अपराधी ज़ायोनी सरकार के हाथों ईरान के कुछ अवाम, कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों की शहादत के चेहलुम के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने एक पैग़ाम जारी किया है।
इस्लामी इक़ेलाब के नेता का पैग़ाम इस प्रकार हैः
बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम
सरबुलंद ईरानी क़ौम!
हमारे अज़ीज़ हमवतनों की शहादत का, कि जिसमें सैन्य लेहाज़ से क़ाबिल जनरल और अहम परमाणु वैज्ञानिक शामिल थे, चालीसवां आ पहुंचा। यह चोट, अपराधी और घटिया ज़ायोनी गुट ने जो ईरानी क़ौम का घटिया और उद्दंडी दुश्मन है, पहुंचायी। इस बात में शक नहीं कि शहीद बाक़ेरी, शहीद सलामी, शहीद रशीद, शहीद हाजीज़ादे और शहीद शादमानी जैसे कमांडरों और दूसरे फ़ौजियों और शहीद तेहारनची, शहीद अब्बासी और दूसरे वैज्ञानिकों को खोना हर क़ौम के लिए बहुत भारी है, लेकिन मूर्ख और तंग नज़र दुश्मन अपने लक्ष्य को न पा सका। भविष्य बताएगा कि इंशाअल्लाह सैन्य और विज्ञान के क्षेत्र में विकास, विगत की तुलना में ज़्यादा ऊंचे क्षितिज तक पहुंचेगा।
हमारे शहीदों ने ख़ुद ऐसे रास्ते को चुना था कि जिसमें शहादत के ऊंचे दर्जे तक पहुंचने की संभावना कम नहीं थी और आख़िर में उस आरज़ू तक पहुंच गए जो सभी बलिदानियों की होती है; उन्हें मुबारक हो; लेकिन उसका दुख ईरानी क़ौम ख़ास तौर पर शहीदों के घर वालों और ख़ास तौर पर उन लोगों के लिए जो उन्हें क़रीब से पहचानते थे, बहुत ज़्यादा है।
इस वाक़ए में रौशन बिन्दुओं को भी साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। पहले घर वालों का धैर्य, सब्र और जज़्बाती मज़बूती जो सिर्फ़ इस्लामी गणराज्य के हालात में नज़र आती है। दूसरे, शहीदों के अधीन इकाइयों की दृढ़ता है कि जिसने भारी वार की वजह से अवसर को निकलने नहीं दिया और उनके आगे बढ़ने की राह में रुकावट पैदा नहीं होने दी और तीसरे, ईरानी क़ौम की चमत्कारिक दृढ़ता कि जिसका जलवा आत्मिक एकता और एकजुट अंदाज़ में दृढ़ता के लिए उनके मज़बूत इरादे के मैदान में नज़र आया। इस्लामी ईरान ने इस वाक़ए में एक बार फिर अपने बुनियादी ढांचे की मज़बूती को दिखायी। ईरान के दुश्मन निर्रथक कोशिश कर रहे हैं। इस्लामी ईरान अल्लाह की तौफ़ीक़ और उसकी इजाज़त से दिन ब दिन ज़्यादा से ज़्यादा ताक़तवर होगा।
अहम बात यह है कि हम इस हक़ीक़त और उस ज़िम्मेदारी की ओर से, जो हमारे कंधे पर है, ग़फ़लत न करें। राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना, हर एक का फ़र्ज़ है। सभी विभागों में विज्ञान और टेक्नॉलोजी में तरक़्क़ी के लिए तेज़ रफ़्तारी, वैज्ञानिकों का फ़रीज़ा है। मुल्क और क़ौम के सम्मान और इज़्ज़त की रक्षा वक्ताओं और लेखकों की ऐसी ज़िम्मेदारी है जिससे मुंह मोड़ा नहीं जा सकता। सुरक्षा और राष्ट्रीय स्वाधीनता की रक्षा करने वाले उपकरणों से मुल्क को दिन ब दिन ज़्यादा से ज़्यादा लैस करना, सैन्य कमांडरों का फ़रीज़ा है। मुल्क के कामों के लिए गंभीरता से कोशिश करना और उसे अंजाम तक पहुंचाना, कार्यपालिका की सभी ज़िम्मेदार इकाइयों का फ़रीज़ा है। लोगों के दिलों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन, उसे पाक करना, सब्र, सुकून और दृढ़ता के लिए अनुशंसा करना, धर्मगुरूओं का फ़रीज़ा है... और इंक़ेलाबी जज़्बे, शौक़ और समझ को बनाए रखना हम में से हर एक ख़ास तौर पर नौजवानों का फ़रीज़ा है। सर्वशक्तिमान और मेहरबान अल्लाह, सबको कामयाब करे।
ईरानी क़ौम पर दुरूद, शहीद जवानों, शहीद महिलाओं और बच्चों, सभी शहीदों और उनके घर वालों पर सलाम।
आप सब पर सलाम और अल्लाह की रहमत हो।
सैयद अली ख़ामेनेई
25 जूलाई 2025