15/06/2024
इस साल ‘बराअत’ का विषय, विगत से ज़्यादा नुमायां है। ग़ज़ा की त्रासदी ऐसी है कि हमारे समकालीन इतिहास में इस जैसी कोई और त्रासदी नहीं है और बेरहम व संगदिल तथा बर्बरता की प्रतीक और साथ ही पतन की ओर बढ़ रही ज़ायोनी सरकार की गुस्ताख़ियों ने किसी भी मुसलमान शख़्स, संगठन, सरकार और संप्रदाय के लिए किसी भी तरह की रवादारी की गुंजाइश नहीं छोड़ी है।
15/06/2024
फ़िलिस्तीन और ग़ज़ा के साबिर व मज़लूम अवाम के फ़ौलादी प्रतिरोध को, जिनके सब्र और दृढ़ता ने दुनिया को उनकी तारीफ़ और सम्मान पर मजबूर कर दिया है, हर ओर से सपोर्ट मिलना चाहिए।
15/06/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार को देश विदेश के साइंस के ओलंपियाडों में मेडल जीतने वालों और असाधारण प्रतिभा के मालिक कुछ स्टूडेंट्स से मुलाक़ात में, इन स्टूडेंट्स को बहुत ज़्यादा गहरी व वास्तविक उम्मीद का सबब बताया।
15/06/2024
दुनिया के बुनियादी विषयों के बारे में इस्लामी जम्हूरिया ईरान का एक स्टैंड है, एक नज़रिया है। फ़िलिस्तीन के मसले में हमारा एक स्टैंड है, अमरीका से जुड़े विषयों के बारे में हमारा एक स्टैंड है, न्यु वर्ल्ड आर्डर के मसले में हमारा एक नज़रिया है, हमारा स्टैंड है और दुनिया इसको मानती है। यही स्वाधीनता है।
15/06/2024
दुआ तो मैं ज़रूर करुंगा, इंशाअल्लाह, आप सभी के लिए, मेरी हमेशा की दुआओं में से एक, आप नौजवानों के लिए है।
15/06/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 15 जून 2024 को साइंस ओलम्पियाडों में मेडल जीतने वाले जवानों से मुलाक़ात में युवा वर्ग और उसकी क्षमताओं के बारे में बात की और साथ ही कुछ अनुशंसाएं कीं। (1)
13/06/2024
पूरे हज में अल्लाह का ज़िक्र है, अल्लाह की याद है। यह ज़िक्र, ज़िंदगी का स्रोत है, इसका हमारी ज़िंदगी पर, हमारे इरादे पर, हमारे संकल्प पर, हमारे बड़े बड़े फ़ैसलों पर असर पड़ेगा।
13/06/2024
अबू हम्ज़ा सुमाली नामक दुआ आत्मज्ञान से भरी हुई है, अरफ़ा नामक दुआ आत्मज्ञान से भरी हुई है; मैं पूरे विश्वास से आप अज़ीज़ लोगों से अर्ज़ कर रहा हूं और आप इस बात को मान लीजिए कि जो कोई भी मिसाल के तौर पर दुआए अरफ़ा को उसके मानी पर ध्यान देते हुए पढ़े, जिस वक़्त इस दुआ को पढ़ना शुरू करता है उस वक़्त से लेकर अंत तक पहुंचते पहुंचते पूरी तरह बदल जाता है उस व्यक्ति की तुलना में जो दुआ पढ़ने से पहले था। चाहे उससे पहले दस बार इस दुआ को पढ़ चुका हो। इस दुआ में ऐसा आत्मज्ञान है। शिक्षा विभाग और पाठ्यक्रम तैयार करने वाली परिषद के सदस्यों से मुलाक़ात में दी गई स्पीच का एक भाग इमाम ख़ामेनेई 16/01/2001
14/06/2024
‘वलीए फ़क़ीह’ के प्रतिनिधि और ईरानी हाजियों के मामलों के सरपरस्त शनिवार को मैदाने अरफ़ात में मुशरिकों से ‘बराअत’ के प्रोग्राम में मोहतरम हाजियों के नाम रहबरे इंक़ेलाब का मुकम्मल पैग़ाम जारी करेंगे।
10/06/2024
संयुक्त राज्य अमरीका के फ़िलिस्तीन के सपोर्टर स्टूडेंट्स के नाम आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के ख़त का एक हिस्सा 25/05/2024
09/06/2024
इस महान और बेग़रज़ (आत्मबलिदानी) इंसान के ओहदे की पूरी मुद्दत, पूरी तरह इस्लाम की दिन रात सेवा के लिए समर्पित थी।   इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति और उनके सम्मानीय साथियों के शहादत जैसे निधन पर इमाम ख़ामेनेई का शोक संदेश 20/05/2024
