भारतीय शायर का कलाम सुनने के बाद इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की टिप्पणीः यह बात अहम है कि एक शख़्स जिसकी मातृ भाषा फ़ारसी न हो वह इतनी साफ़ सुथरी ज़बान में शेर कहे। फ़ारसी में बात करना एक कला है और फ़ारसी में शेर कहना दूसरी कला है।