सवालः क्या इस्लाम के दुश्मन की ओर से मीडिया, साइबर स्पेस वग़ैरह में छेड़ी गयी सॉफ़्ट वॉर से संघर्ष और सच बात को बयान करने का जेहाद, शरई लेहाज़ से वाजिब है?

जवाबः अगर लोगों के बीच, साइबर स्पेस में और मीडिया में कोई बुराई अंजाम पाए या किसी भलाई को नज़रअंदाज़ किया जाए, मिसाल के तौर पर धार्मिक अक़ीदा और सही आस्था को कमज़ोर करें और अल्लाह के हुक्म का मज़ाक़ उड़ाएं या उसकी तौहीन करें, उन सभी पर जो हक़ बात को बयान करने, उसका सपोर्ट करने की क्षमता रखते हैं और असरअंदाज़ हो सकते हैं, तो यह वाजिबे किफ़ाई है और उन्हें फ़ौरन अपने फ़र्ज़ पर अमल करना चाहिए।