जीनियस और ज्ञान-विज्ञान के मैदान से संबंध रखने वाले सैकड़ों लोगों और छात्रों ने बुधवार 2 अक्तूबर 2024 की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई:
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 2 अक्तूबर 2024 की सुबह ज्ञान-विज्ञान के मैदानों में सक्रिय, देश के सैकड़ों जीनियस व असाधारण प्रतिभा के धनी स्टूडेंट्स और जवानों से मुलाक़ात की।
इस हफ़्ते तेहरान की जुमे की नमाज़, इमाम ख़ुमैनी मुसल्ले में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई की इमामत में अदा की जाएगी, जिसमें नमाज़ से पहले रेज़िस्टेंस के मोर्चे के ध्वजवाहक शहीद सैयद हसन नसरुल्लाह को श्रद्धांजलि पेश करने का प्रोग्राम भी आयोजित होगा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के बेटे 1 अक्तूबर की सुबह तेहरान में हिज़्बुल्लाह के दफ़्तर पहुंचे और उन्होंने इस आंदोलन के प्रतिनिधि जनाब सफ़ीउद्दीन से मुलाक़ात करके हिज़्बुल्लाह के जनरल सेक्रेटरी, महान मुजाहिद व प्रतिरोध के मोर्चे के ध्वजवाहक हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन सैयद हसन नसरुल्लाह और उनके शहीद साथियों की शहादत के दुखद वाक़ए पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई की ओर से संवेदना और मुबारकबाद पेश की और शहीदों की पाकीज़ा रूह के लिए क़ुरआन तथा सूरए फ़ातेहा पढ़ा।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई की नुमाइंदगी में हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन मरवी, तबस शहर की एक खदान में हुई दुर्घटना की ताज़ा स्थिति की जानकारी हासिल करने और दुर्घटना में मरने वालें के परिवारों से हमदर्दी व संवेदना जताने के लिए तबस पहुँचे हैं।
रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक पैग़ाम जारी करके बैरूत के ज़ाहिया इलाक़े पर ख़बीस ज़ायोनी सरकार के हमलों में बहादुर और विद्वान फ़ौजी सरदार जनरल अब्बास नीलफ़ुरूशान रहमतुल्लाह अलैह की शहादत पर ताज़ियत और मुबारकबाद पेश की है।
रहबरे इंक़ेलाब का शोक संदेश इस प्रकार है:
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई ने लेबनान की हालिया घटनाओं के बारे में एक अहम संदेश जारी किया है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का संदेश इस प्रकार है:
लेबनान के निहत्थे लोगों के जनसंहार ने जहाँ एक बार फिर ज़ायोनी पागल कुत्ते की हैवानियत को सबके सामने स्पष्ट कर दिया है, वहीं इससे अवैध क़ब्ज़े वाली सरकार के शासकों की छोटी सोच और मूर्खतापूर्ण नीति भी साबित हो गई है।
सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर अपने शोक संदेश में इमाम ख़ामेनेई:
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर एक शोक संदेश जारी किया है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का शोक संदेश इस प्रकार है:
इंसानियत ने इन गुज़री हुयी सदियों के दौरान पैग़म्बरों की शिक्षाओं के प्रभाव में जो कुछ किया है वह हक़ीक़त में उस राजमार्ग की ओर बढ़ने की कोशिश है जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम -अल्लाह उन्हें जल्द से जल्द ज़ाहिर करे- के ज़ाहिर होने के ज़माने में इंसानियत को उच्च लक्ष्यों की ओर ले जाएगी।
इमाम ख़ामेनेई
09-07-2011
(लेबनान और फ़िलिस्तीन की) इस जंग में भी काफ़िर और ख़बीस (ज़ायोनी) दुश्मन सबसे ज़्यादा हथियारों से लैस है। अमेरिका उसकी पीठ पर है। अमेरिकी कहते हैं कि हमारा कोई दख़ल नहीं है, हमें ख़बर नहीं है, वे झूठ बोलते हैं। उन्हें ख़बर भी है और वे दख़ल भी दे रहे हैं।
25 सितम्बर 2024
इस्लामी क्रांति के नेता ने गुरुवार, 26 सितम्बर 2024 को पाकीज़ा डिफ़ेंस सप्ताह के अवसर पर और डिफ़ेंस के शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित करने के दिन "रोज़े मेहमानिये लालेहा" के अवसर पर एक संदेश जारी किया है।
पवित्र डिफ़ेंस सप्ताह के पाँचवें दिन, बुधवार 25 सितम्बर की सुबह, पवित्र प्रतिरक्षा और रेज़िस्टेंस के मैदान में सक्रिय रहे हज़ारों लोग और सीनियर सैनिक इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े पहुँचकर रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाकात करेंगे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की नज़र में फ़िलिस्तीन के संबंध में इस्लामी जगत की ज़िम्मेदारियां
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मुल्क के आला अधिकारियों, विदेशी राजदूतों और इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में, 21 सितम्बर 2024 को ज़ायोनी सरकार के अपराधों की ओर इशारा करते हुए इस्लामी जगत की ओर से फ़िलिस्तीनी क़ौम के प्रति मौजूदा सपोर्ट के अनेक पहलूओं का ज़िक्र किया, जिन्हें इन्फ़ोग्राफ़ में पेश किया जा रहा है।
पाकीज़ा डिफ़ेंस और प्रतिरोध के मैदान में सक्रिय रहे हज़ारों लोगों और सीनियर सैनिकों ने बुधवार 25 सितम्बर की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
दुश्मन के पास पैसा है, हथियार हैं, संसाधन हैं, वैश्विक प्रचार है लेकिन जो विजयी है वह अल्लाह के लिए लड़ने वाला मुजाहिद है। फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस विजयी है। हिज़्बुल्लाह विजेता है।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 25 सितम्बर 2024 की सुबह पवित्र डिफ़ेंस और रेज़िस्टेंस के मैदान में सक्रिय हज़ारों लोगों और सीनियर सैनिकों से मुलाक़ात में थोपी गई जंग की शुरुआत के कारणों पर रौशनी डालते हुए नई बात और कशिश को दुनिया पर शासन करने वाली भ्रष्ट व्यवस्था के मुक़ाबले में इस्लामी गणतंत्र के दो अहम तत्व क़रार दिया।
इस जंग में भी काफ़िर और दुष्ट शत्रु सबसे ज़्यादा हथियारों से लैस है। अमेरिका उसके पीछे है। अमरीकियों का कहना है कि हमारी कोई भागीदारी नहीं है, हमें जानकारी नहीं है, वे झूठ बोलते हैं!
