बेहतरीन ख़ानदान वाले, ख़ूबरू, ताक़तवर और दिलनशीं व्यक्तित्व के हज़ारों नौजवान हज़रत अली अलैहिस्सलाम के पांव की धूल के बराबर भी नहीं हैं। हज़ारों आला ख़ानदान की ख़ूबसूरत लड़कियां हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के क़दमों की धूल के बराबर भी नहीं हैं। हज़रत फ़ातेमा ज़हरा पैग़म्बरे इस्लाम की बेटी थीं जो इस्लामी दुनिया के सरदार और हाकिम थे। हज़रत अली भी इस्लाम के सबसे बड़े सिपहसालार थे। अब ज़रा देखिए कि उनकी शादी किस अंदाज़ से हुई? मेहर क्या था? दहेज क्या था? हर काम अल्लाह का नाम लेकर और उसके ज़िक्र के साथ। यह हमारे लिए आदर्श है।
इमाम ख़ामेनेई
6 मई 1996
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा, इस्लामी ख़ातून की बुलंद तरीन सतह पर पहुंचने वाली महिला हैं। इस सतह पर पहुंचने के साथ ही वह माँ की ज़िम्मेदारी को पूरा करती हैं, बीवी के किरदार को अदा करती हैं, घरेलू काम करती हैं। इन चीज़ों को समझने की ज़रूरत है।
दुश्मनों ने इन चार दशकों में हमारी कमज़ोरियों और ख़ामियों से बड़ी उम्मीद लगा रखी थी लेकिन उन्हें बार बार मायूसी हाथ लगी। उनकी मुश्किल यह रही कि इस मायूसी की बुनियादी वजह उनकी समझ में नहीं आई। दुश्मन समझ ही न सके कि दुनिया में राजनैतिक समीकरणों और संबंधों के अलावा कुछ दूसरे समीकरण और संबंध भी मौजूद हैं और वो अल्लाह के क़ानून हैं।
इमाम ख़ामेनेई
28 जून 2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से न्यायपालिका के प्रमुख और अधिकारियों ने तेहरान में मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने समाजों में अल्लाह की अटल परंपराओं की ओर इशारा करते हुए कहाः सन 1981 की बड़ी कटु घटनाओं के मुक़ाबले में ईरानी राष्ट्र और इस्लामी गणराज्य व्यवस्था की हैरतनाक कामयाबी की वजह दुश्मन से न डरना, उसके मुक़ाबले में डट जाना और सतत कोशिश थी।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने ईरान में मनाए जाने वाले न्यायपालिका सप्ताह के मौक़े पर 28 जून 2022 को न्यायपालिका के प्रमुख और ओहदेदारों से मुलाक़ात में इस विभाग की ज़िम्मेदारियों और अहमियत को बयान किया। आपने इस्लामी जुमहूरिया के ख़िलाफ़ दुश्मनों की साज़िशों और उनकी नाकामी के बारे में गुफ़तुगू की। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने सुन्नते इलाही और क़ानूने क़ुदरत के बारे में मार्गदर्शक टिप्पणी की।
तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
यह अरब व ग़ैर अरब हुकूमतें जिन्होंने ज़ायोनियों से हाथ मिलाया, उन्हें गले लगाया, उनके साथ मीटिंगें कीं, कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगी। नुक़सान के अलावा उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है। पहली चीज़ तो यह कि ख़ुद उनके अवाम ख़िलाफ़ हैं। इसके अलावा ज़ायोनी सरकार उनका ख़ून चूस रही है, उनका शोषण कर रही है। यह समझ नहीं रही हैं।
इमाम ख़ामेनेई
8 जून 2022
ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है कि इमाम से मुलाक़ात का जो फ़ायदा, मुलाक़ात करने वाले को मिलता है, वह आपको हासिल हो। ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है। इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स आईआरजीसी से 23 अगस्त सन 2003 को हुई अपनी मुलाक़ात में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत के आदाब या संस्कार बयान किए जो पेश किए जा रहे हैं।
