24/09/2024
‘एदाद’ का मतलब अपनी क्षमता के मुताबिक़ तैयारी रखना, यानी किसी भी सीमा को काफ़ी न समझना, जिस क़द्र मुमकिन है यह तैयारी बढ़ाते रहिए।
23/09/2024
पैग़म्बर की ज़िंदगी के सबसे बड़े पाठों में से एक इस्लामी उम्मत का गठन है। आज हमें इस सबक़ की ज़रूरत है। आज हमारा स्वरूप इस्लामी उम्मत का नहीं हैं।
22/09/2024
आज ज़ायोनी शासन बड़ी बेशर्मी से खुल्लम खुल्ला अपराध कर रहा है। इसकी वजह यह है कि हम अपनी आंतरिक ताक़त को इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हमें इस्तेमाल करना चाहिए।
22/09/2024
तबस में खदान में हुई दुखद घटना पर और इसमें कुछ मज़दूरों की मौत होने पर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक शोक संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताने के साथ ही मज़दूरों को राहत पहुंचाने की प्रक्रिया को जितना मुकमिन हो तेज़ करने पर बल दिया।
21/09/2024
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और 38वीं इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में शिरकत करने वालों ने शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
21/09/2024
इस्लामी जगत की ताक़त कैंसर के इस दुष्ट फोड़े को इस्लामी समाज के दिल यानी फ़िलिस्तीन से निकाल सकती है, मिटा सकती है और इस इलाक़े से अमरीका की धौंस व धमकी भरे प्रभाव, कंट्रोल और हस्तक्षेप को ख़त्म कर सकती है। हम में ऐसा करने की ताक़त है!
21/09/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी देशों के राजदूतों, इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों और अवाम के अनेक तबक़ों के लोगों से मुलाक़ात की।
21/09/2024
आज हमें इस्लामी उम्मत के गठन की ज़रूरत है, यानी इसके लिए कोशिश होनी चाहिए। इस संबंध में कौन मदद कर सकता है। सरकारें प्रभावी हो सकती हैं। अलबत्ता सरकारों में जज़्बा बहुत ठोस नहीं है। जो लोग इस जज़्बे को ठोस कर सकते हैं वह इस्लामी जगत का विशिष्ट वर्ग है।
21/09/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 21 सितम्बर 2024 को पैग़म्बरे इस्लाम और उनके फ़रज़ंद इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर इस्लामी एकता कान्फ्रेंस के मेहमानों, वरिष्ठ ओहदेदारों और इस्लामी मुल्कों के राजदूतों से मुलाक़ात में तक़रीर करते हुए इस्लामी उम्मा और विशेष रूप से फ़िलिस्तीन संकट के बारे में बात की।
20/09/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सज़ा पाने वाले क़रीब 3000 लोगों सज़ा माफ़ करने या उसमें कमी की दरख़ास्त मंज़ूरी की।
20/09/2024
इमाम महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने का अक़ीदा जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी देता है वह वही चीज़ है जिसके लिए सभी पैग़म्बर व ईश्वरीय दूतों को नियुक्त किया गया। यह मुख्य लक्ष्य है। इंसान का अल्लाह की ओर से दी गयी सभी सलाहियतों को इस्तेमाल करते हुए इंसाफ़ की बुनियाद पर तौहीद के अक़ीदे वाले समाज का गठन करना है। इमाम ख़ामेनेई 09/07/2011
18/09/2024
एक और चीज़ जो इस साल ओलंपिक मुक़ाबलों में नुमायां थी वह विश्व स्पोर्ट्स के मामलों को कंट्रोल करने वाले मुल्कों की दोहरी नीति है। वाक़ई उन्होंने दिखा दिया कि उनके रवैयों पर दोहरी और दुश्मनी भरी नीतियां छायी हुयी हैं।
17/09/2024
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
17/09/2024
अमरीकी अधिकारियों के दिमाग़ में आतंकवाद का अर्थ ग़लत रूप में है। वे आतंकवाद का ग़लत मानी निकालते हैं। एक रात में सबरा व शतीला के नरसंहार को, वे आतंकवाद नहीं मानते!
