हिज़्बुल्लाह और शहीद सैयद ने ग़ज़ा की रक्षा और मस्जिदुल अक़्सा के लिए जेहाद और क़ाबिज़ व ज़ालिम शासन पर वार करके पूरे क्षेत्र की निर्णायक सेवा में क़दम बढ़ाया। अल्लाह का सलाम हो शहीद रहनुमा नसरुल्लाह पर।