बेसत का दिन यक़ीनन तारीख़े इंसानियत का सबसे अज़ीम दिन है। क्योंकि वो हस्ती जिससे अल्लाह ने ख़ेताब फ़रमाया और जिस के कांधों पर अज़ीम ज़िम्मेदारी रखी, तारीख़ की सबसे अज़ीम हस्ती और कायनात की सबसे अज़ीम मख़लूक़ है। इसी तरह वह ज़िम्मेदारी भी जो इस अज़ीम इंसान के कांधे पर रखी गई, यानी इंसानों को नूर की वादी में ले जाने की ज़िम्मेदारी वह भी सबसे अज़ीम ज़िम्मेदारी थी। इमाम ख़ामेनेई 17 नवम्बर 1998
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