17/09/2024
2024 के पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों में भाग लेने वाले ईरानी खिलाड़ियों के दस्ते के सदस्यों ने मंगलवार 17 सितम्बर की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
17/09/2024
आज मेरी नज़र में निश्चित तौर पर अनिवार्य कामों में से एक ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के मज़लूमों का सपोर्ट करना है; अगर हमने इस फ़रीज़े पर अमल न किया तो क़यामत में अल्लाह हमसे सवाल करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स पर छायी दोहरी नीतियों पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की टिप्पणीः

ज़ायोनी सरकार को, जिसने 41 हज़ार लोगों को क़त्ल किया है, ओलंपिक में भाग लेने से रोका नहीं जाता!

17/09/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 2024 के पेरिस ओलंपिक और पैरालिंपिक खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों और टीम के दूसरे सदस्यों से मुलाक़ात की।
17/09/2024
इस साल का प्रदर्शन बहुत नुमायां था, बहुत अच्छा था। आपने क़ौम को ख़ुश कर दिया। ईरानी क़ौम में गौरव का एहसास पैदा किया। मैं मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों का दिल की गहराई से शुक्रिया अदा करता हूं। 
16/09/2024
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
16/09/2024
एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी पर, मुल्क के सुन्नी धर्मगुरुओं और हस्तियों ने सोमवार 16 सितम्बर की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
16/09/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सोमवार 16 सितम्बर को एकता हफ़्ते के आग़ाज़ और ईदे मीलादुन्नबी के मौक़े पर, सुन्नी धर्मगुरुओं, सुन्नी मदरसों के प्रिंसपलों और जुमे के इमामों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने इस्लामी उम्मत जैसी क़ीमती पहचान की रक्षा को ज़रूरी बताया और इस्लामी एकता की अहमियत पर ताकीद की और इसे नुक़सान पहुंचाने की दुश्मनों की कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहाः "इस्लामी उम्मत" का विषय किसी भी स्थिति में भुलाया न जाए।
15/09/2024
फ़िलिस्तीन के स्कूल और कालेज के स्टूडेंट्स, टीचरों, स्कूल स्टाफ़ और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर ज़ायोनी शासन के हमलों के बारे में फ़िलिस्तीन के शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्टः
12/09/2024
इस्लाम ने फ़ैमिली का ढांचा भीतर से कुछ ऐसा बनाया है कि आपसी मतभेद अपने आप हल हो जाएं। उसने मर्द को हुक्म दिया है कि वह बीवी का ख़याल रखे और बीवी को हुक्म दिया है कि वह शौहर का ख़याल रखे। अगर आपसी सम्मान व लेहाज़ पर सभी पहलुओं से अमल हो तो कोई भी फ़ैमिली बिखर नहीं सकती और न ही तबाह होगी। इमाम ख़ामेनेई 11/06/2013
12/09/2024
इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदा, धार्मिक आस्थाओं और शिक्षाओं के कुछ सबसे अहम आधारों में से एक है, जैसे कि पैग़म्बरी का अक़ीदा। इमाम महदी अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदे की अहमियत इस तरह की है। क्यों? इस लिए कि ये अक़ीदा जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी देता है वो वही चीज़ है जिसके लिए सभी नबियों और पैग़म्बरों को भेजा गया। इमाम ख़ामेनेई 9/7/2011
11/09/2024
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने अपने एक संदेश में अरबईने हुसैनी के दिनों में मेज़बानी के लिए इराक़ी मौकिबदारों और महान इराक़ी राष्ट्र का शुक्रिया अदा किया। बुधवार 11 सितम्बर 2024 को अपनी इराक़ यात्रा के दौरान राष्ट्रपति श्री डॉक्टर मस्ऊद पेज़िश्कियान ने इराक़ के प्रधान मंत्री श्री शिया अल सूदानी को इस संदेश के अरबी अनुवाद की शील्ड प्रस्तुत की। रहबरे इंक़ेलाब के इस संदेश का अनुवाद इस प्रकार है:
