अमरीकी राष्ट्रपति ने, इसी शख़्स ने पूरी हो चुकी, मुकम्मल हो चुकी वार्ता, दस्तख़त हो चुके समझौते को मेज़ से उठाकर फेंक दिया, फाड़ दिया। इस इंसान से किस तरह वार्ता की जा सकती है? वार्ता में इंसान को यक़ीन होना चाहिए कि सामने वाला पक्ष उस चीज़ पर अमल करेगा जिसका उसने वादा किया है हम जानते हैं कि वह अमल नहीं करेगा तो फिर किस लिए वार्ता हो?