इस अज़ीम शख़्सियत, हज़रत ज़ैनबे कुबरा सलामुल्लाह अलैहा ने तशरीह का जेहाद, रिवायत का जिहाद शुरू किया। उन्होंने (कर्बला की) घटना के बारे में दुश्मन की बात और रिवायत को हावी नहीं होने दिया। उन्होंने ऐसा काम किया कि अवाम के ज़ेहनों पर उनकी रिवायत छा गई।
इमाम ख़ामेनेई
12 दिसम्बर 2021
आयतुल्लाह ख़ामेनेई सीरिया दौरे पर हज़रत ज़ैनब के रौज़े की ज़ियारत करते हुए, सितम्बर 1984