इस मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने कहाः ज़ायोनी शासन से सीधे मुक़ाबले में मुल्क और राष्ट्र की रक्षा करते हुए इन अज़ीज़ों की शहादत बहुत नुमायां अहमियत रखती है। 

उन्होंने इन शहीदों के मर्तबे को आला बताते हुए कहा कि सभी शहीद अल्लाह के पास ऊच्च दर्जे और उसकी नेमतों से माला माल हैं लेकिन ज़ायोनी शासन से सीधे मुक़ाबले में, जो इस्लाम का सबसे घटिया दुश्मन है, मुल्क व क़ौम की रक्षा में इन अज़ीज़ों की शहादत, नुमायां हैसियत रखती है। आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इन शहीदों के घर वालों के लिए सब्र की दुआ की और कहा कि शहीदों के घर वालों का अज्र, शहीदों से कम नहीं है। 

ग़ौरतलब है कि सेना के एयर डिफ़ेंस सिस्टम के कर्मचारी शहीद हम्ज़ा जहांदीदे, मोहम्मद महदी शाहरुख़ी फ़र, महदी नक़वी और सज्जाद मंसूरी 26 अक्तूबर को देश की रक्षा के दौरान, ज़ायोनी शासन की ओर से फ़ायर किए गए प्रोजेक्टाइल का निशाना बन कर शहादत के आला दर्जे पर पहुंचे।