06/06/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की पैंतीसवीं बरसी के प्रोग्राम में अपने ख़ेताब के एक हिस्से में फ़िलिस्तीन के मसले को इमाम ख़ुमैनी के एक सबसे नुमायां सबक़ और नज़रिए की हैसियत से अपनी गुफ़तगू का विषय बनाया और अलअक़्सा फ़्लड ऑप्रेशन के हालिया वाक़यों और फ़िलिस्तीन के मसले पर उसके हैरतअंगेज़ असर की समीक्षा करते हुए ज़ायोनी सरकार की मौजूदा बदतर हालत पर कुछ पश्चिमी समीक्षकों की बयानों की समीक्षा की।
05/06/2024
इस्लामी जम्हूरिया के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी ने फ़िलिस्तीन के बारे में 50 साल या उससे भी ज़्यादा पहले जो भविष्यवाणी की थी वो आज पूरी हो रही है। 
05/06/2024
इमाम ख़ुमैनी का पक्ष यह था कि ख़ुद फ़िलिस्तीनी अवाम अपना हक़ लें और दुनिया की क़ौमें और मुस्लिम क़ौमें उनका समर्थन करें। अगर यह हो गया तो ज़ायोनी हुकूमत पीछे हटने पर मजबूर हो जाएगी। 
05/06/2024
तूफ़ान अलअक़सा ने पूरे वेस्ट एशिया की राजनीति और अर्थ व्यवस्था पर कंट्रोल हासिल करने की ज़ायोनी हुकूमत की व्यापक योजना को ख़त्म कर दिया और यह उम्मीद ही मिटा दी कि इस योजना को वह दोबारा बहाल कर पाएगी। 
05/06/2024
ज़ायोनिस्ट रेजीम के उच्चाधिकारियों और बड़े ओहदेदारों के अंदर बदहवासी और घबराहट फैली हुई है। उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। 
05/06/2024
पेड़ पौधे और जो कुछ उगता है वो मानव सभ्यता के निर्माण में एक अहम व बुनियादी स्तंभ की हैसियत रखता है। इमाम ख़ामेनेई 05/04/2020
05/06/2024
अज़ीज़ राष्ट्रपति ने ईरान को दुनिया की राजनैतिक हस्तियों की नज़र में ज़्यादा बड़ा और नुमायां कर दिया। इसीलिए आज राजनैतिक हस्तियां जो उनके बारे में बात करती हैं, उन्हें एक नुमायां शख़्सियत बताती हैं।
05/06/2024
अलअक़्सा फ़्लड ऑप्रेशन ज़ायोनी सरकार पर एक निर्णायक वार था, एक ऐसा वार जिसका कोई इलाज नहीं है। ज़ायोनी सरकार को इस वार से ऐसे नुक़सान पहुंचे हैं जिनसे वह कभी नजात हासिल नहीं कर पाएगी
04/06/2024
इमाम ख़ुमैनी का मानना था कि ख़ुद फ़िलिस्तीनी अवाम को दुश्मन यानी ज़ायोनी सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर देना चाहिए, उसे कमज़ोर बना देना चाहिए। आज यह काम हो गया।
04/06/2024
ज़ायोनिस्ट रेजीम दुनिया के लोगों की आंख के सामने पिघलती जा रही है, ख़त्म होती जा रही है। इमाम ख़ामेनेई  3 जून 2024
03/06/2024
आज अपारथाइड ज़ायोनी सरकार के हाथों हो रहा जातीय सफ़ाया, पिछले दसियों साल से जारी शदीद अत्याचारपूर्ण रवैये के ही क्रम का एक भाग है। फ़िलिस्तीन समर्थक जागरुक अंतरात्मा रखने वाले अमरीकी युनिवर्सिटी छात्रों के नाम इमाम ख़ामेनेई का ख़त 25 मई 2024
03/06/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की पैंतीसवीं बरसी के प्रोग्राम में शिरकत की और ख़ेताब किया।
03/06/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सोमवार की सुबह इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की पैंतीसवीं बरसी के प्रोग्राम में एक विशाल जनसभा को ख़ेताब करते हुए इमाम ख़ुमैनी के विचार व नज़रियों में फ़िलिस्तीन के मुद्दे की ख़ास अहमियत को बयान किया और कहा कि फ़िलिस्तीन के बारे में इमाम ख़ुमैनी की पचास साल पहले की भविष्यवाणी धीरे धीरे पूरी हो रही है।
03/06/2024
इमाम ख़ुमैनी ने फ़िलिस्तीन के बारे में 50 साल पहले या उससे भी ज़्यादा पहले पेशीनगोई कर दी थी आज धीरे धीरे वही अमली जामा पहन रही है।
03/06/2024
