शहीद की बहन: आग़ा जान! हमें अंगूठी ख़रीदने का मौका नहीं मिला, मेहरबानी करके मुझे और मेरे शौहर को एक-एक अंगूठी दे दीजिए।

कीवर्ड्ज़