19/05/2024
हमारी सरज़मीन में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पाक रौज़े के वजूद और पूरे मुल्क और हमारे अवाम के दिलों में उनके आध्यात्मिक वजूद की बरकत पूरी तरह स्पष्ट है। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम आध्यात्मिक, वैचारिक और भौतिक लेहाज़ से हमारी क़ौम के सरपरस्त हैं। इमाम ख़ामेनेई 15/03/2003
19/05/2024
फ़िलिस्तीनी क़ौम को तीन मुसीबतों में ढकेला गयाः उसकी सरज़मीन को हड़प लिया गया; उस पर सामूहिक विस्थापन थोपा गया और उसका क़त्ले आम किया गया।
19/05/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आज रात, इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शबे-विलादत की मुनासेबत से मुलाक़ात के लिए आने वाले पासदाराने इंक़ेलाब के सदस्यों के परिवारों से मुलाक़ात में राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी और उनके साथ लोगों को पेश आने वाली दुर्घटना पर गहरा दुख ज़ाहिर किया।
20/05/2024
मुल्क की सुरक्षा भी, सरहदों की सुरक्षा भी, मुल्क की सतह के दूसरे काम भी जो कार्यपालिका के ज़रिए अंजाम पाते हैं, सही तरीक़े से अंजाम पाएंगे। लोग चिंतित न हों, घबराएं नहीं, इंशाअल्लाह राष्ट्रपति, जनता के बीच लौट आएंगे।
20/05/2024
यक़ीनी तौर पर इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पाक रौज़े की सेवा अगर उस तरह अंजाम पाए जिस तरह उसे अंजाम पाना चाहिए तो, सबसे बड़े मूल्यों और सबसे बड़े सम्मान में से है और आज यह चीज़ मुमकिन और मौजूद है। मुझे भी इस बात पर फ़ख़्र है कि मैं अमल में न सही नाम ही के लिए सही आप लोगों के समूह में शामिल हूं और मुझे इस पाक रौज़े में सेवा करने का सम्मान हासिल है। यह बात मैं आप लोगों से इसलिए कह रहा हूं कि हमारा दिल भी वहीं है जहाँ रहने का शरफ़ आपको हमेशा हासिल है और क्या क़िसमत है आपकी! हक़ीक़त में मेरे लिए सबसे मीठे लम्हें वो हैं जब मैं इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत का सौभाग्य पाता हूं। इमाम ख़ामेनेई 8/12/1988
18/05/2024
हमारी सरज़मीन में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के पाक रौज़े के वजूद और पूरे मुल्क और हमारे अवाम के दिलों में उनके आध्यात्मिक वजूद की बरकत पूरी तरह स्पष्ट है। आठवें इमाम अलैहिस्सलाम आध्यात्मिक, वैचारिक और भौतिक लेहाज़ से हमारी क़ौम के सरपरस्त हैं। इमाम ख़ामेनेई 15/03/2003
17/05/2024
13/5/2024 को तेहरान के बुक फ़ेयर के मुआयने के दौरान इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से ईरान के राष्ट्रीय प्रसारण संस्था आईआरआईबी के रिपोर्टर का इंटरव्यू।
17/05/2024
"फ़िलिस्तीन" नामक किताब फ़िलिस्तीन के बारे में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के वर्णन और समीक्षा पर आधारित बयानों और उनकी ओर से पेश किए गए हल का संग्रह है। फ़िलिस्तीन के मसले में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के विचारों की अहमियत और निर्णायक हैसियत सहित इस वक़्त के ख़ास हालात के मद्देनज़र इस किताब के अरबी, अंग्रेज़ी, रूसी, तुर्की इस्तांबोली और दूसरी ज़बानों में अनुवाद प्रकाशित हुए हैं।