दीन इत्तेहाद का सबब है, प्रगति का कारण है, त्याग और बलिदान की वजह है। दीन के जज़्बे ने क़बीलों को इस अंदाज़ से मैदानों में एक दूसरे के साथ ला खड़ा किया। जातीय फ़र्क़ वग़ैरा को जुदाई की वजह नहीं बनने दिया, मतभेद पैदा नहीं होने दिया
इमाम ख़ामेनेई
21 जून 2022
महान विद्वान, मुजाहिद और राजनेता शहीद डाक्टर मुसतफ़ा चमरान के शहादत दिवस 31 ख़ुरदाद बराबर 21 जून पर और इसी दिन मनाए जाने वाले स्वयंसेवी प्रोफ़ेसरों के राष्ट्रीय दिन के उपलक्ष्य में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने प्रोफ़ेसरों और शिक्षकों के लिए एक संदेश जारी किया।
शहीद चमरान एक महान इल्मी हस्ती थे। वह महान आर्टिस्ट भी थे। उन्होंने ख़ुद मुझ से कहा कि मैं फ़ोटोग्राफ़र हूं। इसके बाद वो मैदाने जंग में आ गए, फ़ौजी वर्दी पहनी और फ़ौजी जवान बन गए। लेकिन इस मैदान में उतरने से पहले वो एक बड़े स्कालर थे। इस मैदान (जेहाद) ने उनको आसमानों पर पहुंचा दिया।
इमाम ख़ामेनेई2
7 नवम्बर 2018
साम्राज्यवाद और ज़ायोनीवाद ने लैटिन अमरीका में प्रगतिशील क्रांति प्रक्रिया ख़ास तौर पर बोलिवर इंक़ेलाब के ख़िलाफ़ साज़िशें की हैं और अब भी कर रहे हैंः निकोलस मादुरो
दूसरे मुल्कों की स्वाधीनता और संप्रभुता अमरीका व पश्चिम के निशाने परअमरीका और पश्चिमी देश, पूर्वी और पश्चिमी एशिया समेत अलग-अलग इलाक़ों में अपने रसूख़ का दायरा बढ़ाने और दूसरे मुल्कों की स्वाधीनता और संप्रभुता पर हमला करने की कोशिश में लगे रहते हैं।
#यूक्रेन
#UKRAINE
इमाम ख़ामेनेई
19 जून 2022
वेनेज़ोएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अपने हालिया तेहरान दौरे पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से भी मुलाक़ात की। उन्होंने इस मुलाक़ात में इस्लामी गणराज्य के स्टैंड और मदद का शुक्रिया अदा करते हुए, अपनी सरकार की साम्राज्य विरोधी नीतियों पर ताकीद की। Khamenei.ir ने इसी संबंध में वेनेज़ोएला के राष्ट्रपति से बातचीत की।
तेहरान के दौरे पर आए कज़ाख़िस्तान के राष्ट्रपति क़ासिम जोमार्त तोकाएफ़ ने रविवार की शाम अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
ईरान और तुर्कमनिस्तान के बीच रिश्तों में विस्तार और गहराई पैदा करना पूरी तरह दोनों मुल्कों के हित में है और पड़ोसी देशों से दोस्ताना रिश्तों को मज़बूत बनाना इस्लामी गणराज्य ईरान की पालीसी है।
इमाम ख़ामेनेई
15 जून 2022
लोगों का सरगर्म रहना बहुत ज़रूरी है। आप देख रहे हैं कि छोटे बड़े शैतान लोगों को बहकाने के चक्कर में हैं जैसा कि उनके सरग़ना ने कहा थाः “मैं ज़रूर इन सबको बहका कर रहूंगा।” (सूरए साद, आयत 82) तो ये, लगातार लोगों को बहकाने में व्यस्त हैं, उन मीडिया साधनों के ज़रिए, जिन्होंने आज किसी भी बात को, किसी भी झूट को फैलाना, हर ग़लत बात को संवारना और उसका तर्क पेश करना बहुत आसान बना दिया है। ये लोग, लगातार समाज के ज़ेहन में कुछ न कुछ उंडेलते रहते हैं, बहकाते रहते हैं ताकि लोगों को उस ईमान से, उस यक़ीन से, उस आशा से, उस आत्मविश्वास से दूर कर दें, उन्हें निराश कर दें। दुश्मन ये कर रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
10 मार्च 2022