क़ुरआन से "उंस की महफ़िल" में क़ुरआन के क़ारियों को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की नसीहतः क़ुरआन की तिलावत के वक़्त ख़ुद को अल्लाह के सामने महसूस करें। क़ुरआन के मानी पर ध्यान देने का असर होता है।