17/05/2024
हमें यक़ीन है कि फ़िलिस्तीन के मुसलमान अवाम की जद्दोजेहद और इस्लामी दुनिया की ओर से उनका सपोर्ट जारी रहने से अल्लाह के करम से फ़िलिस्तीन आज़ाद होगा और बैतुल मुक़द्दस, मस्जिदुल अक़सा और इस सरज़मीन के दूसरे पवित्र स्थल इस्लामी दुनिया की आग़ोश में वापस आ जाएंगे, इंशाअल्लाह। और अल्लाह तो हर काम पर पूर्ण सामर्थ्य रखता है।  इमाम ख़ामेनेई  24 अप्रैल 2001
17/05/2024
अगर बड़ी ताक़तों का बस चले तो वो समुद्र को भी अपने नाम लिखवा लें और दूसरों का रास्ता रोक दें। इंसानियत से संबंधित आम मामलों को अपने एकाधिकार में लेना बड़ी ताक़तों के स्वभाव में है, अमरीका का स्वभाव है। आपने उसे तोड़ दिया। आपके काम (ईरानी नौसेना के फ़्लोटिला का दुनिया का चक्कर लगाने के मिशन) का एक स्पष्ट नतीजा यह था कि आपने दिखा दिया कि महासागरों पर सबका हक़ है और यह जो कहा जाता है कि "हम नौसैनिक जहाज़ को फ़ुलां खाड़ी से गुज़रने नहीं देंगे" सिर्फ़ बड़बोलापन है।  इमाम ख़ामेनेई  06/08/2023 (ईरानी नौसेना के फ़्लोटिला की दुनिया का चक्कर लगाकर कामयाब वापसी पर तक़रीर)
17/05/2024
दूसरी व्यस्तताएं, जैसे साइबर स्पेस/सोशल मीडिया और इस तरह की दूसरी चीज़ों ने किताबों के अध्ययन की जगह ले ली है। यह सही चीज़ नहीं है।
15/05/2024
तेहरान इंटरनैशनल बुक फ़ेयर में प्रकाशकों और लेखकों से इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की बातचीत में, उनके व्यापक अध्ययन और बेमिसाल याददाश्त की झलक दिखाई दी।
15/05/2024
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः मैं चाहता हूं कि किताब पढ़ने का ज़्यादा से ज़्यादा चलन हो क्योंकि मेरा मानना है कि हम किताब के मोहताज हैं, मुख़्तलिफ़ मैदानों के सभी लोगों, मुख़्तलिफ़ उम्र और अलग अलग इल्मी सतह के सभी लोगों को किताब पढ़ने की ज़रूरत है और सही मानी में कोई भी चीज़ किताब की जगह नहीं ले सकती।  आज कल मसरूफ़ रखने वाली चीज़ों जैसे साइबर स्पेस, सोशल मीडिया और इसी तरह की दूसरी चीज़ों ने किताब की जगह ले ली है, यह अच्छी बात नहीं है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि लोग साइबर स्पेस और सोशल मीडिया को न देखें या अख़बार न पढ़ें। पढ़ें! लेकिन इन चीज़ों को किताब की जगह नहीं लेनी चाहिए। तेहरान के पैंतीसवें इंटरनैशनल बुक फ़ेयर के मुआइने के दौरान ईरान के राष्ट्रीय ब्रॉडकास्टिंग विभाग के रिपोर्टर को दिए गए इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के इंटरव्यू का एक हिस्सा 13/05/2024
15/05/2024
ग़ज़ा में पश्चिमी सभ्यता बेनक़ाब हो गई... 30 हज़ार लोग ज़ायोनी सरकार के हाथों मारे जाते हैं, ये लोग अपनी आँखें बंद कर लेते हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो! इनमें से कुछ तो मदद भी करते हैं, हथियार देते हैं... यह पश्चिम की लिबरल डेमोक्रेसी है, यह न तो लिबरल हैं और न ही डेमोक्रेट, ये झूठ बोलते हैं।  इमाम ख़ामेनेई 24/02/2024
14/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने तेहरान इंटरनैशनल बुक फ़ेयर का तीन घंटे मुआइना किया और किताबों के मुख़्तलिफ़ स्टालों पर गए, किताबें भी देखीं और स्टाल के मालिकों से बातचीत भी की।