11/09/2024
हालाँकि उनकी सरकार बेहद क्रूर थी और बड़ा ज़ालिमाना व्यवहार करती थी लेकिन इसके बावजूद इमाम इस तरह कामयाब रहे। मतलब यह है कि इमामों की वतन से दूरी के साथ ही इस वैभव और इस महानता को भी देखना चाहिए।
11/09/2024
इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम उसी सामर्रा शहर में, जो अस्ल में एक फ़ौजी छावनी की तरह था, पूरे इस्लामी जगत के साथ व्यापक संपर्क वाला संचार व प्रचार का एक ज़बरदस्त नेटवर्क स्थापित करने में कामयाब हुए। इमाम ख़ामेनेई 10 मई 2003
10/09/2024
11 सितंबर 2001 की घटना के बाद अमरीका ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ 2 दशक से ज़्यादा समय की जंग में कैसे कैसे घिनौने अपराध किए और बुश, ओबामा, ट्रम्प और बाइडेन जैसे लोगों ने अमरीकी अवाम के हितों पर अपने व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता देकर लाखों बेक़ुसूर लोगों को आतंकवाद के ख़िलाफ़ जंग के बेबुनियाद बहाने से क़ुरबान कर दिया। इस बारे में एक लेख पेश है।
09/09/2024
फ़िलिस्तीनी क़ौम की अज़ीम फ़तह, इस बात में है कि उसने पश्चिम को, अमरीका को, मानवाधिकार के झूठे दावेदारों को रुस्वा कर दिया।
08/09/2024
ईरान के कोहगिलूए व बुवैर अहमद प्रांत के शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए आयोजित की जाने वाली कान्फ़्रेंस के प्रबंधकों ने 14 अगस्त 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तक़रीर करके हुए इस प्रांत के लोगों, वहां के इतिहास और शहीदों के विषय पर बात की।
08/09/2024
किस तरह ज़ायोनियों के बढ़ते ज़ुल्म के बावजूद रेज़िस्टेंस मोर्चे का दायरा फैल रहा है। इस बारे में एक लेख पेश है।
07/09/2024
अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम अंधेरी व घटाटोप रात में पैग़म्बर के बिस्तर पर सोने के लिए तैयार हो गए ताकि पैग़म्बर उस घर और उस शहर से बाहर निकल जाएं। उस रात, उस बिस्तर पर सोने वाले का मारा जाना क़रीब क़रीब निश्चित था।
06/09/2024
आज इंसान का मन यह जानने, समझने और यक़ीन करने के लिए तैयार है कि एक अज़ीम इंसान आएगा और इंसानियत को ज़ुल्म व सितम से मुक्ति दिलाएगा। यह वही चीज़ है जिसका वादा पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम के ज़रिए क़ुरआन मजीद में किया गया है। "और वह उन पर से संगीन बोझ उतारता और बंदिशें खोलता है।" (सूरए आराफ़, आयत-157) इमाम ख़ामेनेई 24/11/1999
06/09/2024
अमरीकियों ने मानवाधिकार की रक्षा का झंडा उठा रखा है और वे कहते हैं कि हम मानवाधिकार के पाबंद हैं और वह भी सिर्फ़ अपने मुल्क में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में! यह तो सिर्फ़ एक दावा है, वे व्यवहार में क्या कर रहे हैं? व्यवहारिक तौर पर वे मानवाधिकार को सबसे ज़्यादा चोट पहुंचा रहे हैं और मुख़्तलिफ़ मुल्कों में मानवाधिकार का सबसे ज़्यादा अनादर कर रहे हैं। इमाम ख़ामेनेई 16 फ़रवरी, 2013
05/09/2024
आज दुनिया में कोई भी इस बात को नहीं मानता कि अमरीका मानवाधिकार की रक्षा करना चाहता है। इमाम ख़ामेनेई 24 जुलाई, 2012
04/09/2024
विश्व समुदाय को, जो हमेशा मुख़्तलिफ़ मामलों में मानवाधिकार के प्रति अमरीकी सपोर्ट के नारे सुनते रहे हैं, फ़िलिस्तीन के आईने में अमरीकी नीतियों के घिनौने रूप को ज़रूर देखना चाहिए।  इमाम ख़ामेनेई 15 दिसंबर, 2000
04/09/2024
मामून की इस राजैनितक व मक्कारी भरी चाल के मुक़ाबले में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने समझदारी से भरा एक पाकीज़ा प्रोग्राम तैयार किया और साज़िश को पूरी तरह उसके विपरीत दिशा में और सत्य व सच्चाई के हित में पलट देने में कामयाब रहे।
ताज़ातरीन