इस्लाम में जिस तरह वैल्यूज़ की बहुत अहमियत है, वैसे ही शैलियोँ की भी अहमियत है, और वैल्यूज़, शैलियोँ में भी ज़ाहिर होनी चाहिएं। आज अगर हम चाहते हैं कि हमारी सरकार सही मायने में इस्लामी हो तो हमें बिना किसी झिझक के इस रास्ते पर आगे बढ़ना होगा। विभिन्न विभागों के अधिकारी, हुकूमत, संसद, न्यायपालिका, मध्यम स्तर के अधिकारी हर एक की कोशिश यही होनी चाहिए कि अपने कामों और लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए सही और नैतिक शैली अपनाए। इस शैली का प्रयोग, संभावित रूप से किसी स्थान पर सत्ता प्राप्त करने के लिहाज़ से नाकामियाँ और समस्याएं पैदा कर सकता है लेकिन यह बात तय है कि इस्लाम की नज़र में और अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम की नज़र में अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल किसी भी तरह सही नहीं है। अली का रास्ता ये है और हमें इसी तरह आगे बढ़ना चाहिए।

इमाम ख़ामेनेई

16/3/2001