14/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तेहरान इंटरनैशनल बुक फ़ेयर का मुआइना करने के बाद, संबंधित विभाग को किताबों का प्रकाशन बढ़ाने पर ताकीद की।
13/05/2024
पांचवीं इमाम रज़ा अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस अकैडमिक बोर्ड के सदस्यों से मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर की स्पीच
13/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता सैयद अली ख़ामेनेई ने 8 मई 2024 को पांचवी इमाम रज़ा अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस अकैडमिक बोर्ड के सदस्यों से ख़ेताब किया।
13/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तेहरान के इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला काम्पलेक्स में आयोजित बुक फ़ेयर का सोमवार की सुबह मुआइना किया। यह 35वां अंतर्राष्ट्रीय किताब मेला है। 
तेहरान पुस्तक मेले के मुआइने के बाद एक इंटरव्यू में आयतुल्लाह ख़ामेनेई:

लोग हर दिन किताब पढ़ें और कोई भी चीज़ किताब की जगह नहीं ले सकती

13/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सोमवार 13 मई 2024 की सुबह तेहरान में किताबों के अंतर्राष्ट्रीय मेले में पहुंच कर किताबों के मुख़्तलिफ़ स्टालों का तीन घंटे तक मुआइना किया। 
12/05/2024
ज़ीक़ादा महीने के रविवार के दिन तौबा व इस्तेग़फ़ार के दिन हैं और इस दिन (ज़ीक़ादा महीने के हर रविवार) का विशेष अमल है। महान धर्मगुरू व आत्मज्ञानी अलहाज मीर्ज़ा जवाद आक़ाए मलेकी ने अलमुराक़ेबात में पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम के हवाले से नक़्ल किया है कि उन्होंने अपने साथियों से फ़रमायाः तुम लोगों में कौन कौन तौबा करना चाहता है? सभी ने कहा कि हम तौबा करना चाहते हैं। बज़ाहिर वह ज़ीक़ादा का महीना था। इस रवायत के मुताबिक़, पैग़म्बरे इस्लाम ने फ़रमाया कि इस महीने में आने वाले हर रविवार को यह नमाज़ पढ़ो।  अरमुराक़ेबात में इस नमाज़ की तफ़सील बयान की गयी है। कुल मिलाकर यह कि ज़ीक़ादा महीने के दिन, जो 'हराम महीनों' में पहला महीना है, बड़े मुबारक और बर्कत वाले दिन व रात हैं, बर्कतों से भरे हुए हैं। इनसे फ़ायदा उठाना चाहिए।  इमाम ख़ामेनेई 09/09/2015   नमाज़ पढ़ने का तरीक़ा • ग़ुस्ल और वज़ू करे • दो दो रकत करके चार रकत नमाज़ पढ़े। हर रकत में सूरए हम्द के बाद तीन बार सूरए तौहीद और एक एक बार सूरफ़ फ़लक़ और नास पढ़े। • सलाम के बाद 70 बार इस्तेग़फ़ार करे। फिर कहेः "ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलीयिल अज़ीम" इसके बाद कहे "या अज़ीज़ो या ग़फ़्फ़ारो इग़फ़िर ली ज़ुनूबी व ज़ुनूबा जमीइल मोमेनीना वल मोमेनाते फ़इन्नहू ला यग़फ़ेरुज़्ज़ुनूबा इल्ला अंत" स्रोतः मरहूम अलहाज मीर्ज़ा जवाद आक़ाए मलिकी की किताब अलमुराक़ेबात
11/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई अपनी लाइब्रेरी में
11/05/2024
इस साल हमारा हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है... इसकी वजह इन दिनों ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन में होने वाली घटनाएं हैं। इमाम ख़ामेनेई 06/05/2024
