुश्ती की टीमों के चैंपियन बनने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बधाई संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने ईरानी पहलवानों का दिल से शुक्रिया अदा किया। 
17/04/2024
जब भी फ़िलिस्तीनी संघर्ष की शानदार तारीख़ लिखी जाएगी, 7 अक्तूबर और 14 अप्रैल का ज़िक्र बहुत बड़ा बदलाव लाने वाले लम्हों के तौर पर होगा। हालांकि अतीत में क़ाबिज़ ज़ायोनी वजूद को रेज़िस्टेंस के फ़्रंट से लगातार चुनौतियां मिल रही थीं, इन दोनों तारीख़ों में वो हुआ जो पैमाने और व्यापकता के लेहाज़ से अब तक अभूतपूर्व रहा है।
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