जेहाद और रेज़िस्टेंस साहित्य की क़द्रदानी के 19वें सालाना कार्यक्रम और इस्लामी गणराज्य की सेना के परिवारों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्राम में, "आख़रीन फ़ुर्सत" नामक किताब पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के रिव्यू का, गुरूवार की रात को शीराज़ में हज़रत अहमद बिन मूसा काज़िम (शाह चेराग़) अलैहेमस्सलाम के रौज़े में अनावरण हुआ। यह किताब शहीद अली किसाई की जीवनी पर आधारित है, जिसे शहीद की बीवी मोहरतमा रिफ़अत क़ाफ़ेलान कूही ने बयान किया और मोहतरमा सुमैरा अकबरी ने इसे क़लमबंद किया। 

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का रिव्यू इस प्रकार है:

अल्लाह के नाम से

यह अज़ीज़ शहीद, नुमायां शहीदों में हैं। परहेज़गारी से भरी ज़िंदगी, बलिदानी व्यवहार और फिर बहादुरी और मारेफ़त से भरी शहादत जो रश्क करने वाला अंजाम है। ये सब मुबारक हो इस मुख़लिस बदें को... इमाम ख़ुमैनी पर अल्लाह का दुरूद हो जिनका इंक़ेलाब ऐसे क़ीमती रत्न को निकालने और निखारने में सफल हुआ। लेखक का अच्छा क़लम, दुख उठाने वाली रावी का सादा और साफ़ अंदाज़े बयान, इस किताब की ख़ुसूसियतों में है।

जून 2023