फ़िलिस्तीनियों ने तूफ़ान अलअक़्सा ऑप्रेशन में दुश्मन को मैदान के ऐसे कोने में पहुंचा दिया है कि उसके पास भागने और नजात का कोई रास्ता नहीं है।
03/06/2024
इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह की 35वीं बरसी के मौक़े पर 3 जून 2024 को तक़रीर करते हुए रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इमाम ख़ुमैनी के दृष्टिकोण और विचारधारा पर प्रकाश डाला।
02/06/2024
मैं यह ख़त उन जवानों को लिख रहा हूँ जिनकी जीवित अंतरात्मा ने उन्हें ग़ज़ा के मज़लूम बच्चों और औरतों के समर्थन के लिए प्रेरित किया है। अमरीका के जवानों और स्टूडेंट्स के नाम  इमाम ख़ामेनेई के ख़त का एक भाग 25/05/2024
01/06/2024
संयुक्त राज्य अमरीका के अज़ीज़ स्टूडेंट्स! आज आप रेज़िस्टेंस के अज़ीम मोर्चे का एक भाग बन गए हैं। प्रतिरोध का बड़ा मोर्चा आपसे बहुत दूर एक इलाक़े में, आपके आज के इन्हीं जज़्बात और भावनाओं के साथ, बरसों से संघर्ष कर रहा है।    अमरीका के जवानों और स्टूडेंट्स के नाम  इमाम ख़ामेनेई के ख़त का एक भाग 25/05/2024
31/05/2024
संयुक्त राज्य अमरीका के अज़ीज़ स्टूडेंट्स! यह हमारी आपसे सहृदयता और समरसता का पैग़ाम है। इस वक़्त आप इतिहास की सही दिशा में, जो अपना पन्ना पलट रहा है, खड़े हुए हैं।
ग़ज़ा के सपोर्टर अमरीकी स्टूडेंट्स से एकजुटता के इज़हार के ख़त में इमाम ख़ामेनेईः

इतिहास अपना पन्ना पलट रहा है और आप उसकी सही दिशा में खड़े हैं

30/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई का ख़त संयुक्त राज्य अमरीका के जवानों और स्टूडेंट्स के नाम
30/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने गुरुवार को सीरिया के राष्ट्रपति जनाब बश्शार असद और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में, रेज़िस्टेंस को सीरिया की नुमायां पहचान बताया और कहा कि इलाक़े में सीरिया की विशेष पोज़ीशन भी इसी नुमायां पहचान की वजह से है जिसे बाक़ी रहना चाहिए। 
30/05/2024
ईरानी क़ौम के प्रति संवदेना जताने के लिए तेहरान आए सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने अपने साथ आए मंत्रीमंडल के साथ गुरूवार 30 मई 2024 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
29/05/2024
ह्यूमन राइट्स के लिए गला फाड़ के दुनिया के कानों को बहरा कर देने वाले कहां हैं? इन्हें क्यों नहीं देखते? क्या यह इंसान नहीं हैं? क्या इनके कोई अधिकार नहीं हैं? इमाम ख़ामेनेई 10 अप्रैल 2024
29/05/2024
डॉक्टर हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान, मुजाहिद और मेहनती विदेश मंत्री
29/05/2024
क़ुम में हज़रत मासूमा के रौज़े में, लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव की माँ की आत्मा को सवाब पहुंचाने के लिए एक मजलिस का आयोजन
27/05/2024
अल्लाह, जनाब रईसी के दर्जे बुलंद करे इंशाअल्लाह। मैं जितना भी सोचता हूँ, ख़ुद मेरे लिए भी, मुल्क के लिए भी और ख़ास तौर पर उनकी फ़ैमिली के लिए भी इस नुक़सान की भरपाई ना मुमकिन नज़र आती है। यानी बहुत बड़ा नुक़सान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती, वाक़ई बहुत सख़्त है, बहुत बड़ा सदमा है। हमें उम्मीद है कि इंशाअल्लाह, अल्लाह उनके दर्जे बुलंद करे और आप लोगों को भी सब्र दे। मुसीबत जितनी सख़्त और बड़ी होती है, अल्लाह का अज्र भी उसी की तुलना में बड़ा और मीठा होता है, इंशाअल्लाह।
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