इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने वली-अहद का ओहदा क़ुबूल करके वह क़दम उठाया जो सन 40 हिजरी में अहलेबैत की ख़ेलाफ़त का दौर ख़त्म होने के बाद से लेकर पूरी ख़ेलाफ़त की तारीख़ में बेनज़ीर है। वह क़दम था पूरी इस्लामी दुनिया की सतह पर शिया अक़ीद-ए-इमामत का एलान, तक़ैया के पर्दे को चाक करके शिया अक़ीदे को सारे मुसलमानों तक पहुंचाना। इमाम ख़ामेनेई 9 अगस्त 1984