हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शहादत दिवस के मौक़े पर तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित होने वाली दूसरी मजलिस में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई और अज़ादारों ने शिरकत की।
अध्यात्म व पाकीज़गी के मर्तबों को हासिल करने में औरत और मर्द में कोई अंतर नहीं है। अल्लाह मानव इतिहास में हज़रत ज़हरा जैसी महिला को पैदा करता है जो (इमाम के) एक क़ौल के मुताबिक़, "हम मख़लूक़ पर अल्लाह की हुज्जत हैं और हमारी दादी फ़ातेमा हम पर हुज्जत हैं।" फ़ातेमा ज़हरा अल्लाह की हुज्जत हैं, इमामों की इमाम हैं; क्या इससे बढ़कर कोई शख़्सियत हो सकती है?
इमाम ख़ामेनेई
1 मई 2013
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शहादत दिवस के मौक़े पर तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित होने वाली पहली मजलिस में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई और अज़ादारों ने शिरकत की।
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शहादत दिवस के मौक़े पर तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आयोजित होने वाली पहली मजलिस में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई और अज़ादारों ने शिरकत की।
जब दक्षिणी लेबनान के पहाड़ी टीलों पर सुबह का सूरज प्रकट हुआ तो गाड़ियों का एक क़ाफ़िला आगे की तरफ़ बढ़ने लगा और उनके हार्न से वतन वापसी के नग़में की गूंज सुनाई देने लगी। लेबनान के लोग, जो ज़ायोनिस्ट रेजीम की आक्रामकता की वजह से एक मुद्दत से बेघर हो गए थे, बुधवार की सबुह स्थानीय वक़्त के मुताबिक़ 4 बजे युद्ध विराम शुरू होने के फ़ौरन बाद अपने अपने गांवों की ओर तेज़ी से वापस लौटने लगे। खिड़कियां खुलने लगीं और हाथों में हिज़्बुल्लाह के पीले रंग के परचम लहराने लगे जो चैन और रिहाई का चिन्ह है।
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा स्वर्ग की औरतों की सरदार हैं। बहादुरी का सबक़, त्याग का सबक़, दुनिया में ज़ोहद का सबक़, मारेफ़त हासिल करने का सबक़, दिलों तक मारेफ़त पहुंचाने का सबक़, इंसान के बौद्धिक लेहाज़ से परिपक्व टीचर के मक़ाम पर पहुंचना, हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के सबक़ हैं।
इमाम ख़ामेनेई
18 फ़रवरी 2018
इंसान की पैदाइश और इंसानियत के लंबे इतिहास में एक हक़ीक़त पायी जाती है और वह यह है कि सत्य और असत्य के बीच संघर्ष, एक दिन सत्य के पक्ष में और असत्य के ख़िलाफ़ ख़त्म होगा और उस दिन के बाद से इंसान की वास्तवकि दुनिया और इंसान की पसंदीदा ज़िंदगी शुरू होगी जिसमें संघर्ष, जंग के मानी में नहीं है बल्कि भलाइयों में एक दूसरे से आगे निकलने के मानी में है।
इमाम ख़ामेनेई
17/08/2008
अगर हिज़्बुल्लाह अपने अहम उपकरणों को इस्तेमाल करे तो जंग का नक़्शा ही बदल जाएगा
चूंकि उसके सामने बंद गली नहीं है, इसी वजह से, इन्हीं दलीलों की वजह से एक बसीज को इस बात का यक़ीन है कि आख़िरकार एक दिन वह ज़ायोनी शासन को निश्चित तौर पर उखाड़ फेंकेगा।
इस्लामी गणराज्य ईरान की नौसेना के कमांडरों और अधिकारियों ने नौसेना दिवस पर बुधवार 27 नवम्बर 2024 को सुबह तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
मुल्क भर से आए हुए हज़ारों स्वयंसेवियों ने सोमवार 25 नवम्बर 2024 को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की। जोश व श्रद्धा से भरे इस प्रोग्राम के माहौल, लोगों के जज़्बात और दूसरी अहम बातों के बारे में एक रिपोर्ट पेश है।
लेखकः मोहसिन बाक़ेरीपूर
ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नौसेना दिवस पर बुधवार 27 नवम्बर 2024 को नौसेना के कमांडरों और आला अधिकारियों से तेहरान में मुलाक़ात में, नौसेना को आज की दुनिया में बहुत ही अहम व निर्णायक फ़ोर्स बताया और मुख़्तलिफ़ आप्रेशनल, इंटेलिजेंस, सपोर्ट और इनोवेशन के क्षेत्रों में नौसेना की सरगर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि सभी सरगर्मियों और योजनाओं में आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ख़ास तौर पर नौसेना का टार्गेट जंगी तैयारी और क्षमता होना चाहिए।
मैं आज यह बात कह रहा हूं कि रेज़िस्टेंस मोर्चे का दायरा आज जितना है, कल उसका दायरा कई गुना ज़्यादा फैल जाएगा। ये मूर्ख अपने हाथों से रेज़िस्टेंस मोर्चे का दायरा बढ़ा रहे हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी के इंटरव्यू का ख़ुलासाः हिज़्बुल्लाह की मौजूदा ताक़त की अतीत से तुलना नहीं की जा सकती। इन्होंने अभी तो अपने अहम हथियारों को इस्तेमाल ही नहीं किया है और मेरे ख़्याल में अगर इस्तेमाल करे तो स्थिति बहुत बदल जाएगी। शायद उन्हें यह बात समझ में आ गयी जभी तो जल्द संघर्ष विराम की इच्छा ज़ाहिर कर रहे हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का लेबनान और ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के युद्ध अपराध की ओर इशाराः
बसीज फ़ोर्स सप्ताह के मौक़े पर 25 नवम्बर 2024 को पूरे मुल्क से हज़ारों की तादाद में आए स्वयंसेवी बल बसीज के सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 25 नवम्बर 2024 को मुल्क की "बसीज फ़ोर्स" के सदस्यों की बड़ी तादाद से अपनी मुलाक़ात में पूरे मुल्क में फैले इस स्वयंसेवी संगठन के इतिहास, रोल और सेवाओं पर रौशनी डाली। (1)
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी के इंटरव्यू का ख़ुलासाः हिज़्बुल्लाह की दृढ़ता आशूरा के दिन जैसी है। उनका मनोबल बहुत ऊंचा है और वे भविष्य की ओर से आशावान भी हैं। यह दृढ़ता और आप्रेशन में यह बहादुरी इन्हें कामयाब करेगी।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी के इंटरव्यू का ख़ुलासाः वे लोग सोच रहे थे कि कामयाब हो गए हैं और हिज़्बुल्लाह का काम तमाम हो गया है। 12-13 दिन गुज़रने के बाद, स्थिति बदल गयी। उसके बात तो वे लोग ख़ुद ही संघर्ष विराम के लिए हाथ पैर जोड़ने लगे। फिर प्रस्ताव तैयार हुआ। उससे पहले जो भी प्रस्ताव दिया जाता, उसे रद्द कर देते थे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी के इंटरव्यू का ख़ुलासाः हिज़्बुल्लाह ने आशूरा की तर्ज़ पर लड़ना शुरू किया जिससे स्थिति बदल गयी और पुराने कैडर की जगह नए लोगों ने संभाल ली।
इमाम महदी अलैहिस्सलाम हमारी इलतेजा और अल्लाह की बारगाह में उन्हें सिफ़ारिश का वसीला क़रार दिए जाने की गुज़ारिश को सुनते हैं और हमारी इलतेजा को क़ुबूल भी करते हैं। हम अपने सुनने वाले से जो हमसे दूर है, अपने दिल का हाल बयान करते हैं तो इसमें कोई हरज नहीं है। अल्लाह सलाम करने वालों और पैग़ाम देने वालों का पैग़ाम और सलाम इमाम महदी तक पहुंचाता है। यह वसीला क़रार देना और यह आध्यात्मिक लगाव अच्छा और ज़रूरी काम है।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011
20 नवम्बर को "राष्ट्रीय नायक" दिवस और रेज़िस्टेंस मोर्चे की फ़तह तथा दाइश के ख़ात्मे की सालगिरह के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब कल्चरल रिसर्च सेंटर ने एक समारोह में रेज़िस्टेंस मोर्चे के तीन शहीदों की जीवनी पर आधारित किताबों का इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के रिव्यू के साथ लोकार्पण किया।इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का रिव्यू इस प्रकार हैः
