इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने लेबनान के युद्ध से पीड़ित और रेज़िस्टेंस करने वाले अवाम के नाम अपने इस ज़बानी संदेश में कहा है कि हम आपसे अलग नही हैं, हम आपके साथ हैं, हम और आप एक हैं, हम आपके दर्द, तकलीफ़ और मुसीबतों में शरीक हैं और हम एक दूसरे के हमदर्द और एक जैसी स्थिति में हैं। आपका दर्द हमारा दर्द, आपकी तकलीफ़ हमारी तकलीफ़ है और हम आपसे अलग नहीं हैं।

आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने यह ज़बानी पैग़ाम मशहूर नौहा-ख़्वां मीसम मुतीई के ख़त के जवाब में दिया है जो जेहादी गिरोहों के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ लेबनान के बहादुर अवाम के दरमियान पहुंचे और ईरान हमदिल (हमदर्द ईरान) नामक कम्पेन के तहत ईरानी अवाम की मदद को लेबनानी अवाम तक पहुंचाने के लिए लेबनान के सफ़र पर हैं।