हमारे और आपके कुछ पड़ोसी देशों के नेताओं का ज़ायोनी शासन के अधिकारियों के साथ उठना-बैठना है और वे साथ में बैठ कर कॉफ़ी पीते हैं। लेकिन इन्हीं मुल्कों के अवाम क़ुद्स दिवस पर सड़कों को अपनी भारी तादाद और ज़ायोनी विरोधी नारों से भर देते हैं। यही आज इलाक़े की सच्चाई है।
सीरिया के राष्ट्रपति से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर इमाम ख़ामेनेई
08/05/2022
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सोमवार 16/5/2022 की शाम को हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अलहाज सैयद अब्दुल्लाह फ़ातेमी निया के जनाज़े पर फ़ातेहा पढ़ने के साथ ही इस महान उपदेशक और वरिष्ठ धर्मगुरू की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक संदेश जारी करके धर्मगुरू व उपदेशक हुज्जतुल इस्लाम अलहाज सैयद अब्दुल्लाह फ़ातेमी निया के निधन पर शोक जताया है।
बच्चों को प्रतिरोध का महत्व मालूम होना चाहिए। प्रतिरोध करने वाली क़ौम क्या है? यानी वह क़ौम जो ग़ुडा टैक्स की मांग नहीं मानती। #प्रतिरोध देश की मुश्किलों की अकसीर है। क़ौम के अंदर सीना ज़ोरी का मुक़ाबला करने की ताक़त होनी चाहिए। यह चीज़ बचपन से हमारे वुजूद में बिठा दी जानी चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
11 मई 2022
ज़ायोनी सरकार की सांसें उखड़ रही हैं लेकिन इसके बावजूद उसके अपराधों का सिलसिला जारी है और अपने हथियारों से मज़लूमों पर हमले कर रही है। औरतों, बच्चों, बूढ़ों और जवानों सब को क़त्ल कर रही है।
इमाम ख़ामेनेई
29 अप्रैल 2022
ज़ायोनियों के क़दम जहां भी पड़ते हैं वे करप्शन फैलाते हैं और वे दूसरे देशों को किसी तरह की ताक़त और फ़ायदा नहीं पहुंचा सकते। इसलिए हम क्षेत्रीय देशों को चाहिए कि जहां तक मुमकिन हो आपसी सहयोग और समन्वय से अपने रिश्तों को मज़बूत करें।
इमाम ख़ामेनेई
11 मई 2022
अगर घर के अंदर औरत को मानसिक और नैतिक शांति हासिल हो, सुकून और चैन हासिल हो, शौहर वाक़ई बीवी के लिए ‘लिबास’ का किरदार अदा कर रहा हो और इसी तरह बीवी भी शौहर के लिए ‘लिबास’ की भूमिका निभा रही हो। दोनों के बीच उसी अंदाज़ की मुहब्बत हो जिस पर क़ुरआन ने ताकीद की है।
अगर ख़ानदान के अंदर इस क़ुरआनी उसूल पर अमल किया जा रहा हो कि उनको जितनी ज़िम्मेदारी दी गई है उसी मात्रा में उन्हें साधन और अधिकार भी मुहैया कराए जाएं तो ख़ानदान से बाहर का वातावरण और हालात महिला के लिए सहन करने योग्य होंगे। वह उन हालात का सामना कर ले जाएगी।
अगर औरत अपने आवास के अंदर, अपने असली मोर्चे के भीतर अपनी मुश्किलों को कम करने में कामयाब हो जाए तो यक़ीनन समाज के स्तर पर भी वह इसमें कामयाब होगी।
इमाम ख़ामेनेई
4 जनवरी 2012
इस्लामी इन्क़ेलाब के सुप्रीम लीडर, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने गुरुवार को क़तर के अमीर शैख़ तमीम बिन हमद आले सानी और उनके साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में, ईरान और क़तर के बीच राजनैतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
मज़दूर के सिलसिले में पूंजीवादी व्यवस्था की नज़र शोषण पर आधारित है। उनके नज़दीक मज़दूर दौलत कमाने का औज़ार है। पूंजीवादी व्यवस्था की यह सोच है और वे अपनी इस सोच को छिपाते भी नहीं। आर्थिक विषयों की उनकी किताबें आप देखिए तो इसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।
इमाम ख़ामेनेई
8 मई 2022
अंतर्राष्ट्रीय जंग में सीरिया को फ़तह दिलाने में कई कारण प्रभावी रहे। एक अहम वजह ख़ुद आप (जनाब बश्शार असद) का बुलंद हौसला था। इंशाअल्लाह आप इसी जज़्बे के साथ, जंग की तबाही के बाद पुनरनिर्माण का काम पूरा कीजिए क्योंकि अभी आपको बहुत बड़े काम अंजाम देने हैं।
इमाम ख़ामेनेई