पाकीज़ा डिफ़ेंस सप्ताह के मौक़े पर पाकीज़ा डिफ़ेंस के दौर के सीनियर सिपाहियों और रेज़िस्टेंस मोर्चे के तहत सरगर्म लोगों ने 25 सितंबर 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अपने ख़ेताब में इस्लामी गणराज्य की साम्राज्यवाद विरोधी नीतियों और रुझान पर चर्चा की। (1)
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पूर्व उप राष्ट्रपति मोहम्मद मुख़बिर को अपना सलाहकार नियुक्त कियाउन्हें पूर्व राष्ट्रपति शहीद रईसी की दूरदर्शी नीतियों को जारी रखने के क्रम में मेधावी युवा मैन पावर को चिन्हित करने और विभिन्न विभागों में उनकी सेवाएं लिए जाने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी सौंपी है।
आज ज़ायोनी शासन बड़ी बेशर्मी से खुल्लम खुल्ला अपराध कर रहा है। इसकी वजह यह है कि हम अपनी आंतरिक ताक़त को इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हमें इस्तेमाल करना चाहिए।
तबस में खदान में हुई दुखद घटना पर और इसमें कुछ मज़दूरों की मौत होने पर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक शोक संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताने के साथ ही मज़दूरों को राहत पहुंचाने की प्रक्रिया को जितना मुकमिन हो तेज़ करने पर बल दिया।
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और 38वीं इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में शिरकत करने वालों ने शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी जगत की ताक़त कैंसर के इस दुष्ट फोड़े को इस्लामी समाज के दिल यानी फ़िलिस्तीन से निकाल सकती है, मिटा सकती है और इस इलाक़े से अमरीका की धौंस व धमकी भरे प्रभाव, कंट्रोल और हस्तक्षेप को ख़त्म कर सकती है। हम में ऐसा करने की ताक़त है!
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी देशों के राजदूतों, इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों और अवाम के अनेक तबक़ों के लोगों से मुलाक़ात की।
आज हमें इस्लामी उम्मत के गठन की ज़रूरत है, यानी इसके लिए कोशिश होनी चाहिए। इस संबंध में कौन मदद कर सकता है। सरकारें प्रभावी हो सकती हैं। अलबत्ता सरकारों में जज़्बा बहुत ठोस नहीं है। जो लोग इस जज़्बे को ठोस कर सकते हैं वह इस्लामी जगत का विशिष्ट वर्ग है।
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 21 सितम्बर 2024 को पैग़म्बरे इस्लाम और उनके फ़रज़ंद इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर इस्लामी एकता कान्फ्रेंस के मेहमानों, वरिष्ठ ओहदेदारों और इस्लामी मुल्कों के राजदूतों से मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए इस्लामी उम्मा और विशेष रूप से फ़िलिस्तीन संकट के बारे में बात की।
इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने का अक़ीदा जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी देता है वह वही चीज़ है जिसके लिए सभी पैग़म्बर व ईश्वरीय दूतों को नियुक्त किया गया। यह मुख्य लक्ष्य है। इंसान का अल्लाह की ओर से दी गयी सभी सलाहियतों को इस्तेमाल करते हुए इंसाफ़ की बुनियाद पर तौहीद के अक़ीदे वाले समाज का गठन करना है।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011
एक और चीज़ जो इस साल ओलंपिक मुक़ाबलों में नुमायां थी वह विश्व स्पोर्ट्स के मामलों को कंट्रोल करने वाले मुल्कों की दोहरी नीति है। वाक़ई उन्होंने दिखा दिया कि उनके रवैयों पर दोहरी और दुश्मनी भरी नीतियां छायी हुयी हैं।
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
अमरीकी अधिकारियों के दिमाग़ में आतंकवाद का अर्थ ग़लत रूप में है। वे आतंकवाद का ग़लत मानी निकालते हैं। एक रात में सबरा व शतीला के नरसंहार को, वे आतंकवाद नहीं मानते!
2024 के पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों में भाग लेने वाले ईरानी खिलाड़ियों के दस्ते के सदस्यों ने मंगलवार 17 सितम्बर की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
आज मेरी नज़र में निश्चित तौर पर अनिवार्य कामों में से एक ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के मज़लूमों का सपोर्ट करना है; अगर हमने इस फ़रीज़े पर अमल न किया तो क़यामत में अल्लाह हमसे सवाल करेगा।