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 20 नवम्बर 2024 को महिलाओं के मदरसे जामेअतुज़्ज़हरा के शिक्षकों और स्टूडेंट्स से तेहरान में मुलाक़ात में समाज के नए मसलों का जवाब देने के लिए मदरसों में बदलाव और अपटूडेट होने की ज़रूरत पर बल दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 20 नवम्बर 2024 को महिलाओं के मदरसे जामेअतुज़्ज़हरा के शिक्षकों और स्टूडेंट्स से तेहरान में मुलाक़ात में समाज के नए मसलों का जवाब देने के लिए मदरसों में बदलाव और अपटूडेट होने की ज़रूरत पर बल दिया।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बुधवार 20 नवम्बर 2024 को लड़कियों के मदरसे जामेअतुज़्ज़हरा की प्रिंसपल, शिक्षकाओं और स्टूडेंट्स से तेहरान में मुलाक़ात में इस प्रभावी संस्था को इस्लामी इंक़ेलाब की बरकत से वजूद में आने वाली बेमिसाल संस्थाओं में और धार्मिक शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और महिलाओं पर प्रभाव डालने वाली बताया। उन्होंने समाज की ज़रूरत के साथ मदरसों में बदलाव और अपटूडेट होने की ज़रूरत की ओर इशारा करते हुए कहा कि मदरसों की आर्थिक, प्रशासनिक और पारिवारिक मामलों सहित समाज के अहम मसलों में राय होनी चाहिए।
प्रतिरोध मोर्चे की हालिया विजयों और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में दुश्मन की नाकामी के साथ इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने इस मोर्चे की निश्चित जीत और ज़ायोनी शासन की दुष्टता के अंत के लिए कुछ दुआएं पढ़ने में मार्गदर्शन के एक अनुरोध के जवाब में, क़ुरआने मजीद के सूरए फ़त्ह, सहीफ़ए सज्जादिया की चौदहवीं दुआ, और दुआए तवस्सुल पढ़ने की सिफ़ारिश की है। यह ख़बर हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन हाज अली अकबरी ने किरमान में शहीद अलहाज क़ासिम सुलैमानी के मज़ार पर कुछ युवाओं के बीच दी जिसे इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की वेबसाइट KHAMENEI.IR पेश कर रही है।
बैरूत में ज़ायोनी शासन के पेजर हमलों के आतंकवादी कृत्य में घायल होने वाले ईरानी राजदूत जनाब मुजबता अमानी ने रविवार 17 नवंबर 2024 को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की, जिसमें इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने उनका हाल-चाल पूछा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 30 दिसम्बर 2019 को फ़िक़्ह के दर्से ख़ारिज में पैग़म्बरे इस्लाम सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की आख़िरी बातचीत के बारे में एक हदीस की व्याख्या की।
सही मानी में एक रहनुमा, एक पैग़म्बर की तरह, पूरी इंसानियत की रहनुमा, इतने आला रुतबे पर सबसे पाकीज़ा हज़रत ज़हरा एक नौजवान महिला नज़र आती हैं। यह है इस्लाम के मद्देनज़र महिला।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने रविवार 17 नवम्बर 2024 को तेहरान में, दोपहर को अपनी सामान्य मुलाक़ात के प्रोग्राम के तहत, लेबनान में इस्लामी गणराज्य ईरान के राजदूत जनाब मुजतबा अमानी से मुलाक़ात और गुफ़्तगू की।
इतिहास में बहुत से दावेदार पैदा हुए हैं। ये दावेदार किसी एक निशानी को अपने ऊपर या किसी और पर मैच कर लेते थे। यह पूरी तरह ग़लत है। कुछ बातें जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ाहिर होने की निशानी के तौर पर बयान की जाती हैं, निश्चित नहीं हैं। यह ऐसी बातें हैं जिनका भरोसेमंद रवायतों में ज़िक्र नहीं मिलता। कमज़ोर रवायतों में ज़िक्र ज़रूर मिलता है इसलिए उनको माना नहीं जा सकता।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2011
हिज़्बुल्लाह के स्वरूप और उसके ढांचे और उसकी आस्था पर रौशनी डालने वाली तहरीर। इस लेख में हिज़्बुल्लाह की स्थापना, उसकी स्थिति और अजेय समझी जाने वाली ज़ायोनी सेना के मुक़ाबले में उसकी रणनीति की समीक्षा की गयी है।