8 मई 2022
सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने रविवार को तेहरान का दौरा किया जहां उन्होंने राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी से मुलाक़ात के साथ ही इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से भी बड़ी अहम मुलाक़ात की। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान का कहना है कि इस दौरे की द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग के आयाम से बड़ी अहमियत है। साथ ही इस सफ़र के दूसरे भी कई कारण और उद्देश्य हैं।
हम चाहते हैं कि अपने अज़ीज़ श्रमिकों का शुक्रिया अदा करें और पैग़म्बरे इस्लाम का अनुसरण करते हुए आप के हाथ चूमें और हमारी इच्छा है कि समाज में काम और मेहनत की अहमियत ज़ाहिर हो।
इमाम ख़ामेनेई
8 मई 2022
#सीरिया से सहयोग बढ़ाने के सिलसिले में #ईरान की सरकार के जज़्बे और पुख़्ता इरादे के मद्देनज़र यह कोशिश होनी चाहिए कि दोनों देशों के रिश्ते अतीत से ज़्यादा बुलंदियों पर पहुंचें।
इमाम ख़ामेनेई
8 मई 2022
जन्नतुल बक़ी के विध्वंस पर पूरी इस्लामी दुनिया ने एतेराज़ किया।
इमाम ख़ामेनेई
6 मई 2013
(8 शौवाल जन्नतुल बक़ी को ध्वस्त किए जाने के दिन के उपलक्ष्य में)
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 9 मई 2022 को हाल में गुज़रे मज़दूर दिवस के उपलक्ष्य में देश के श्रमिक वर्ग के लोगों से अपनी सालाना मुलाक़ात में इस वर्ग के महत्व, योगदान, ज़रूरतों, अधिकारों और ज़िम्मेदारियों पर रौशनी डाली।(1)
सुप्रीम लीडर की स्पीच
ख़ानदान और परिवार की बहस में बार बार महिला की भूमिका का ज़िक्र आता है। इसकी वजह भी ज़ाहिर है। घर के अंदर औरत की पोज़ीशन केन्द्रीय हैसियत रखती है। समाज को उसकी अहमियत का एहसास होना चाहिए। घरेलू महिलाओं के कामों की अहमियत का जायज़ा लिया जाना चाहिए। कुछ महिलाएं हैं जो बाहर जाकर नौकरी वग़ैरा कर सकती थीं। कुछ उच्च शिक्षा के लिए जा सकती थीं। कुछ के पास तो उच्च शिक्षा भी थी लेकिन उन्होंने कहा कि हमें बच्चों की परवरिश करनी है, तरबियत करनी है इसलिए हम काम के लिए नहीं निकले। इस तरह की महिलाओं की क़द्र की जानी चाहिए। यहां सज्जनों ने यह भी कहा कि इन महिलाओं का बीमा होना चाहिए। बेशक होना चाहिए। उनकी माली ज़रूरतें पूरी की जानी चाहिए, उनका बीमा और दूसरी ज़रूरतें पूरी होनी चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
4 जनवरी 2012
रमज़ान के महीने को इबादतों, रोज़ेदारी, दुआ, मुनाजात, इलतेजा और विनती की हालत में गुज़ारना और फिर ईदुल फ़ित्र के वातावरण में क़दम रखना एक मोमिन इंसान के लिए वास्तविक ईद है। यह ईद दुनिया के भौतिक उत्सवों जैसी नहीं है। यह अल्लाह की रहमत व बख़शिश की ईद है।
इमाम ख़ामेनेई
4 नवम्बर 2022
नमाज़ गुज़ारों, ईरानी क़ौम और पूरे इस्लामी जगत को ईदे फ़ित्र की मुबारकबाद पेश करता हूं। अज़ीज़ भाइयो और बहनो इस महीने में जो कुछ आपने हासिल किया है, वह आपके लिए इलाही पूंजी है।
आज ईदे फ़ित्र है। अल्लाह से ईदी लेने का दिन है। वह दिन है कि जब ईदे फ़ित्र की नमाज़ के क़ुनूत में दसियों लाख भावुक दिलों ने अल्लाह से दुआ की है कि वही नेकियां जो उसने अपने सबसे महान बंदों को प्रदान की हैं, उन्हें भी प्रदान करे और जिन बुराइयों से उसने तारीख़ के सबसे श्रेष्ठ इंसानों को दूर रखा है, उनसे उन्हें भी दूर रखे।
इमाम ख़ामेनेई
26 नवम्बर 2003
हमारे नौजवानों ने इस महीने में जो नूर हासिल किया है इन्शाअल्लाह, वह उसकी हिफ़ाज़त करें। इस ख़ज़ाने को पूरी ज़िदंगी या कम से कम एक साल तक अगली ईद तक और अगले रमज़ान तक संभाल कर रखें। क़ुरआने मजीद से लगाव, अल्लाह की याद , उसके ज़िक्र को, अल्लाह की पसंद के मैदानों में काम इन सब को हमें संभाल कर रखना चाहिए।