11/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब इंस्टीट्यूट के अंतर्राष्ट्रीय विभाग की कोशिशों से तेहरान में अंतर्राष्ट्रीय बुक फ़ेयर में “फ़िलिस्तीन” किताब का उर्दू और कुर्दी संस्करण रिलीज़ हुआ। 
10/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने ‏शुक्रवार 10 मई 2024 को सुबह, संसद के दूसरे चरण के चुनाव में मतदान किया।
10/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार की सुबह बारहवीं संसद के दूसरे चरण के चुनाव के लिए तेहरान में मतदान का आग़ाज़ होते ही इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में अपना वोट डाला।
10/05/2024
चुनाव, मैदान में अवाम की मौजूदगी की निशानी और अवाम के इरादे व निर्णय का चिन्ह है। इसलिए हर उस इंसान का क़ौमी फ़रीज़ा है कि चुनाव में शरीक हो जो चाहता है कि मुल्क तरक़्क़ी करे काम करे और बड़े लक्ष्य तक पहुंचे।
08/05/2024
इस्लाम के सबसे ख़ूबसूरत आध्यात्मिक दृष्यों में से एक, मस्जिदुन नबी में क़ुरआन की तिलावत है, मस्जिद और क़ुरआन एक साथ, काबा और क़ुरआन एक साथ, यह बहुत ही सुंदर संगम है।
07/05/2024
हज़रत इब्राहीम का उन काफ़िरों के बारे में जो दुश्मनी नहीं करते यह पक्ष है कि उनसे अच्छा बर्ताव किया जाए। मगर एक जगह वो उनसे बेज़ारी का एलान करते हैं जो क़ातिल हैं और लोगों को उनके घर व वतन से बेदख़ल करते हैं। इसका उदाहरण आज कौन है? ज़ायोनी, अमरीका और उनके मददगार।
07/05/2024
हज़रत इब्राहीम ने जो शिक्षाएं हमें दी हैं उनके मुताबिक़ इस साल का हज बेज़ारी के एलान का हज है। पश्चिमी कल्चर से निकलने वाले ख़ूंख़ार वजूद से बेज़ारी का एलान जिसने ग़ज़ा में अपराध किए।
08/05/2024
ग़ौर कीजिए कि अमरीकी, इस्राईल का ज़बानी विरोध किए जाने पर क्या कार्यवाही कर रहे हैं?! अमरीकी स्टूडेंट्स के साथ इस तरह का सुलूक किया जा रहा है। यह वाक़या अमली तौर पर यह दिखाता है कि ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के बड़े अपराध में अमरीका, ज़ायोनी हुकूमत का शरीके जुर्म है।  इमाम ख़ामेनेई 1/5/2024
06/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने हज के लिए क़ाफ़िलों के रवाना होने से कुछ दिन पहले सोमवार की सुबह, हज संस्था के प्रबंधकों और कुछ हाजियों से मुलाक़ात की।
06/05/2024
हज संस्था के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सोमवार की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
06/05/2024
और लोगों में हज का एलान कर दो (सूरए हज, आयत-27) हज संस्था के अधिकारियों से मुलाक़ात के स्थान पर क़ुरआन की आयत 06/05/2024
06/05/2024
अगर अमरीका की मदद न होती तो क्या ज़ायोनी सरकार में इतनी ताक़त थी, हिम्मत थी कि मुसलमान मर्दों, औरतों और बच्चों के साथ उस छोटे से इलाक़े में ऐसा बर्बरतापूर्ण व्यवहार करे?
06/05/2024
हज़रत इब्राहीम की शिक्षाओं की बुनियाद पर इस साल का हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है, क्योंकि एक तरफ़ ख़ूंख़ार ज़ायोनी है तो दूसरी ओर ग़ज़ा के मुसलमान अवाम का इतनी मज़लूमियत के साथ प्रतिरोध है।
ताज़ातरीन